मुरैना। सोन घड़ियाल अभ्यारण्य 209 वर्ग किमी में फैला है. इसमें सोन नदी का 161 किमी हिस्सा, बनास नदी का 23 किमी और गोपद नदी का 26 किमी का हिस्सा लगता है. साल 1981 में घड़ियाल संरक्षण और जनसंख्या वृद्धि के लिए इस अभ्यारण्य की स्थापना की गई थी. वर्तमान में सोन घड़ियाल अभ्यारण्य में कुल घड़ियालों की संख्या 27 है. इनमें से नर घड़ियाल की संख्या सिर्फ तीन है. इसलिए इनकी संख्या बढ़ाने के लिए अब चम्बल से नर घड़ियाल ले जाने की तैयारी की जा रही है. transport crocodiles in Son River
रेस्क्यू टीम मुरैना पहुंची : सोन अभ्यारण्य से 11 सदस्यीय रेस्क्यू टीम दो दिन पहले मुरैना पहुंची. यहां पर सबसे पहले टीम के सदस्यों ने चम्बल किनारे और घड़ियाल केंद्र की विजिट कर घड़ियाल को पकड़ने की ट्रेनिंग ली. यह टीम एक दिसंबर को चम्बल से एक नर घड़ियाल का रेस्क्यू कर अपने साथ ले जाएगी. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में घड़ियालों की सबसे अधिक आबादी चम्बल नदी में है. इसमें कुल 2108 घड़ियाल हैं. इनमें 400 मादा घड़ियाल बताए गए हैं. चम्बल से प्रति वर्ष सैकड़ों की संख्या में घडिय़ालों की हैचरिंग करवाकर देवरी ईको सेंटर में रखा जाता है. यहां से बड़े होने के बाद इन्हें भिंड के बरही, श्योपुर के घाटों पर छोड़ा जाता है. transport crocodiles in Son River
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तीन नर घड़ियाल होंगे शिफ्ट : मुरैना डीएफओ स्वरूप दीक्षित का कहना है कि सोन अभ्यारण्य में 3 नर घड़ियाल छोड़ने के लिए भारत सरकार से अनुमति मिल चुकी है, जिसके लिए सोन अभ्यारण्य से 11 सदस्यीय टीम मुरैना आ चुकी है. इससे पहले यहां से अलग-अलग जगह घड़ियालों को छोड़ा गया है. पंजाब कुनो और सीधी में भी घड़ियाल भेजे जा चुके हैं. संजय टाइगर रिजर्व सीधी के उपसंचालक द्वारा जारी प्रोग्राम के तहत चंबल अभ्यारण्य से वयस्क नर घडिय़ाल के ट्रांसपोर्टेशन के लिए प्रोग्राम जारी किया गया है. इसके तहत 11 लोगों की टीम मुरैना आ चुकी है, जिसने चंबल नदी किनारे साइट विजिट की. transport crocodiles in Son River