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भोपाल में शिक्षा माफियाओं पर चलेगा कलेक्टर का चाबुक, यूनिफॉर्म और बैग नहीं बेच सकेंगे स्कूल - COLLECTOR ORDER FOR PRIVATE SCHOOL

भोपाल में निजी स्कूलों को लेकर कलेक्टर ने सख्त आदेश जारी किए. प्रबंधन तय दुकानों से शैक्षणिक सामग्री खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे.

COLLECTOR issued ORDER FOR PRIVATE SCHOOL
भोपाल में शिक्षा माफियाओं पर चलेगा कलेक्टर का चाबुक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 9:13 PM IST

भोपाल: राजधानी में संचालित स्कूल अब बच्चों के अभिभावकों को तय दुकानों से शैक्षणिक सामग्री खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे. वहीं स्कूल प्रबंधन बच्चों को यूनिफॉर्म, टाई, जूते और बैग समेत अन्य सामान भी नहीं बेच सकेगा. यहां तक कि बच्चों की शैक्षणिक सामग्री पर भी स्कूल का नाम नहीं होना चाहिए. यदि ऐसा होता है, तो दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी. इसके आदेश भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जारी कर दिए हैं.

शैक्षणिक सामग्री बाजार से खरीदने की छूट

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के आदेश में स्पष्ट लिखा है कि "जिले में संचालित माध्यमिक शिक्षा मण्डल, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तथा आईसीएसई समेत अन्य बोर्ड से संबंधित सभी विद्यालयों को मध्य प्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 02 दिसम्बर 2020 स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में उल्लेखित निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा."

आदेश में है कि "सभी निजी स्कूलों के लिए अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पहले लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तकों की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें और शाला के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जाना चाहिए. जिससे विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक इन पुस्तकों को उनकी सुविधा अनुसार खुले बाजार से क्रय कर सके."

15 जनवरी तक पोर्टल में देनी होगी जानकारी

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा है कि "सभी स्कूल प्रबंधक और प्राचार्य को अपने स्कूल की प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों तथा प्रकाशक की जानकारी को ऑनलाइन वेबसाइट पर 15 जनवरी 2025 तक अनिवार्य रुप से भेजना होगा. साथ ही साथ ही इसकी एक हार्डकापी जिला शिक्षा अधिकारी जिला भोपाल के कार्यालय में जमा करानी होगी. साथ ही विद्यालय के सूचना पटल पर भी अंकित करना होगा कि अभिभावकों को किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने की बाध्यता नहीं है. वो किसी भी दुकान से कॉपी-किताब और यूनिफॉर्म समेत अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीद सकते हैं."

एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि "निजी स्कूल प्रबंधन, परिवहन सुविधाओं के संबंध में परिवहन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करेंगे. प्रत्येक विद्यालय में कक्षाओं में प्रवेश की प्रक्रिया एवं प्रवेश किस दिनांक से कब तक होगें, इसकी सूचना का प्रचार-प्रसार करना भी अनिवार्य होगा. जिससे पालकों एवं प्रवेश कराने वाले पालकों तक सूचना प्राप्त हो सके. संबंधित क्षेत्र के एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराएंगे."

भोपाल: राजधानी में संचालित स्कूल अब बच्चों के अभिभावकों को तय दुकानों से शैक्षणिक सामग्री खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे. वहीं स्कूल प्रबंधन बच्चों को यूनिफॉर्म, टाई, जूते और बैग समेत अन्य सामान भी नहीं बेच सकेगा. यहां तक कि बच्चों की शैक्षणिक सामग्री पर भी स्कूल का नाम नहीं होना चाहिए. यदि ऐसा होता है, तो दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी. इसके आदेश भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जारी कर दिए हैं.

शैक्षणिक सामग्री बाजार से खरीदने की छूट

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के आदेश में स्पष्ट लिखा है कि "जिले में संचालित माध्यमिक शिक्षा मण्डल, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तथा आईसीएसई समेत अन्य बोर्ड से संबंधित सभी विद्यालयों को मध्य प्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 02 दिसम्बर 2020 स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में उल्लेखित निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा."

आदेश में है कि "सभी निजी स्कूलों के लिए अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पहले लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तकों की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें और शाला के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जाना चाहिए. जिससे विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक इन पुस्तकों को उनकी सुविधा अनुसार खुले बाजार से क्रय कर सके."

15 जनवरी तक पोर्टल में देनी होगी जानकारी

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा है कि "सभी स्कूल प्रबंधक और प्राचार्य को अपने स्कूल की प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों तथा प्रकाशक की जानकारी को ऑनलाइन वेबसाइट पर 15 जनवरी 2025 तक अनिवार्य रुप से भेजना होगा. साथ ही साथ ही इसकी एक हार्डकापी जिला शिक्षा अधिकारी जिला भोपाल के कार्यालय में जमा करानी होगी. साथ ही विद्यालय के सूचना पटल पर भी अंकित करना होगा कि अभिभावकों को किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने की बाध्यता नहीं है. वो किसी भी दुकान से कॉपी-किताब और यूनिफॉर्म समेत अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीद सकते हैं."

एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि "निजी स्कूल प्रबंधन, परिवहन सुविधाओं के संबंध में परिवहन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करेंगे. प्रत्येक विद्यालय में कक्षाओं में प्रवेश की प्रक्रिया एवं प्रवेश किस दिनांक से कब तक होगें, इसकी सूचना का प्रचार-प्रसार करना भी अनिवार्य होगा. जिससे पालकों एवं प्रवेश कराने वाले पालकों तक सूचना प्राप्त हो सके. संबंधित क्षेत्र के एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराएंगे."

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