मुरैना। जौरा से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा का आज कैंसर से निधन हो गया, जिसके बाद पार्टी में शोक का माहौल है. उन्होंने भोपाल के बंसल हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली.
बनवारी लाल शर्मा का राजनीतिक जीवन काफी लंबा रहा. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ग्राम पंचायत रिकी से की थी. विधायक बनवारी लाल शर्मा सबसे पहले ग्राम पंचायत जापथाप के सरपंच चुने गए. उसके बाद वह पहाड़गढ़ जनपद पंचायत के जनपद सदस्य निर्वाचित हुए और लंबे समय तक मार्केटिंग सोसायटी के डायरेक्टर के पद पर चुने जाते रहे हैं.
विधायक बनवारी लाल शर्मा 2014 में विधानसभा जौरा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा प्रत्याशी सूबेदार सिंह सिकरवार से महज 17 मतों से पराजित हुए. कांग्रेस पार्टी ने बनवारी लाल शर्मा पर 2018 में फिर विश्वास जताया और जौरा विधानसभा से उन्हें कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया. इस दौरान उन्हें जीत हासिल हुई. विधायक बनवारी लाल शर्मा कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के बहुत ही नजदीक रहे और इसका फायदा भी उन्हें मिलता रहा.
बताया जाता है कि वे बहुत ही सरल और शांत स्वभाव के राजनेता थे उनके अंदर राजनैतिक छल कपट जैसी कोई भावना नहीं थी. यही वजह है कि कभी विरोधी दलों के राजनेताओं ने भी व्यक्तिगत रूप से बनवारी लाल शर्मा की आलोचना नहीं की.