मुरैना। जिले में ग्राम पंचायतों के पास आज सामान्यतः पैसे की कमी नहीं है. गांवों के पास गवरनेंस की कमी है और इसे सुधारने के लिए प्रयास हो रहे हैं. जब तक रिस्क नहीं लोगे, कोई अगला कदम नहीं उठायेंगे तब तक गवरनेंस नहीं आएगी. अगर अच्छी सेवायें हमें अपने कार्यकाल में देना है तो कुछ नए नवाचार करना होगें. जिससे सुधार शीघ्र हो जाएगा. इससे आगे की पीढ़ी को फायदा होगा. हमें आने वाले दिनों के लिए अगले 3 वर्षो का रोड मैप तैयार करना होगा, क्योंकि ग्रामीण विकास और पंचायत ये दोंनो मंत्रालय देश की बुनियाद हैं और यह मेरे पास हैं. जितना विकास संभव हो सके, उसे करना ही उचित होगा. ये बातें केन्द्रीय कृषि, ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहीं. केंद्रीय मंत्री मंगलवार को न्यू कलेक्टोरेट सभागार में जिलेभर के ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े अधिकारियों की बैठक ले रहे थे.
कैसे बनेंगे आत्मनिर्भर
केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि हमारे पास दो विकल्प हैं. एक आने वाले कल को संभालना और दूसरा वर्तमान में प्रशंसा प्राप्त करना. जब तक विपरीत धारा नहीं बहेंगी, तब तक कल नहीं सुधरेगा. ग्रामीण विकास और पंचायत ये दोनों मंत्रालय देश की बुनियाद हैं. आज हम कितनी भी बड़ी बात कहें, करोड़ों रूपये खर्च कर दें, लेकिन जब तक गांव की बुनियाद ठीक नहीं होगी. तब तक देश आत्मनिर्भर कैसे बनेगा.
पंचायतों को मिलेगा पैसा
फायनेंस कमीशन में ढ़ाई लाख पंचायतों को 65 हजार करोड़ रूपए देना. 2014 में 2 लाख 292 करोड रूपये पंचायतों को गया है. उन्होंने कहा कि इस बार 15 फायनेंस कमीशन से 2 लाख 36 हजार ग्राम पंचायतों को जाएगा और स्वास्थ्य की दृष्टि से मिलाकर कुल 2 लाख 80 हजार करोड़ रूपये पंचायतों को जाएगा.
मार्केटिंग पर फोकस
इस बैठक में कलेक्टर बी कार्तिकेयन, एसपी ललित शाक्यवार, सीईओ जिला पंचायत रोशन कुमार सिंह आदि अफसर मौजूद थे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्व-सहायता समूहों को स्कूल ड्रेस जैसे को प्राथमिकता दी जाए. कई समूह साबुन, झाड़ू, फिनायल, मास्क, सैनिटाइजर बना रहें है. उनके मार्केटिंग का ध्यान रखा जाए.
किसानों की आय बढ़ाने पर जोर
देश में 86 प्रतिशत किसान 5 बीघा से कम भूमि वाले हैं, जबकि मात्र 14 प्रतिशत कृषक 5 बीघा से ऊपर भूमि के हैं. केन्द्र और राज्य सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए एफपीओ बनाने की योजना प्रारंभ की है. इस योजना में 100 कृषकों को जोड़ा जाएगा, उनकी भूमि को एकत्रित करके एक पद्धति से खेती में उच्च क्वालिटी का खाद, बीज और वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में उस 1500 बीघा भूमि में एक जैसी फसल उगाई जाएगी. जिसके लिए खाद, बीज भी बिना ब्याज के उपलब्ध होगा और पैदा होने वाली फसल को एफपीओ के माध्यम से विक्रय किया जाएगा तो खेती में दोगुनी से तिगुनी आय कम भूमि में ही कृषक को मिलेगी.
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दिल्ली में हुई आयोजित वर्चुअल काॅन्फ्रेंस
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और फिजी के कृषि, जलमार्ग और पर्यावरण मंत्री डॉ. महेंद्र रेड्डी के बीच कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिये मंगलवार को मुरैना में एक बैठक में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये. नरेंद्र सिंह तोमर एनआईसी से फिजी से कृषि मंत्री डाॅ. महेन्द्र रेड्डी से दिल्ली में आयोजित वर्चुअल काॅन्फ्रेंस में उपस्थित थे. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा प्रधानमंत्री कि फिजी यात्रा से भारत का हुआ जुड़ाव हुआ है. दोनों देश योजना ओर गतिविधि के लिये संयुक्त कार्यकारी समूह बनायेंगे. दोनों देश कृषि, कृषि विज्ञान, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सहित कृषि संबधित क्षेत्र में करेंगे सहयोग, दोनों देश के कृषि मंत्रालय ही कार्यकारी एजेंसी होंगे.
वसुधैव कुटुम्बकम की भावना
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्र ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से भारत दुनिया को सदैव सहयोग करता रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के दौर में भी भारत की ओर से इसी भावना से सभी देशों को मदद पहुंचाई है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रारंभ से ही कृषि ओर गांवों की तरक्की पर फोकस किया है.
किसानों को ऋण
ग्रामीण और कृषि क्षेत्र समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा और ऐसा होने पर दुनिया को सहयोग करने की अपनी भूमिका को हम और अच्छी तरह निभा सकेंगे. इसी दिशा में 1 लाख करोड़ रूपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, 10 हजार एएफपीओ की स्कीम जैसे अनेक ठोस कदम देश में उठाये गये हैं. महामारी के दौर में भी किसानों को 2 लाख करोड़ रूपये के ऋण दिये हैं और कृषि के क्षेत्र ने अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध किया है, पहले से अधिक उत्पादन और उपार्जन हुआ है.
फोरम फोर इंडिया पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत और फिजी के सौहाद्रपूर्ण और मित्रवत सम्बन्ध पारस्पिरिक सम्मान, सहयोग एवं सशक्त सांस्क्रतिक तथा जन-संबंधों पर आधारित हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिजी की एतिहासिक यात्रा और पहले फोरम फोर इंडिया पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन से फिजी और व्यापक प्रशांत क्षेत्र के साथ भारत के जुड़ाव को नई गति मिली है.
14 किस्म की फल सब्जियां
आज इस एमओयू पर हस्ताक्षर दोनों देशों के बीच बहुआयामी विकास सहयोग को और अधिक मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा. भारत सरकार से अनुदान के रूप में, फिजी द्वारा अनरोध किए गये 14 किस्मों के फल सब्जियों के लगभग 7 टन बीजों की खेप वितरित करने में सक्षम रहे हैं.
MOU के तहत दोनों देशों के बीच व्यापार
फिजी के मंत्री डॉ. रेड्डी ने यह एमओयू होने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि दोनों देश अपने पारस्परिक संबंधों को इसी तरह गतिशील रखेंगे. उन्होंने बताया कि एमओयूके तहत, प्रकिया निर्धारित करने और इसके लक्ष्य प्राप्त करने के लिये सहयोग के कार्यक्रमों की योजना बनाने और अनुशंसा करने के लिए एक संयुक्त कार्यकारी समूह की स्थापना की जायेगी. यह एमओयू 5 साल के लिये किया गया है. एमओयू में डेयरी उद्योग, चावल उद्योग, नारियल उद्योग, बार्वानी उद्योग व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विकास, जड़ फसल विविधिकरण, जल संसाधन प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण, कृषि अनुसंधान, पशुपालन, कीट और रोग, मूल्य संवर्धन और विपणन, फसलोपरांत तथा मिलिंग, प्रजनन एवं कृषि विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग का प्रावधान किया गया है. दोनों देशों के कृषि मंत्रालय अपने पक्षों की कार्यकारी एजेंसी होगी.