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नरसिंहपुर में एक करोड़ की लागत से बने तालाब की हालत दयनीय, नहीं ठहर रहा पानी - condition of pond in Dhilwar is dismal

नरसिंहपुर जिले की तेंदूखेड़ा तहसील के ढिलवार में मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के अंतर्गत एक करोड़ 06 लाख रूपये की लागत से बनाया गया तालाब भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया है. अब इस तालाब में पानी नहीं बस पत्थर दिखाई देता है.

There is no water in pond of Dhilwar
ढिलवार के तालाब में नहीं है पानी
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Published : Nov 8, 2020, 12:29 AM IST

नरसिंहपुर। जिले की तेंदूखेड़ा तहसील के ग्राम पंचायत ढिलवार में मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के अंतर्गत 1.6 करोड़ रूपये की लागत से लगभग 16 एकड़ रकवे में पांच मीटर गहराई का एक तलाब बनाया जाना था, जिसका निर्माण तो किया गया लेकिन इसके निर्माण में उपयोग होने वाले सामान की गुणवत्ता इतनी निम्न स्तर की रही की पिछले साल पहली बरसात में यह तालाब बह गया. उसके बाद इसका फिर से निर्माण किया गया लेकिन अभी भी उचित मात्रा में पानी नहीं ठहर पा रहा है और ऐसा ही रहा तो गर्मी आते-आते पूरा पानी सूख जाएगा.

तालाब की दयनीय हालत

गर्मियों के समय बूंद बूंद पानी के लिए तरसते हैं ढिलवार की ग्रामवासी

ये तालाब प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही का उदाहरण है. ये गांव पथरीले क्षेत्र में होने से यहां पेयजल की बनी समस्या रहती है, यदि पहले ही तालाब का कार्य गुणवत्ता से किया जाता तो लोगों को इस समस्या से निजात मिलती. गांव में लगे हैंडपंपों का जलस्तर भी बढ़ जाता. अभी गर्मियों के दिन में गांव के लोगों को पानी के लिए 5 से 6 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है, तालाब के बनने से ग्रामीणों की सभी समस्याएं खत्म हो जाती.

वहीं जब इस बारे में एसडीएम से बात की गई तो उनका कहना है कि इस बात की मौके पर जाकर जांच करवाई जाएगी, साथ ही इस मामले में दोषी पाए जाने वालों पर भी कार्रवाई की बात एसडीएम ने कही है. अब देखना होगा की प्रशासन द्वारा इस मामले में ग्रामीणों की सुविधा के लिए क्या कार्रवाई की जाती है.

नरसिंहपुर। जिले की तेंदूखेड़ा तहसील के ग्राम पंचायत ढिलवार में मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के अंतर्गत 1.6 करोड़ रूपये की लागत से लगभग 16 एकड़ रकवे में पांच मीटर गहराई का एक तलाब बनाया जाना था, जिसका निर्माण तो किया गया लेकिन इसके निर्माण में उपयोग होने वाले सामान की गुणवत्ता इतनी निम्न स्तर की रही की पिछले साल पहली बरसात में यह तालाब बह गया. उसके बाद इसका फिर से निर्माण किया गया लेकिन अभी भी उचित मात्रा में पानी नहीं ठहर पा रहा है और ऐसा ही रहा तो गर्मी आते-आते पूरा पानी सूख जाएगा.

तालाब की दयनीय हालत

गर्मियों के समय बूंद बूंद पानी के लिए तरसते हैं ढिलवार की ग्रामवासी

ये तालाब प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही का उदाहरण है. ये गांव पथरीले क्षेत्र में होने से यहां पेयजल की बनी समस्या रहती है, यदि पहले ही तालाब का कार्य गुणवत्ता से किया जाता तो लोगों को इस समस्या से निजात मिलती. गांव में लगे हैंडपंपों का जलस्तर भी बढ़ जाता. अभी गर्मियों के दिन में गांव के लोगों को पानी के लिए 5 से 6 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है, तालाब के बनने से ग्रामीणों की सभी समस्याएं खत्म हो जाती.

वहीं जब इस बारे में एसडीएम से बात की गई तो उनका कहना है कि इस बात की मौके पर जाकर जांच करवाई जाएगी, साथ ही इस मामले में दोषी पाए जाने वालों पर भी कार्रवाई की बात एसडीएम ने कही है. अब देखना होगा की प्रशासन द्वारा इस मामले में ग्रामीणों की सुविधा के लिए क्या कार्रवाई की जाती है.

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