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'पॉजिटिव' के प्रति समाज का रवैया भी पॉजिटिव, मरीजों की देखभाल में आगे आ रहे लोग

कोविड-19 संक्रमण से पूरा विश्व और देश प्रभावित है. चूंकि कोविड-19 छूआ-छूत फैलने वाली बीमारी है, इसमें किसी भी व्यक्ति या वस्तु को छूने से वायरस का संक्रमण होता है. लेकिन मुरैना में लोग परिजन हो या कोई अन्य उसके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और गाइडलाइन का पालन करते हुए उनका पूरा साथ दे रहे हैं.

Corona in Morena
मुरैना में कोरोना
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Published : Aug 8, 2020, 7:28 PM IST

मुरैना। कोविड-19 संक्रमित मरीजों के प्रति मुरैना जिले में समाज और परिवार के लोगों का रवैया सकारात्मक है और वह मरीजों को सम्मान देते हुए उनका साथ दे रहे हैं. अगर यहां डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक बंदिशें ना होतीं तो मरीज को 14 दिन तक एकान्त में भी नहीं रख पाते. ये लोगों की भावनाएं हैं, जिसके चलते कोरोना से संक्रमित मरीजों को अपने परिजन और अन्य लोगों का भावनात्मक लगाव मिल रहा है जो उन्हें इस संकट की घड़ी में मानसिक रूप से मजबूत बना रहा है.

कोरोना काल में सकारात्मक है समाज का रवैया

ऐसा ही कुछ मामला बीते रोज जिला अस्पताल में सामने आया, जहां अज्ञात व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक की पहचान होने पर उसके परिजन तमाम नियमों और गाइडलाइन के चलते शव को लेने नहीं आ सके. लेकिन उन्होंने मुरैना में ही रह रहे अपने बहन और बहनोई को मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा, महामारी के इस दौर में संक्रमण का डर होने के कारण जहां लोग अपने परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार करने से मना कर रहे हैं, ऐसे में मृतक के रिश्तेदारों ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उनका अंतिम संस्कार किया. बता दें मृतक का पैतृक गांव फतेहाबाद उत्तर प्रदेश है और उसके परिजन कोरोना संक्रमण काल में संसाधनों के अभाव के कारण शव लेने नहीं आ सके, जिसके बाद मुरैना में उनकी बहन और बहनोई ने मृतक का अंंतिम संस्कार किया.

हालांकि, मृतक देवेंद्र वर्मा कोरोना संक्रमित नहीं थे. लेकिन इतनी दूरी से साधन लेकर आना और जाना और उसके लिए राज्यों की अनुमति लेने जैसी समस्याओं के कारण उसके परिजनों ने उसे सीधे ना लेते हुए अपनी बहन और बहनोई को सौंपने की पुलिस को अनुमति दे दी.

जिले में अभी तक संक्रमण के आंकड़े

जिले में कोविड-19 संक्रमण काल के समय से अभी तक एक लाख 4 हजार लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया, तो 27 हजार 926 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए. जिनमें से 26,652 लोगों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग मुरैना को प्राप्त हुई, इनमें से 24,744 नेगेटिव पाए गए तो वहीं 1718 लोग कोविड-19 संक्रमित निकले. जिन्हें जिला चिकित्सालय के अलावा अन्य क्वारेंटाइन सेंटर में रखकर उपचार दिया गया, 208 सैंपल की रिपोर्ट रिजेक्ट हो गई. इनके पीछे सैंपल रखने में तकनीकी खामियां बताई जा रही हैं.

कोरोना संक्रमित 1718 लोगों में से 1548 लोग पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. तो वहीं 161 लोगों को अभी भी जिले के क्वारेंटाइन सेंटरों में उपचार के लिए रखा गया है. इनमें से 9 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. कोविड-19 संक्रमित मरीजों में 9 लोगों की मृत्यु हुई थी, इनमें से मुरैना के जिला अस्पताल में एक महिला की मृत्यु हुई शेष 8 मरीजों की मृत्यु ग्वालियर या अन्य शहर में इलाज के दौरान हुई थी.

मुरैना। कोविड-19 संक्रमित मरीजों के प्रति मुरैना जिले में समाज और परिवार के लोगों का रवैया सकारात्मक है और वह मरीजों को सम्मान देते हुए उनका साथ दे रहे हैं. अगर यहां डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक बंदिशें ना होतीं तो मरीज को 14 दिन तक एकान्त में भी नहीं रख पाते. ये लोगों की भावनाएं हैं, जिसके चलते कोरोना से संक्रमित मरीजों को अपने परिजन और अन्य लोगों का भावनात्मक लगाव मिल रहा है जो उन्हें इस संकट की घड़ी में मानसिक रूप से मजबूत बना रहा है.

कोरोना काल में सकारात्मक है समाज का रवैया

ऐसा ही कुछ मामला बीते रोज जिला अस्पताल में सामने आया, जहां अज्ञात व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक की पहचान होने पर उसके परिजन तमाम नियमों और गाइडलाइन के चलते शव को लेने नहीं आ सके. लेकिन उन्होंने मुरैना में ही रह रहे अपने बहन और बहनोई को मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा, महामारी के इस दौर में संक्रमण का डर होने के कारण जहां लोग अपने परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार करने से मना कर रहे हैं, ऐसे में मृतक के रिश्तेदारों ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उनका अंतिम संस्कार किया. बता दें मृतक का पैतृक गांव फतेहाबाद उत्तर प्रदेश है और उसके परिजन कोरोना संक्रमण काल में संसाधनों के अभाव के कारण शव लेने नहीं आ सके, जिसके बाद मुरैना में उनकी बहन और बहनोई ने मृतक का अंंतिम संस्कार किया.

हालांकि, मृतक देवेंद्र वर्मा कोरोना संक्रमित नहीं थे. लेकिन इतनी दूरी से साधन लेकर आना और जाना और उसके लिए राज्यों की अनुमति लेने जैसी समस्याओं के कारण उसके परिजनों ने उसे सीधे ना लेते हुए अपनी बहन और बहनोई को सौंपने की पुलिस को अनुमति दे दी.

जिले में अभी तक संक्रमण के आंकड़े

जिले में कोविड-19 संक्रमण काल के समय से अभी तक एक लाख 4 हजार लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया, तो 27 हजार 926 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए. जिनमें से 26,652 लोगों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग मुरैना को प्राप्त हुई, इनमें से 24,744 नेगेटिव पाए गए तो वहीं 1718 लोग कोविड-19 संक्रमित निकले. जिन्हें जिला चिकित्सालय के अलावा अन्य क्वारेंटाइन सेंटर में रखकर उपचार दिया गया, 208 सैंपल की रिपोर्ट रिजेक्ट हो गई. इनके पीछे सैंपल रखने में तकनीकी खामियां बताई जा रही हैं.

कोरोना संक्रमित 1718 लोगों में से 1548 लोग पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. तो वहीं 161 लोगों को अभी भी जिले के क्वारेंटाइन सेंटरों में उपचार के लिए रखा गया है. इनमें से 9 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. कोविड-19 संक्रमित मरीजों में 9 लोगों की मृत्यु हुई थी, इनमें से मुरैना के जिला अस्पताल में एक महिला की मृत्यु हुई शेष 8 मरीजों की मृत्यु ग्वालियर या अन्य शहर में इलाज के दौरान हुई थी.

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