मुरैना. चंबल अंचल में रेत माफिया के बाद अब पत्थर माफिया भी हावी होते जा रहे हैं. शनिश्चरा, मितावली, पडावली इलाके में पत्थर माफिया वन विभाग की जमीन से अवैध उत्खनन कर रहे हैं. पत्थर माफिया इस तरह हावी होता जा रहा है कि वन विभाग की जमीन से ही अवैध उत्खनन हो रहा है. इन्हें रोकने में पुलिस प्रशासन और वन विभाग की टीम भी नाकाम हैं.
पुरात्तव विभाग की धरोहरों को नुकसान
पत्थर के अवैध उत्खनन को लेकर पुरातत्व विभाग की धरोहरों में भी भारी नुकसान हो रहा है. पुरातत्व धरोहर बटेश्वर के मंदिर पडावली की घढी और मितावली के 64 योगिनी मंदिर के आसपास पत्थर माफिया अवैध उत्खनन कर रहे हैं. इससे पुरातत्व की इमारतों में भारी नुकसान हो रहा है. इसे रोकने के लिए माइनिंग विभाग और वन विभाग की टीमों द्वारा पत्थर माफिया पर लगाम कसनी चाहिए चाहिए, लेकिन जिला प्रशासन की टास्क फोर्स की बैठक सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह जाती है. कलेक्टर की अध्यक्षता में यह बैठक की जाती है, लेकिन अवैध खनन रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता.
अधिकारियों से नहीं डरते खनन माफिया
ग्वालियर सीसीएफ द्वारा एक टीम गठित कर पिछले दिनों पत्थर माफिया पर लगाम कसने के लिए मुरैना इलाके के रिठौरा थाना क्षेत्र में भेजी गई थी. इन अधिकारियों का कहना है कि पुरातत्व की इमारतों के आसपास पत्थर का अवैध उत्खनन हो रहा है. इससे इमारतों को बड़ा नुकसान हो रहा है. इन माफिया पर जिला प्रशासन की टीम द्वारा कारर्रवाई होनी चाहिए, लेकिन माफिया इस तरह हावी है कि वह अधिकारियों पर भी हमला करते हैं.
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डीएफओ बोले- जल्द करेंगे कार्रवाई
वन विभाग की डीएफओ रामस्वरूप दीक्षित का कहना है कि टास्क फोर्स की बैठक कलेक्टर की अध्यक्षता में होगी. उसके बाद लगाम कसी जाएगी. गौरतलब है कि माफिया के अवैध उत्खनन से सरकार और जिला प्रशासन का करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. मुरैना में जिला प्रशासन अवैध खनन करने वालों से डरता है. क्योंकि माफिया को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है.
(Mafia uncontrol in chambal)