नर्मदापुरम/श्योपुर/भिंड/गुना/मुरैना।मध्य प्रदेश में लगातार झमाझम बारिश हो रही है, जिसकी वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. लगातार हो रही बारिश का असर हर जगह देख रहा है. लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. नदी नाले कहीं उफान पर हैं, तो कहीं पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. निचली बस्तियों में पानी भी भर गया है. हालांकि प्रशासन द्वारा लगातार मदद की जा रही है और बाढ़ प्रभावित लोगों को हर जरूरत की साम्रगी पहुंचाई जा रही है. HEAVY RAIN ALERT IN MP
चंबल नदी में बाढ़: मध्य प्रदेश में अति बर्षा के चलते नदियां पूरे उफान पर है, इसी के चलते मुरैना के कोटा बैराज के गेट खोलने और सिंध एवं पार्वती नदी के ओव्हरफ्लो होने से चम्बल नदी में बाढ़ आ गई है. आज बुधवार की सुबह राजघाट पुल पर चम्बल नदी खतरे के निशान से 4.5 मीटर ऊपर बह रही है, राजघाट पर चम्बल का जल स्तर 142.40 होने से पुराना पुल पानी मे डूब गया है. खतरे के निशान को क्रोस करते ही मुरैना जिले की सीमा में आने वाले चम्बल के तटवर्तीय 80 गांव पानी में डूब गए है, इसके अलावा करीब एक सैकड़ा से अधिक गांव पानी की वजह से टापू बन गए है. सिंध और पार्वती नदी के उफान पर होने की वजह से चम्बल का जल ऊपर कहां तक जाकर थमेगा, फिलहाल इसका कोई अनुमान नहीं है. जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर चम्बल से एक किलो मीटर दूर तक कि परिधि में बसे गांवों में अलर्ट जारी करवा दिया है.
श्योपुर में 28 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में: श्योपुर में बीते 2 दिनों से चंबल और पार्वती नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते नदी किनारे बसे हुए 28 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. लोगों के घरों में नदियों का पानी भर गया है, इन हालातों में ग्रामीण अपने घर मकानों को छोड़कर दूसरे सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं. प्रभावित 28 गांवों में फसे हुए ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए बाढ़ राहत दल और एसडीईआरएफ की टीमें लगातार मशक्कत करने में जुटी हुई है, बुधवार को शाम 4 बजे तक अलग-अलग गांवों के करीब ढाई सौ लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. प्रशासन ने 10 राहत शिविर भी शुरू किए हैं, जिनमें बाढ़ पीड़ितों को खाना व रहने का इंतजाम प्रशासन ने किए हैं जो 06 गांव नदियों से घिरे हुए हैं, वहां वायुसेना के हेलीकॉप्टर से खाने के पैकेट और पानी आदि भी पहुंचाया जा रहा है.
भिंड हेलीकॉप्टर से पहुंची मदद: भिंड जिले के अटेर क्षेत्र में चम्बल नदी विकराल रूप धारण कर चुकी है, अटेर और सुरपुर के करीब एक दर्जन गांव बाढ़ ग्रस्त हो गए हैं. जिला मुख्यालय से रास्ता कट चुका है, इन टापू बने गांव में हजारों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन इन बाढ़ प्रभावित गांव में फंसे लोगों के लिए व्यवस्थाएं बनाने में जुट गया है, अटेर के नावली विरन्दावन और मुकुटपुरा गांव में हेलीकाप्टर की मदद से प्रशासन ने आवश्यक राहत सामग्री एयर ड्रॉप करवाई. 500 लागों की आबादी वाले मुकुटपुरा गांव में भी हेलीकॉप्टर की मदद से प्रशासन की टीम पहुंची और राहत सामग्री उतरवाने के बाद हेलीकॉप्टर को रवाना कर दिया गया और राहत सामग्री (सूखा राशन) का वितरण किया गया.
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नरसिंहपुर में 9 साल का बच्चा बहा: नरसिंहपुर के कर्बला के पास सिंगरी नदी के रपटा पुल से एक 9 वर्षीय बालक के बह जाने के बाद हड़कंप की स्थिति मच गई और कई घंटों तक स्थानीय गोताखोरों और होमगार्ड की टीम द्वारा बालक की तलाश की गई लेकिन जब बालक की पतासाजी नहीं लगी तो नरसिंहपुर एसपी द्वारा एसडीआरएफ की टीम को सूचित किया गया और मोटर बोर्ड के सहारे कई घंटों तक रेस्क्यू कार्य को अंजाम दिया गया लेकिन तेज बहाव की वजह से बच्चे का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है पुलिस अधीक्षक के मुताबिक गाय को साथ खेलते हुए अचानक बच्चे का पैर फिसल गया था और वह बीच धार में बह गया था.
गुना में 24 घंटे के रेस्क्यू के बाद निकाले गए 3 लोग: बीजेपी नेता महेंद्र सिंह किरार ने बताया कि तीन लोग पार्वती नदी में फंस चुके थे, जब इस बात की सूचना मुझे मिली तो मैंने तुरंत केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम को निर्देश दिए कि एनडीआरएफ की टीम की पूरी मदद की जाएगी हेलीकॉप्टर की व्यवस्था पड़ेगी तो प्रदेश सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया जाएगा और 3 लोग फंसे हुए हैं, उन्हें निकाला जाएगा. जिसके बाद 24 घंटे तक बमोरी प्रशासन की टीम एवं एनडीआरएफ की टीम सहित बड़ी संख्या में लोग रेस्क्यू करने में जुटे रहे और सुबह आज तीनों लोगों का रेस्क्यू करके सकुशल निकाल लिया गया है. वहीं सिंधिया बाढ़ के हालात की पल-पल की जानकारी प्रशासन से ले रहे हैं