मुरैना। जिले की कैलारस तहसील क्षेत्र के बैरारा जागीर गांव में रहने वाले 100 से ज्यादा आदिवासी परिवार के लोग राशन न मिलने की शिकायत को लेकर मुरैना की न्यू कलेक्ट्रेट पहुंचे. ये सभी आदिवासी आपस में सात हजार रुपए का चंदा इक्ठ्ठा किरए की बस से मुरैना कलेक्टोरेट पहुंचे. जहां उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की है, कि गांव की पीडीएस दुकान को बंद करने के बाद दूसरे गांव में अटैच कर दिया गया है, अब ना तो पुरानी दुकान से राशन मिल रहा है, और ना ही नई पीडीएस दुकान से राशन दिया जा रहा हैं. यहीं वजह है कि हम सभी दो-तीन महीने से राशन के लिए चक्कर काट रहे हैं, और इसकी शिकायत स्थानीय अधिकारियों को करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. कलेक्ट्रेट पहुंचे इन सभी लोगों को जिला आपूर्ति अधिकारी ने मामले की जांच कर और सभी परिवारों को राशन जल्द मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है.
दरअसल कैलारस तहसील में आने वाले बैरारा जागीर का नवलपुरा गांव में रहने वाले 100 से अधिक आदिवासी परिवार, जो की तीन महीने से राशन के लिए दर-बदर भटक रहे हैं, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो पा रही है. आदिवासी परिवारों का कहना है कि पहले उनकी राशन की दुकान बैरारा जागीर की मामचोंन सोसाइटी से मिला करता था, लेकिन अब तीन महीने पहले एसडीएम ने मामचोंन सोसाइटी से बंद करवाकर बैरारा क्षेत्र की निरारा सोसाइटी से अटैच करवा दिया है, जो कि काफी दूर है और उसके बाद ये सभी परिवार 3 महीने से निरारा सोसायटी पर राशन के लिए जा रहे हैं, लेकिन वहां से हर बार आवंटन नहीं होने की बात कहकर उन्हें खाली हाथ लौटा दिया जाता है.
मुरैना के नेशनल हाइवे स्थित न्यू कलेक्टोरेट पहुंचे सभी आदिवासी परिवारों को जिला आपूर्ति अधिकारी बीएस तोमर ने जांच कर और सभी परिवारों को जल्द से जल्द राशन मुहैया कराने का भरोसा देने की बात कह रहे हैं. वहीं इसी मामले में कलेक्टर अनुराग वर्मा का कहना है कि 'ये मामला मेरी संज्ञान में नहीं है, मुझे मीडिया द्वारा पता चला है की आदिवासियों की पीडीएस की दुकान का ट्रांसफर कर दूसरी जगह अटैच कर दिया गया है, जांच करवा कर उसी के अनुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.