मुरैना। क्षत्रिय नेताओं ने न तो समाज के लिए कुछ किया है और ना ही क्षेत्र की जनता के लिए. रोजगार के अवसर होते हुए भी नौजवान रोजगार की तलाश में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. यह सब नेताओं की अनदेखी की वजह से हो रहा है. बेरोजगार और भूखी जनता नेताओं के बहकावे में आकर बार-बार उनको वोट देकर चुन लेते हैं. अब समय आ गया है, जीत पार्टी की नहीं, जनता की होगी. इसलिए क्षेत्र की जनता की आवाज बनकर वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. यह बात अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह तोमर भिडोसा ने पत्रकारों से चर्चा में कही. तोमर ने संगठन के बैनर तले के बैठक का आयोजन भी किया.
दिमनी से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव : तोमर ने दिमनी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. तोमर ने कहा कि कोई भी पार्टी ऐसी नहीं है, जो व्यक्ति की योग्यता और ईमानदारी परखकर उसे टिकट दे. सभी पार्टियां मोटी रकम लेने के बाद ही अपना कैंडिडेट चुनाव मैदान में उतरती हैं. मेरी इतनी हैसियत नहीं कि पार्टियों को मोटी रकम देकर टिकट हासिल करूं. उन्होंने क्षत्रिय नेताओं पर उंगली उठाते हुए कहा कि उन्होंने समाज व क्षेत्र की जनता के लिए कुछ नहीं किया है. बेसक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर देश व प्रदेश में चम्बल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हों, लेकिन उन्होंने बेरोजगारी दूर कर युवाओं को रोजगार देने के बारे में कभी नहीं सोचा.
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युवाओं को रोजगार कौन देगा : तोमर ने कहा कि चम्बल में अंचल में रेत व खंडा पत्थर के साथ पुरातत्व महत्व की दर्जनों इमारतें हैं. यहां पर युवाओं को रोजगार दिलवाने के काफी साधन हैं, लेकिन नेताओं की अनदेखी की वजह से रोजगार के अवसर होते हुए भी युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. समाज के विकास की बात करें तो क्षत्रिय नेताओं ने किसी पीड़ित या गरीब की मदद नहीं की है. वे सिर्फ अपनी-अपनी झोलियां भरने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी न चुनाव लड़ने व राजनीति में नहीं आने का संकल्प लिया था, लेकिन क्षेत्र की जनता के विकास तथा समाज हित के लिए अब में अपना संकल्प तोड़ रहा हूं.