मुरैना। जिला अस्पताल के SNCU (Special Newborn Care Unit) वार्ड में भर्ती 2 नवजात बच्चों की मौत हो गई है. इस मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में काफी हंगामा किया और एसएनसीयू वार्ड में पदस्थ डॉक्टर व स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि मैटरनिटी में डिलीवरी के दौरान पैसे न देने के कारण उनके बच्चों की इलाज में लापरवाही की गई, जिससे उनकी मौत हो गई. दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और मौके पर काफी पुलिस बल भी तैनात किया गया है. वहीं, जिला अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में जांच समिति गठित कर दी है.
ये है मामलाः जानकारी के अनुसार दिमनी थाना क्षेत्र के ऐसाह गांव निवासी 25 वर्षीय मुन्नी (पत्नी अजय शर्मा) को 5 दिन पहले जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में डिलीवरी के बाद एक बच्चा हुआ था. शुक्रवार को रात करीब 11 बजे बच्चे को SNCU वार्ड में भर्ती किया गया. एक घंटे बाद ही स्टाफ ने बच्चे को वापस दे दिया. परिजनों ने जब देखा तो बच्चा मरा हुआ था. मुन्नी के जेठ सहित परिवार के अन्य लोगों ने यहां पदस्थ स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब डिलीवरी हुई थी तब स्टाफ ने 5 हजार रुपये मांगे थे, जब पैसे नहीं दिए तो इलाज नहीं किया. इसके कारण बच्चे की मौत हो गई.
वहीं, दूसरी ओर जिले के महुआ थाना क्षेत्र के उसैत पंचायत के फूलसहाय का पुरा गांव निवासी 24 वर्षीय रजनी को 7 अगस्त को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था और 8 अगस्त को उसकी डिलीवरी हुई थी. डिलीवरी के बाद से बच्चे की तबीयत खराब होने के चलते एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करा दिया गया. चिकित्सकों से जब परिवार ने पूछा कि बच्चा कैसा है, तो पहले ठीक बताते रहे, लेकिन बीती रात के समय बच्चे की मौत हो गई. रजनी के जेठ राजीव सिंह तोमर ने भी एसएनसीयू वार्ड के स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिला अस्पताल परिसर में काफी देर तक हंगाम चलता रहा और उसके बाद कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची. तभी परिजनों ने शिकायत करते हुए कहा कि दोनों बच्चों की मौत सिर्फ लापरवाही के कारण हुई है. मृतक बच्चों के परिजनों ने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी है.
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जांच समिति की टीम गठितः वहीं, इस मामले में CMHO डॉ. राकेश शर्मा ने कहा की "नवजात बच्चों की मौत के मामले में जांच समिति टीम गठित कर दी गई है. जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."