मुरैना। मध्य प्रदेश में जल्द ही 16वीं विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. अब तक नोटिफिकेशन तो जारी नहीं हुआ, लेकिन पॉलिटिकल पार्टियों ने अपनी तैयारी जरूर शुरू कर दी है. इस साल नवंबर में चुनाव होंगे, जिसको लेकर अभी से उम्मीदवारों पर मंथन जारी है. बीजेपी ने तो अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया है, लेकिन कांग्रेस का सस्पेंस बरकरार है. तो आइए जानते हैं मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा में से सबलगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 3 की क्या स्थिति है. ईटीवी भारत के सीट स्कैन के जरिए-
चंबल अंचल में 2018 के चुनाव बेहद खास थे, क्योंकि यहां लोगों ने माई के लाल को हरा दिया था. लेकिन सबलगढ़ विधानसभा सीट एक दूसरी वजह से ही सुर्खियों में तब भी छाई थी और आज भी छाई हुई है. यह वजह है खानदानी टिकट, इस विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है और कांग्रेस से नाम आने का सभी इंतजार कर रहे हैं. इस सीट से पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी से हारी सरला विजेंद्र रावत पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने विश्वास दिखाते हुए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, लेकिन कांग्रेस ने अब तक स्थिति साफ नहीं की है.
सबलगढ़ विधानसभा सीट की खासियत: सबलगढ़ विधानसभा अपने आप में कई पर्यटन संपदाओं को संजोय हुए हैं, इस क्षेत्र से गुजरी चंबल नदी प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा देती है. इसी क्षेत्र में भारतीय डॉल्फिन्स भी रहती हैं, जो इस क्षेत्र के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं. इसके अलावा सबलगढ़ का प्राचीन किला ऐतिहासिक धरोहर होने का गवाह है.
सबलगढ़ विधानसभा सीट का पॉलीटिकल सिनेरियो: वैसे तो सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पहली बार 1951 में चुनाव लड़ा गया था, लेकिन मध्य प्रदेश की स्थापना के बाद करीब 13 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से सात बार कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की है. वहीं भारतीय जनता पार्टी को 4 बार जीत का सहारा मिला है. इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा विधायक कांग्रेस पार्टी के बनने का रिकॉर्ड भले ही हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी भी किसी से कम नहीं है. ऐसा इसलिए की आखिरी 9 विधानसभा चुनाव से बीजेपी ने हर बार एक ही परिवार के सदस्यों को टिकट देकर मैदान में उतारा है. बीजेपी ने 1985 में पहली बार मेहरबान सिंह रावत को टिकट देकर चुनावी मैदान की कमान सौंप थी, लेकिन मेहरबान सिंह रावत कुछ खास नही कर पा रहे थे.
मेहरबान सिंह रावत से जनता भी असन्तुष्ट थी, लेकिन पूर्व विधायक मेहरबान सिंह की मौत के बाद भी बीजेपी ने इस क्षेत्र में वंशवाद बढ़ाया 2018 के चुनाव में सहानुभूति के चलते अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन जनता को यह बदलाव कुछ रास नहीं आया. नतीजा 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी और अब एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने आगामी 2023 विधानसभा चुनाव में सबलगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 3 में एक बार फिर पूर्व प्रत्याशी मेहरबान सिंह की बहू सरला विजेंद्र रावत पर भरोसा जताया है. भाजपा की पहली सूची में ही उनका नाम घोषित कर दिया, वहीं कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस में भी दावेदारों की संख्या कम नहीं है. सबलगढ़ सीट पर रामनिवास रावत राजेंद्र मारिया त्रिलोक चौधरी और बैजनाथ कुशवाह भी कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं, हालांकि इस बार जनता किस करवट बैठेगी, यह अभी कहना तय नहीं है.
सबलगढ़ विधानसभा सीट के 2018 के नतीजे: मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे चंबल अंचल में ही बीजेपी की हालत पतली थी, इस चुनाव में सबलगढ़ विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व विधायक स्वर्गीय मेहरबान सिंह रावत की बहू सरला विजेंद्र रावत को अपना प्रत्याशी बनाया था. जिन्हें 45100 वोट मिले थे, जबकि इनसे ज्यादा वोट बहुजन समाजवादी पार्टी से खड़े हुए लाल सिंह केवट को मिले थे, जिन्हें जनता ने 45869 वोट दिए थे. इन दोनों ही पार्टियों को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस से चुनाव लड़े बैजनाथ कुशवाह 54606 मतों के साथ चुनाव में जीत कर विधायक बने थे, यहां जीत का अंतर 8737 मतों का रहा था.
सबलगढ़ विधानसभा सीट के 2013 के नतीजे: साल 2013 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो सबलगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर मेहरबान सिंह रावत प्रत्याशी थे, जिन्होंने 55950 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी और प्रतिद्वंदी रहे कांग्रेस के सुरेश चौधरी को 22504 मतों के अंतर से हराया था, जिन्हें सिर्फ 33446 वोट मिले थे.
सबलगढ़ विधानसभा सीट के 2008 के नतीजे: सबलगढ़ विधानसभा सीट पर 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता ने बीजेपी को हरा दिया था तत्कालीन विधायक रहे मेहरबान सिंह रावत ने इस क्षेत्र में विकास पर ध्यान नहीं दिया. नतीजतन उन्हें इस चुनाव में 30974 वोट मिले, जबकि उनके सामने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े पूर्व विधायक सुरेश चौधरी को जनता का साथ मिला और 40015 वोट हासिल कर वे दूसरी बार विधायक बने इस चुनाव में जीत का अंतर 9041 मतों का रहा था.
सबलगढ़ विधानसभा सीट के मतदाता: सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 की मतदाताओं की संख्या देखें तो इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता (2.8.2023) के अनुसार 2,27,413 हैं. इनमें पुरुष मतदाता 1,21,848 हैं, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 1,05,560 है. इनके साथ ही विधानसभा क्षेत्र में 5 थर्ड जेंडर मतदाता भी शामिल है, जो आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
सबलगढ़ विधानसभा सीट के स्थानीय मुद्दे: सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से मोहताज है, यहां विधायक रहने के बावजूद भी ना तो बीजेपी के मेहरबान सिंह और ना ही कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेश पचौरी ने इस क्षेत्र के विकास की चिंता की. आज भी यहां की जनता बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं से वंचित है, जिसकी वजह से विधानसभा होने के बावजूद यह क्षेत्र पिछड़ा नजर आता है. क्षेत्र में पर्यटन की तमाम संभावनाएं हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कभी कोई सकारात्मक ऐसे कदम नहीं उठाए गए, जिनसे इस क्षेत्र को पर्यटन में पहचान मिल सके.