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मुरैना: भारत छोड़ो आंदोलन की 78 वीं सालगिरह पर हुआ प्रदर्शन - भारत छोड़ो आंदोलन की 78 वीं सालगिरह

9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की 78 वीं सालगिरह पर मुरैना में 12 स्थानों पर प्लेकार्ड पोस्टर्स लेकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान किसान नेता गयाराम सिंह धाकड़ सहित कई लोग मौजूद रहे.

Protest held on Quit India Movement anniversary
भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिरह पर हुआ प्रदर्शन
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Published : Aug 9, 2020, 9:07 PM IST

मुरैना। हर साल 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मनाई जाती है, लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ पर किसानों के 250 से ज्यादा संगठन, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, सीटू, खेत मजदूर यूनियन, एसएफआई सहित सैकड़ों वामपंथी संगठनों और जन संगठनों के देशव्यापी आव्हान पर पूरे देश में आंदोलन किया जा रहा है. इसी कड़ी में जिले में भी 12 स्थानों पर प्लेकार्ड पोस्टर्स लेकर विरोध आयोजित किया गया.

प्रदर्शक का आव्हान करने वाले संगठनों के मुताबिक, हाल ही में मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी अध्यादेशों को जारी किया गया है. संगठन मंडी व्यवस्था समाप्त करने, विपणन को निजी कंपनियों को सौंपने, ठेके पर कंपनियों को खेती करने की अनुमति देने, आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करने, खेत बांटने और ठेके पर देने पर 18 परसेंट जीएसटी लगाने, सरकारी उपक्रमों रेल, बैंक, बीमा, प्लेटफार्म, हवाई अड्डे, खदानों, रक्षा संस्थानों को निजी कंपनियों को बेचने का निर्णय वापस लेने सहित नई शिक्षा नीति के विरोध में बेरोजगारी के खिलाफ सभी को मुफ्त खाद्यान्न देने, कोरोना काल में 75 सौ रुपए आगामी 6 माह तक भुगतान करने, संविधान और लोकतंत्र को बचाने सहित कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया गया.

विभिन्न स्थानों पर हुए विरोध का नेतृत्व किसान नेता गयाराम सिंह धाकड़, रामनिवास शर्मा, ओमप्रकाश श्रीवास, सरवन लाल धाकड़, उदय राज सिंह ने किया. किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने कहा कि सरकार कोविड-19 की आड़ में खेती, व्यापार, उद्योग, अर्थव्यवस्था, लोकतंत्र और संविधान को तबाह कर रही है. दूसरी ओर जनता को सांप्रदायिकता की भट्टी में झोंका जा रहा है. ऐसे में सब लामबंद होकर सरकार की जनविरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध करेंगे.

मुरैना। हर साल 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मनाई जाती है, लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ पर किसानों के 250 से ज्यादा संगठन, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, सीटू, खेत मजदूर यूनियन, एसएफआई सहित सैकड़ों वामपंथी संगठनों और जन संगठनों के देशव्यापी आव्हान पर पूरे देश में आंदोलन किया जा रहा है. इसी कड़ी में जिले में भी 12 स्थानों पर प्लेकार्ड पोस्टर्स लेकर विरोध आयोजित किया गया.

प्रदर्शक का आव्हान करने वाले संगठनों के मुताबिक, हाल ही में मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी अध्यादेशों को जारी किया गया है. संगठन मंडी व्यवस्था समाप्त करने, विपणन को निजी कंपनियों को सौंपने, ठेके पर कंपनियों को खेती करने की अनुमति देने, आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करने, खेत बांटने और ठेके पर देने पर 18 परसेंट जीएसटी लगाने, सरकारी उपक्रमों रेल, बैंक, बीमा, प्लेटफार्म, हवाई अड्डे, खदानों, रक्षा संस्थानों को निजी कंपनियों को बेचने का निर्णय वापस लेने सहित नई शिक्षा नीति के विरोध में बेरोजगारी के खिलाफ सभी को मुफ्त खाद्यान्न देने, कोरोना काल में 75 सौ रुपए आगामी 6 माह तक भुगतान करने, संविधान और लोकतंत्र को बचाने सहित कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया गया.

विभिन्न स्थानों पर हुए विरोध का नेतृत्व किसान नेता गयाराम सिंह धाकड़, रामनिवास शर्मा, ओमप्रकाश श्रीवास, सरवन लाल धाकड़, उदय राज सिंह ने किया. किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने कहा कि सरकार कोविड-19 की आड़ में खेती, व्यापार, उद्योग, अर्थव्यवस्था, लोकतंत्र और संविधान को तबाह कर रही है. दूसरी ओर जनता को सांप्रदायिकता की भट्टी में झोंका जा रहा है. ऐसे में सब लामबंद होकर सरकार की जनविरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध करेंगे.

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