मुरैना। देवगढ़ थाना अंतर्गत बबनपुरा गांव और सती माता मंदिर के आसपास बीहड़ों में बाघ की आशंका से दहशत फैल गई है. जंगली जानवर की मौजूदगी मंदिर के पास से लेकर मुख्य सड़क किनारे तक देखी गई. जिससे आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है. सूचना मिलने के बाद बाघ का रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन वन विभाग की टीम को देर शाम तक बाघ नजर नहीं आया.
मुरैना में बाघ की दहशत
शुक्रवार की सुबह सरसेनी बबनपुरा गांव में खेत पर काम कर रहे लोगों ने बाघ दिखने का दावा किया. ग्रामीणों का कहना है कि, बाघ गांव की तरफ आ रहा था, लेकिन वहां पर मौजूद गांव वालों ने लाठी-डंडे दिखाकर और शोर कर उसे भगा दिया. जिसके बाद बाघ सती माता मंदिर के पास मुख्य सड़क किनारे दिखाई दिया.
लोगों ने बनाया वीडियो
कुछ राहगीरों ने बाघ के वीडियो मोबाइल से बनाए और इस दौरान बाघ बीहड़ की ओर भागता दिखा. गांव के पास चंबल नदी के बीहड़ का किनारा है, आशंका जताई जा रही है कि, बाघ बीहड़ की तरफ भागा है. वन विभाग की रेस्क्यू टीम उसके पद चिन्हों के आधार पर पता लगा रही है कि, जंगली जानवर असल में बाघ ही था या तेंदुआ. लेकिन ग्रामीणों का दावा है कि, वो बाघ ही था.
कूनो सेंचुरी से बाघ आने की आशंका
ये भी आशंका जताई जा रही है कि, ये बाघ राजस्थान के रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान या फिर श्योपुर के कूनो सेंचुरी से यहां आ गया है. श्योपुर की कूनों सेंचुरी में राजस्थान की रणथंभौर नेशनल पार्क से आया एक बाघ करीब 10 साल से डेरा जगाए हुए है.