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कमलनाथ सरकार का फैसला, आंगनबाड़ी केंद्रों को बनाया जाएगा नर्सरी स्कूल

कमलनाथ सरकार जल्द आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी स्कूलों की तरह बनाने जा रही है.नरसिंहपुर जिले में इस योजना का शुभारंभ विधायक संजय शर्मा की उपस्थिति में हुआ.

आंगनबाड़ी केंद्रों को बनाया जाएगा नर्सरी स्कूल
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Published : Aug 31, 2019, 5:11 PM IST

नरसिंहपुर। प्रदेश में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कमलनाथ सरकार हर जरुरी कदम उठा रही है. इसके तहत सरकार अब आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी स्कूलों की तर्ज पर बनाने जा रही है. इसकी घोषणा महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने ग्वालियर में एक कार्यक्रम में कर चुकी है.

आंगनबाड़ी केंद्रों को बनाया जाएगा नर्सरी स्कूल
इस योजना के पीछे सरकार का मकसद ये भी है कि स्कूल में दाखिला दिलाने से पहले बच्चों को खेल-खेल में नर्सरी की पूरी शिक्षा दी जाए.बता दें कि अभी तक आंगनबाड़ी केंद्रों को केवल पोषण आहार के साधन के तौर पर देखा जाता है. लेकिन अब प्रदेश के 313 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे होंगे, जहां वाटर कूलर, एसी और बैठने के इंतजाम प्राइवेट स्कूलों की तरह बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही बच्चों को आकर्षित करने के लिए आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र में रंग-बिरंगी साज-सज्जा की जाएगी. कक्ष में दीवारों पर चार्ट, पोस्टर, कटआउट आदि लगाए जाएंगे.

नरसिंहपुर। प्रदेश में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कमलनाथ सरकार हर जरुरी कदम उठा रही है. इसके तहत सरकार अब आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी स्कूलों की तर्ज पर बनाने जा रही है. इसकी घोषणा महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने ग्वालियर में एक कार्यक्रम में कर चुकी है.

आंगनबाड़ी केंद्रों को बनाया जाएगा नर्सरी स्कूल
इस योजना के पीछे सरकार का मकसद ये भी है कि स्कूल में दाखिला दिलाने से पहले बच्चों को खेल-खेल में नर्सरी की पूरी शिक्षा दी जाए.बता दें कि अभी तक आंगनबाड़ी केंद्रों को केवल पोषण आहार के साधन के तौर पर देखा जाता है. लेकिन अब प्रदेश के 313 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे होंगे, जहां वाटर कूलर, एसी और बैठने के इंतजाम प्राइवेट स्कूलों की तरह बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही बच्चों को आकर्षित करने के लिए आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र में रंग-बिरंगी साज-सज्जा की जाएगी. कक्ष में दीवारों पर चार्ट, पोस्टर, कटआउट आदि लगाए जाएंगे.
Intro:खेल-खेल में नर्सरी की पूरी शिक्षा अब आंगनबाड़ी में देने की तैयारी
आंगनबाड़ियों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाने का प्रयासBody:*खेल-खेल में नर्सरी की पूरी शिक्षा अब आंगनबाड़ी में देने की तैयारी*
*आंगनबाड़ियों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाने का प्रयास*

तेंदूखेड़ा नरसिंहपुर

आज से 313 आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी स्कूलों की तरह बनाया जा रहा है. राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी आज सुबह ग्वालियर में इस योजना का औपचारिक उद्घाटन किया. इसी तर्ज पर नरसिंहपुर जिले की तेंदूखेड़ा विधानसभा के अंतर्गत ग्राम चिरहकला में इस योजना का शुभारंभ किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर तेन्दूखेड़ा विधायक संजय शर्मा सहित आला अधिकारी भी उपस्थित रहे अधिकारियों ने इस कार्यक्रम से संबंधित जानकारी दीं की इस योजना के पीछे सरकार का मकसद ये है कि स्कूल में दाखिला दिलाने से पहले बच्चों को खेल-खेल में नर्सरी की पूरी शिक्षा दी जाए.अभी तक आंगनबाड़ी केंद्रों को केवल पोषण आहार के केंद्र के तौर पर देखा जाता है. अब प्रदेश के 313 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे होंगे, जहां वाटर कूलर, एसी और बैठने के इंतजाम प्राइवेट स्कूलों की तरह बनाए जा रहे हैं.

बाल शिक्षा केन्द्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बच्चों को वर्ष भर कराई जाने वाली गतिविधियों का संकलन तथा मासिक तथा साप्ताहिक कैलेण्डर की जानकारी उपलब्ध कराई गई है. इसके तहत तीन से छह वर्ष के बच्चों के विकास का अवलोकन करने के लिए आयु समूह के अनुसार शिशु विकास कार्ड बनाए गए हैं. बयान में कहा गया है कि बच्चों को आकर्षित करने के लिए आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र में रंग-बिरंगी साज-सज्जा की जाएगी. कक्ष में दीवारों पर चार्ट, पोस्टर, कटआउट आदि लगाए जाएंगे. इसके साथ ही बच्चों द्वारा बनाई गई सामग्री का भी प्रदर्शन किया जाएगा. बच्चों के खेलने के लिए अलग-अलग कोने जैसे गुड़िया घर का कोना, संगीत का कोना, कहानियों का कोना, विज्ञान एवं पर्यावरण प्रयोग का कोना आदि बनाए जाएConclusion:बाल शिक्षा केन्द्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बच्चों को वर्ष भर कराई जाने वाली गतिविधियों का संकलन तथा मासिक तथा साप्ताहिक कैलेण्डर की जानकारी उपलब्ध कराई गई है. इसके तहत तीन से छह वर्ष के बच्चों के विकास का अवलोकन करने के लिए आयु समूह के अनुसार शिशु विकास कार्ड बनाए गए हैं. बयान में कहा गया है कि बच्चों को आकर्षित करने के लिए आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र में रंग-बिरंगी साज-सज्जा की जाएगी. कक्ष में दीवारों पर चार्ट, पोस्टर, कटआउट आदि लगाए जाएंगे. इसके साथ ही बच्चों द्वारा बनाई गई सामग्री का भी प्रदर्शन किया जाएगा. बच्चों के खेलने के लिए अलग-अलग कोने जैसे गुड़िया घर का कोना, संगीत का कोना, कहानियों का कोना, विज्ञान एवं पर्यावरण प्रयोग का कोना आदि बनाए जाए
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