नरसिंहपुर। जिले में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के कारण लगाए गए लॉकडाउन का असर नगरीय इलाकों में देखने को मिला है. लॉकडाउन के दौरान जिला मुख्यालय और अन्य कस्बों में बाजार बंद रहे, सड़कों पर सन्नाटा दिखा. इस दौरान बस प्रशासनिक वाहनों के सायरन सुनने को मिले और प्रशासन द्वारा कोरोना के बचाव के लिए जनता को जागरुक भी किया गया. जिले के लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर डर बढ़ रहा है, लोग अब कहने लगे है कि यदि हमारी लापरवाही जारी रही तो आने दिनों में परेशानियां और बढ़ सकती हैं. लॉकडाउन के दिन जिले के नगरीय क्षेत्र नरसिंहपुर, करेली, गोटेगांव, गाडरवारा, तेंदूखेड़ा में इसका प्रभावी असर रहा.
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- 10 दिन का लॉकडाउन
जिले में लॉकडाउन से कामकाज बंद होने की चिंता भी लोगों को सता रही है. यदि लॉकडाउन लंबा चलेगा तो इसका व्यापार पर भी खासा असर देखने को मिल सकता है. गौरतलब है कि नरसिंहपुर जिला प्रशासन ने शनिवार और रविवार लॉकडाउन लगाया था, लेकिन बढ़ते कोरोना वायरस मरीजों की तादाद को देखते हुए यह लॉकडाउन को 12 से 22 अप्रैल तक कर दिया गया है. 10 दिनों तक लॉकडाउन लगाने से कोरोना की चेन को तोड़ा जा सकता है, लेकिन इससे आम जनता और गरीब तबके के लोगों को बेहद परेशानियां उठानी पड़ रही हैं.
- रोजाना 30-40 कोरोना मरीज
जिले में कोरोना संक्रमण वर्तमान में बेकाबू हो गया है. अब तक एक दिन भी ऐसा नहीं रहा, जिस दिन कोरोना संक्रमित न मिले हो. प्रतिदिन औसतन 30-40 की संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं. दो दिवसीय संपूर्ण लॉकडाउन के पहले दिन बेवजह घरों से निकलने वालों के खिलाफ पुलिस ने खूब सख्ती दिखाई है. पुलिस ने बिना मास्क पहने बेवजह घूमने वालों से जुर्माना भी वसूल किया गया.