मुरैना(Morena)। जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से अब नदियों का जलस्तर बढ़ गया है.जिसके चलते आसन नदी और क्वारी नदी के बसे गांव में पानी भरने की संभावना बनी हुई है.गांव से निकलने वाले रास्तों और सड़कों पर बने नालों के ऊपर पानी बह रहा है. जिसके चलते हर समय हादसे की संभावना बनी रहती है.पर पुलिस और ना ही प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है यही वजह है कि हाल ही में दिमनी थाना क्षेत्र में 2 बच्चों की नाले में डूबने से मौत भी हो चुकी है. पर जब इस बारे अधिकारियों से बात की गई तो उनके अनुसार वह लगातार सतर्क हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सबलगढ़ कैलारस मार्ग पर क्वारी नदी में अधिक पानी आ जाने से पुल और सड़क में दरार से भारी वाहनों के लिए आवागमन बंद करा दिया गया है .क्वारी नदी के किनारे बसे गांव में जो लोग फंसे हुए हैं उन्हें भी रेस्क्यू कर निकाला जा रहा है.
क्वारी और आसन नदी के किनारे बसे गांव में अलर्ट जारी
जिले के आसपास इलाकों में पिछले 4 दिनों से लगातार बारिश होने से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. रह रह कर हो रही बारिश ने कई सालों बाद ऐसी स्थिति पैदा की है कि क्वारी और आसन नदी के किनारे बसे गांव में अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि गांव के रास्तों पर बने नालों में अधिक पानी होने से हर समय हादसे की संभावना बनी रहती है.वहीं ग्रामीण लोग ऐसे बरसाती पानी में नहाने के लिए भी उतर रहे हैं जिससे कि हादसे की संभावना हर समय बनी हुई है. सड़क के ऊपर पानी आने के बाद भी सड़क को पार करने की तस्वीरें भी लगातार देखी जा सकती हैं इस बारे में अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने पूरी तरह से सतर्कता बरतते हुए मौन क्लिक करने के दावे किए हैं पर अगर यह दावे सही है तो दिमनी थाना क्षेत्र में दो बच्चों की मौत कैसे हो गई और मौत होने के बाद भी जिला प्रशासन अभी तक सचेत क्यों नहीं हुआ यह बड़ा सवाल है.
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खतरे के निशान से ऊपर बह रही क्वारी और आसन नदी
क्वारी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. कैलारस क्षेत्र में क्वारी नदी खतरे के निशान को पार कर नैरोगेज ट्रेन के पुल पर एमएस रोड पर बने नए पुल के करीब पहुंच चुकी है. क्वारी नदी के पानी से कैलारस जनपद की सुजर्मा ग्राम पंचायत में आने वाली पुरानी संतपुरा बस्ती पानी से घिर गई. इसकी सूचना मिलते ही तहसीलदार भरत कुमार, बाढ़ राहत टीम और पुलिस को लेकर गांव में पहुंचे.
गांव का रास्ता अभी पानी में नहीं डूबा था, इसलिए गांव में रह रहे सोवरन शाक्य, कल्याण शाक्य, पप्पू शाक्य, श्यामू कुशवाह और रमेश शाक्य के परिवारों को गांव छोड़ने के लिए कह दिया गया. बताया गया है कि कुछ परिवार रात में ही गांव से बाहर आ गए हैं. ग्रामीणों के अनुसार जब भी क्वारी नदी खतरे के निशान पर पहुंचती है तब पुरानी संतपुरा बस्ती जो नदी किनारे बसी है वह टापू बन जाती है। साल 1971 में भी क्वारी नदी में इतना ही पानी आया, तब यह बस्ती पूरी खाली हो गई, उसके बाद सालों तक नदी में पानी नहीं आया तो कुछ परिवार एक-एक करके यहां पुराने मकानों में आकर बस गए हैं. उधर क्वारी नदी के उफान से एमएस रोड पर बने नए पुल से जुड़ी एप्रोच रोड के धंसने की सूचना के बीच प्रशासन की टीम व इंजीनियर मौके पर पहुंचे, जिन्हाेंने एप्रोच रोड के किनारे डली मिट्टी में दरार देख इसे सामान्य घटना बताया.