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PM मोदी व CM शिवराज से नाराज शांतिदूत पुरस्कार विजेता राजगोपाल पीवी 'सिर्फ कंप्यूटर बेचकर विश्वगुरु नहीं बनेंगे' - एकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक राजगोपाल पीवी

चंबल में गरीबों के लिए जल, जंगल ओर जमीन की लड़ाई लड़ने वाली संस्था एकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक राजगोपाल पीवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कार्यप्रणाली को लेकर रोष जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि केवल कंप्यूटर बेचकर और युवाओं के अमेरिका में नौकरी करने से भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान संघर्ष किया. उम्मीद थी कि बीजेपी की सरकार आने पर शांति के लिए ज्यादा काम हो सकता है. लेकिन बीजेपी के काम करने के तरीके से वह खुश नहीं हैं.

Peace ambassador award winner Rajagopal PV a
PM मोदी व CM शिवराज से नाराज शांतिदूत पुरस्कार विजेता राजगोपाल पीवी
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Published : May 22, 2023, 5:33 PM IST

PM मोदी व CM शिवराज से नाराज शांतिदूत पुरस्कार विजेता राजगोपाल पीवी

मुरैना। एकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक राजगोपाल पीवी को 11 मई 2023 को जापान के टोक्यो शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में 40वां निवानी शांति दूत पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पुरस्कार मिलने के बाद वह पहली बार सोमवार को मुरैना पहुंचे. यहां पर सर्किट हाउस पर विभिन्न राजनीतिक दलों और समजासेवियों ने उनका स्वागत किया. इस मौके पर राजगोपाल पीवी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि भारत सिर्फ कंप्यूटर बेचने या लोगों को नौकरी देने से विश्वगुरु नहीं बन सकता, बल्कि ग्लोबल शांति के लिए विश्व का प्रतिनिधित्व करना होगा.

500 डाकुओं का सरेंडर कराया : राजगोपाल पीवी ने कहा "रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को शांत कराने के एक लिए 1 हजार लोगों का प्रतिनिधिमंडल 500 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर जॉर्जिया से रूस के बॉर्डर पर पहुंचा था, उसमे हमने मदद की थी. चंबल घाटी में गरीबों के लिए जल-जमीन और जंगल की लड़ाई लड़ी. इन्हीं प्रयासों को लेकर जापान में मुझे 40वां निवानी शांतिदूत पुरस्कार दिया गया है." राजगोपाल पीवी ने कहा "मैं बचपन में ही चंबल घाटी में आ गया था. यहां पर मैंने गरीबों के लिए जल-जंगल और जमीन की लड़ाई के साथ ही शांति के लिए काम किया. चूंकि उस समय चंबल घाटी में डकैत समस्या थी. मैंने शांति के लिए प्रयास करते हुए डकैतों से संवाद किया. इसके बाद करीब 500 डकैतों से हथियार डलवाकर उनको सरेंडर कराया. इससे चंबल घाटी में शांति स्थापित हुई. आज यह बात किसी को हजम नहीं होती कि कोई एक व्यक्ति 500 डाकुओं से हथियार डलवा सकता है. ये चंबल के लोगों की विशेषता है, जो लोग जुल्म के खिलाफ खड़े होकर हथियार उठा सकते है तो वे हथियार डाल भी सकते हैं."

सत्ता में आने के बाद बदल गई बीजेपी : राजगोपाल पीवी ने कहा " मैं किसी पार्टी के लिए काम नहीं करता, बल्कि यह देखता हूं कि कौन गरीबो के हितों की बात करता है. इसके लिए मैं पार्टी नेताओं के सामने गरीबों की बात रखता हूँ. क्योंकि गरीबों का हित सरकार ही कर सकती है. यह सब संवाद से ही संभव होता है. बीजेपी के काम पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 2006-7 से 2012 तक मैंने कांग्रेस के साथ मिलकर संघर्ष किया. उस समय बीजेपी नेताओं ने काफी मदद की. उनके इस भाव को देखकर मुझे उम्मीद हुई कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है तो मैं गरीबो के लिए दोगुना काम कर सकता हूं. लेकिन बीजेपी के सत्ता में आते ही उल्टा हो गया."

  1. पेड़ काटना भी हिंसा के बराबर, मुख्यमंत्री से करेंगे चर्चा: राजगोपाल पीवी
  2. नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र से शुरू होगी पदयात्रा, समर्थन में एकता परिषद
  3. दुनिया को महात्मा गांधी के दर्शन की जरूरत: राजगोपाल पीवी

ग्लोबल शांति के लिए काम करना आवश्यक : राजगोपाल पीवी ने कहा "मैंने गरीबो के हित के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. मेरा काम सिर्फ भारत मे ही शांति की बात करना नहीं है, बल्कि ग्लोबल शांति के लिए भी काम करना है. वर्ष 2019 में मैंने दिल्ली से जेनेवा तक 11 देशों के प्रतिनिधिमंडल के साथ 11000 किलोमीटर की यात्रा तय कर विश्व शांति का संदेश दिया था. भारत भूमि भगवान महावीर, बुद्ध व महात्मा गांधी की जन्म स्थली है, जिन्होंने विश्व को शांति का पाठ पढ़ाया था. भारत विश्व शांति की बात करके ही विश्व गुरु बन सकता है. इसलिए उसे ग्लोबल शांति के लिए विश्व का प्रतिनिधित्व करना चाहिए."

PM मोदी व CM शिवराज से नाराज शांतिदूत पुरस्कार विजेता राजगोपाल पीवी

मुरैना। एकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक राजगोपाल पीवी को 11 मई 2023 को जापान के टोक्यो शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में 40वां निवानी शांति दूत पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पुरस्कार मिलने के बाद वह पहली बार सोमवार को मुरैना पहुंचे. यहां पर सर्किट हाउस पर विभिन्न राजनीतिक दलों और समजासेवियों ने उनका स्वागत किया. इस मौके पर राजगोपाल पीवी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि भारत सिर्फ कंप्यूटर बेचने या लोगों को नौकरी देने से विश्वगुरु नहीं बन सकता, बल्कि ग्लोबल शांति के लिए विश्व का प्रतिनिधित्व करना होगा.

500 डाकुओं का सरेंडर कराया : राजगोपाल पीवी ने कहा "रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को शांत कराने के एक लिए 1 हजार लोगों का प्रतिनिधिमंडल 500 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर जॉर्जिया से रूस के बॉर्डर पर पहुंचा था, उसमे हमने मदद की थी. चंबल घाटी में गरीबों के लिए जल-जमीन और जंगल की लड़ाई लड़ी. इन्हीं प्रयासों को लेकर जापान में मुझे 40वां निवानी शांतिदूत पुरस्कार दिया गया है." राजगोपाल पीवी ने कहा "मैं बचपन में ही चंबल घाटी में आ गया था. यहां पर मैंने गरीबों के लिए जल-जंगल और जमीन की लड़ाई के साथ ही शांति के लिए काम किया. चूंकि उस समय चंबल घाटी में डकैत समस्या थी. मैंने शांति के लिए प्रयास करते हुए डकैतों से संवाद किया. इसके बाद करीब 500 डकैतों से हथियार डलवाकर उनको सरेंडर कराया. इससे चंबल घाटी में शांति स्थापित हुई. आज यह बात किसी को हजम नहीं होती कि कोई एक व्यक्ति 500 डाकुओं से हथियार डलवा सकता है. ये चंबल के लोगों की विशेषता है, जो लोग जुल्म के खिलाफ खड़े होकर हथियार उठा सकते है तो वे हथियार डाल भी सकते हैं."

सत्ता में आने के बाद बदल गई बीजेपी : राजगोपाल पीवी ने कहा " मैं किसी पार्टी के लिए काम नहीं करता, बल्कि यह देखता हूं कि कौन गरीबो के हितों की बात करता है. इसके लिए मैं पार्टी नेताओं के सामने गरीबों की बात रखता हूँ. क्योंकि गरीबों का हित सरकार ही कर सकती है. यह सब संवाद से ही संभव होता है. बीजेपी के काम पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 2006-7 से 2012 तक मैंने कांग्रेस के साथ मिलकर संघर्ष किया. उस समय बीजेपी नेताओं ने काफी मदद की. उनके इस भाव को देखकर मुझे उम्मीद हुई कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है तो मैं गरीबो के लिए दोगुना काम कर सकता हूं. लेकिन बीजेपी के सत्ता में आते ही उल्टा हो गया."

  1. पेड़ काटना भी हिंसा के बराबर, मुख्यमंत्री से करेंगे चर्चा: राजगोपाल पीवी
  2. नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र से शुरू होगी पदयात्रा, समर्थन में एकता परिषद
  3. दुनिया को महात्मा गांधी के दर्शन की जरूरत: राजगोपाल पीवी

ग्लोबल शांति के लिए काम करना आवश्यक : राजगोपाल पीवी ने कहा "मैंने गरीबो के हित के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. मेरा काम सिर्फ भारत मे ही शांति की बात करना नहीं है, बल्कि ग्लोबल शांति के लिए भी काम करना है. वर्ष 2019 में मैंने दिल्ली से जेनेवा तक 11 देशों के प्रतिनिधिमंडल के साथ 11000 किलोमीटर की यात्रा तय कर विश्व शांति का संदेश दिया था. भारत भूमि भगवान महावीर, बुद्ध व महात्मा गांधी की जन्म स्थली है, जिन्होंने विश्व को शांति का पाठ पढ़ाया था. भारत विश्व शांति की बात करके ही विश्व गुरु बन सकता है. इसलिए उसे ग्लोबल शांति के लिए विश्व का प्रतिनिधित्व करना चाहिए."

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