नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश सहकारी समिति के कर्मचारी 6 मई से अपनी मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करने जा रहे हैं. सरकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस चौहान के आह्वान पर कर्मचारियों ने यह फैसला किया है. कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए आंदोलन की तैयारी की है. इस आंदोलन का असर खाद्यान्न वितरण में गरीब वर्ग के लोग और किसानों पर देखने को मिल सकता है.
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
मध्य प्रदेश सहकारी समिति के कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. संघ के प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद सफी खान ने बताया कि इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था. मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया को सभी ने ज्ञापन भी सौंपा. लेकिन आश्वासन देने के बाद भी सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी. लिहाजा कर्मचारियों में नाराजगी देखी गई. और अब एक बार फिर सभी को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी. मोहम्मद सफी ने बताया कि कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी ज्ञापन सौंपा था.
गेहूं खरीदी पर कोरोना 'इफेक्ट', 50 फीसदी किसानों ने ही बेचा गेहूं
गरीब, किसानों को होगी परेशानी
मध्य प्रदेश सहकारी समिति के कर्मचारियों की हड़ताल से गरीब वर्ग और किसानों को काफी परेशानी हो सकती है. दरअसल प्रदेश भर में गेहूं-चना उपार्जन की खरीदी चल रही है. ऐसे में हड़ताल की वजह से खरीदी बंद हो जाएगी, और किसानों अपना उत्पादन नहीं बेच पाएंगी. वहीं हड़ताल से सरकारी राशन दुकानें भी बंद रहेंगी. लिहाजा गरीब वर्ग के लोग राशन नहीं खरीद सकेंगे. कोरोना काल में ऐसे में उन्हें भी काफी परेशानी हो सकती है.