मुरैना। 10 फरवरी से जिले की 12 पंचायतों के किसान और आम जनता जल संघर्ष समिति के बैनर तले पीने के पानी और खेतों की सिंचाई के लिए पर्याप्त जल की उपलब्धता की प्रमुख मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने के कारण 19 फरवरी से क्रमिक भूख हड़ताल कर रामपुर घाटी में आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन किसानों के इस आंदोलन के बाद भी शासन-प्रशासन और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि किसानों के पास नहीं पहुंचे. यही वजह है कि अब तक किसान धरने पर बैठे हुए हैं. जिसके बाद किसान खुद ही रामपुर कलां पुलिस थाना पहुंचे और थाना प्रभारी को अमरण अनशन का ज्ञापन सौंपा.
सबलगढ़ तहसील के पहाड़ी इलाके की रामपुर घाटी में लंबे समय से पीने के पानी से लेकर सिंचाई के लिए पानी की समस्या है. जिसे लेकर क्षेत्रीय लोगों ने पिछले साल भी लगभग एक महीने तक आंदोलन किया था. तब जिला प्रशासन में पीने के पानी की तात्कालिक व्यवस्था टेंकरों से करने का आदेश दिया गया था. साथ ही सिंचाई के लिए PHE के माध्यम से बड़े बोर खनन करने की बात कही गई थी. लेकिन एक साल बीतने के बाद भी काम मे कोई गति नहीं आई. इस प्रदर्शन के दौरान किसानों की प्रमुख मांगें क्षेत्र में पानी की समस्या, 80 प्रतिशत क्षेत्र में किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ मिलना है.
वहीं किसान लगातार तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं पर उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है. किसानों की मांग सिर्फ इतनी है कि उनको सम्मान निधि का पैसा जल्दी मिल जाए, पानी की समस्या का हल हो जाए, क्षेत्र में जारोली के कुंवारी नदी घाट पर धीमी गति से बनाए जा रहे स्टॉप डैम के निर्माण कार्य में गति को बढ़ाया जाए जिससे वह डैम जून माह तक तैयार हो जाए.