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नरसिंहपुरः जिला अस्पताल के हाल बेहाल, डॉक्टरों को अब तक नहीं मिली PPE किट

नरसिंहपुर में जनप्रतिनिधियों की डेढ़ महीने पहले स्वीकृति के बावजूद भी आज तक स्वास्थ्य अमले को PPE किट नहीं मिल पाया है. वहीं लचर व्यवस्थाओं को लेकर राज्यमंत्री और नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह ने नाराजगी जताई है.

Doctors still have not received PPE kit at Narsinghpur District Hospital
नरसिंहपुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों को अब तक नहीं मिली पीपीई किट
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Published : May 5, 2020, 3:45 PM IST

नरसिंहपुर। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बेहद खस्ता है. जनप्रतिनिधियों की डेढ़ माह पहले स्वीकृति के बावजूद भी आज तक स्वास्थ्य अमले को PPE किट जैसी चीजें भी नसीब नहीं हो पाई है. पूर्व राज्यमंत्री और नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह ने भी लचर व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई है.

व्यवस्थाओं की कमी

मध्यप्रदेश के ग्रीन जोन में शामिल नरसिंहपुर जिला जिस तरह से रेड जोन जिले की सीमाओं से घिरा है, ऐसे में यहां भी कोरोना का खौफ देखा जा रहा है. वहीं जनप्रतिनिधियों की राशि स्वीकृति के डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी अस्पताल में कोरोना से लड़ने के लिए व्यवस्था नहीं है. राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी ने पिछले करीब डेढ़ महीने पहले जिला अस्पताल में वेंटिलेटर साइड डायलिसिस मशीन देने की स्वीकृति दी थी, इसके बावजूद आज तक इन व्यवस्थाओं का शुरू नहीं हो पाना कहीं ना कहीं प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है.

अगर महामारी फैली तो क्या होगा ?

वहीं पिछले दिनों अस्पताल में स्वास्थ्य अमले को पीपीई किट बांटने पहुंचे पूर्व राज्य मंत्री और नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल ने जब डॉक्टरों को पॉलिथीन पहने देखा तो बेहद दुखी हुए. इस मामले में उन्होंने जिला प्रबंधन को दोषी बताते हुए कहा कि डेढ़ महीने पहले विधायक निधि से 10 लाख की राशि स्वीकृति के बावजूद बैठकों में जनप्रतिनिधियों से लगातार जिला प्रशासन झूठ बोलता रहा और आलम ये है कि महामारी से लड़ने हमारे पास छोटे-छोटे इंतजाम तक नहीं हैं.

नरसिंहपुर कलेक्टर, जिला आपदा प्रबंधन को मेडिकल सुविधाएं शुरू करने का आश्वासन देते नजर आ रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं जुटाई गई है.

नरसिंहपुर। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बेहद खस्ता है. जनप्रतिनिधियों की डेढ़ माह पहले स्वीकृति के बावजूद भी आज तक स्वास्थ्य अमले को PPE किट जैसी चीजें भी नसीब नहीं हो पाई है. पूर्व राज्यमंत्री और नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह ने भी लचर व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई है.

व्यवस्थाओं की कमी

मध्यप्रदेश के ग्रीन जोन में शामिल नरसिंहपुर जिला जिस तरह से रेड जोन जिले की सीमाओं से घिरा है, ऐसे में यहां भी कोरोना का खौफ देखा जा रहा है. वहीं जनप्रतिनिधियों की राशि स्वीकृति के डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी अस्पताल में कोरोना से लड़ने के लिए व्यवस्था नहीं है. राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी ने पिछले करीब डेढ़ महीने पहले जिला अस्पताल में वेंटिलेटर साइड डायलिसिस मशीन देने की स्वीकृति दी थी, इसके बावजूद आज तक इन व्यवस्थाओं का शुरू नहीं हो पाना कहीं ना कहीं प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है.

अगर महामारी फैली तो क्या होगा ?

वहीं पिछले दिनों अस्पताल में स्वास्थ्य अमले को पीपीई किट बांटने पहुंचे पूर्व राज्य मंत्री और नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल ने जब डॉक्टरों को पॉलिथीन पहने देखा तो बेहद दुखी हुए. इस मामले में उन्होंने जिला प्रबंधन को दोषी बताते हुए कहा कि डेढ़ महीने पहले विधायक निधि से 10 लाख की राशि स्वीकृति के बावजूद बैठकों में जनप्रतिनिधियों से लगातार जिला प्रशासन झूठ बोलता रहा और आलम ये है कि महामारी से लड़ने हमारे पास छोटे-छोटे इंतजाम तक नहीं हैं.

नरसिंहपुर कलेक्टर, जिला आपदा प्रबंधन को मेडिकल सुविधाएं शुरू करने का आश्वासन देते नजर आ रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं जुटाई गई है.

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