मुरैना। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा भोपाल में निकाली गई रैली के संबंध में कांग्रेस पर निशाना साधा है. वीडी शर्मा ने कहा कि फ्रांस को लेकर भोपाल में कांग्रेस के विधायक के नेतृत्व में जिस तरह रैली निकाली गई है, ये देशद्रोह का मामला है और इसमें भारत सरकार को भी संज्ञान लेना चाहिए. साथ ही कांग्रेस पार्टी को भी अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए कि ये कांग्रेस विधायक द्वारा निकाली गई रैली में कांग्रेस देश हित में काम कर रही है, या देशद्रोहियों को संरक्षण देकर उनका साथ दे रही है.
वीडी शर्मा चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के साथ मुरैना पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति के विरोध में भोपाल में कांग्रेस विधायक के नेतृत्व में निकाली गई रैली को कांग्रेस के संरक्षण में देशद्रोह का काम किए जाने की बात कही. वीडी शर्मा ने आरिफ मसूद के खिलाफ कांग्रेस पार्टी को संज्ञान लेने की बात कही है, उन्होंने कहा कि तत्काल कांग्रेस इस पर कार्रवाई करे, और अपनी नीति को स्पष्ट करे कि ये कांग्रेस के नेतृत्व में कराई गई गतिविधि थी या नहीं. अगर नहीं थी तो कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ कार्रवाई करें. विष्णु दत्त शर्मा ने सरकार से भी मांग करते हुए कहा है कि सरकार इस पर संज्ञान ले और देशद्रोह की श्रेणी में आने वाली गतिविधि पर सख्ती के साथ कार्रवाई करे.
बता दें फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान को लेकर दुनियाभर के मुसलमानों में गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है. राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में भी विधायक आरिफ मसूद की अगुवाई में हजारों की तादाद में लोग इकट्ठा हुए और फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही उनसे माफी मांगने की अपील की. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाईं गईं, जिसके चलते पुलिस ने विधायक आरिफ मसूद समेत दो हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सख्त रुख का विरोध
फ्रांस में हालिया समय में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा आम लोगों के सिर काटने और चाकूबाजी जैसी घटनाओं पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सख्त रुख अपनाने की बात कही थी. उनके इस बयान पर दुनियाभर में मुस्लिमों ने प्रदर्शन किया. तुर्की से लेकर बांग्लादेश तक मैक्रों के खिलाफ जबरदस्त विरोध हुआ था.
बख्शा नहीं जाएगा- शिवराज सिंह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा था कि 'मध्य प्रदेश शांति का टापू है, हम इसकी शांति को भंग करने वाले लोगों से सख्ती से निपटेंगे. इस मामले में आईपीसी 188 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. कोई भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. वह चाहे कोई भी हो.' इसके अलावा अन्य भाजपा के नेताओं ने भी नाराजगी जताई है.
भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस विधायक की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन के बाद भाजपा कांग्रेस पर हमलावर गई थी. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत कई नेताओं ने कांग्रेस पर हमला बोला और सोनिया गांधी से विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
पूर्व सीएम उमा भारती ने ट्वीट किया कि 'फ्रांस में हुई घटना के बाद आतंकवाद के समर्थन में भोपाल में जो रैली निकली गई, और कांग्रेस के विधायक ने नेतृत्व किया, यह सीधा-सीधा राष्ट्रद्रोह है.'
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि 'मैं सोनिया गांधी और कमलनाथ से पूछना चाहता हूं कि क्या वो भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा फ्रांस के खिलाफ और आतंकवाद के समर्थन में किए गए प्रदर्शन का समर्थन करते हैं.'
कांग्रेस ने दी सफाई
विरोध के बाद कांग्रेस ने इस प्रदर्शन से खुद को अलग कर लिया है. कांग्रेस मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि आरिफ मसूद ने धार्मिक आस्था के लिए चलते ये कदम उठाया है. अगर किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसे विरोध करने का हक है. इससे कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है. बीजेपी इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रही है. सीएम शिवराज सिंह चौहान इसे राजनीतिक का मुद्दा न बनाएं.
क्यों हो रहा मैक्रों के बयान पर विवाद
यूरोप में फ्रांस ऐसा देश है, जहां की आबादी में 10 फीसदी मुस्लिम हैं. इनमें ज्यादातर दूसरे देशों या फ्रांस के उपनिवेशों से आए लोग शामिल हैं. सीरिया और इराक में आईएस के उभरने के बाद फ्रांस इस आतंकी संगठन के निशाने पर रहा है. कई आतंकी हमलों के बाद राष्ट्रपति मैक्रों इस्लामी आतंकवाद और कट्टरपंथ से लड़ने की बात कह चुके हैं. एक हालिया इंटरव्यू में मैक्रों ने फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता को सर्वोपरि बताते हुए इस्लाम को संकट में पड़ा धर्म बताया था. कुछ ही दिन पहले फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का आपत्तिजनक कार्टून दिखाने वाले एक टीचर की हत्या के बाद मैक्रों ने कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही. इसके बाद फ्रांस में कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और कुछ एनजीओ भी बंद किए गए. इसी के खिलाफ दुनियाभर में उनका विरोध जारी है.