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मुरैना: मदद की आस में बाढ़ पीड़ित, सर्वे के लिए पटवारी मांग रहे रिश्वत

तेज बारिश से मुरैना के कई इलाकों की फसल बर्बाद हो गईं. लगातार बारिश से किसानों का बड़ी मात्रा में नुकसान हो रहा है. आरोप है कि पटवारी सर्वे कराने के बजाय ग्रामीणों से रिश्वत मांग रहे हैं, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से की है.

बाढ़ पीड़ित
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Published : Oct 2, 2019, 3:32 AM IST

मुरैना। पिछले एक हफ्ते से हो रही जोरदार बारिश से चंबल नदी उफान पर है. नदी के पास वाले इलाकों में पानी भर गया, जिससे बाढ़ के हालात बने हैं. ऐसे में किसानों के खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं. अब फसलों के नुकसान का सर्वे कराने के एवज में पटवारी सरसेनी गांव के किसानों से पैसे मांग रहे हैं.

सर्वे के लिए पटवारी मांग रहे रिश्वत


आरोप है कि बाढ़ पीड़ितों को न तो सरकारी मदद मिल रही और न दूसरी सुविधाएं. बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें ना तो राशन मिल रहा है और ना ही बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे किया जा रहा है. इन समस्याओं से परेशान होकर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचे और मीडिया को अपनी समस्या बताई.


लोगों का कहना है कि चम्बल नदी में आई बाढ़ की वजह से फसले बर्बाद हो गई, मकान क्षतिग्रस्त हो गए, खाने-पीने से लेकर जरूरत का हर सामान नष्ट हो गया, लेकिन प्रशासन सारी व्यवस्थाएं पहुंचाने में नाकाम रहा है.
बीजेपी के पूर्व विधायक सूबेदार सिंह रजौधा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार का डंका बजता है. उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रामीणों को सरकार द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है.

मुरैना। पिछले एक हफ्ते से हो रही जोरदार बारिश से चंबल नदी उफान पर है. नदी के पास वाले इलाकों में पानी भर गया, जिससे बाढ़ के हालात बने हैं. ऐसे में किसानों के खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं. अब फसलों के नुकसान का सर्वे कराने के एवज में पटवारी सरसेनी गांव के किसानों से पैसे मांग रहे हैं.

सर्वे के लिए पटवारी मांग रहे रिश्वत


आरोप है कि बाढ़ पीड़ितों को न तो सरकारी मदद मिल रही और न दूसरी सुविधाएं. बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें ना तो राशन मिल रहा है और ना ही बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे किया जा रहा है. इन समस्याओं से परेशान होकर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचे और मीडिया को अपनी समस्या बताई.


लोगों का कहना है कि चम्बल नदी में आई बाढ़ की वजह से फसले बर्बाद हो गई, मकान क्षतिग्रस्त हो गए, खाने-पीने से लेकर जरूरत का हर सामान नष्ट हो गया, लेकिन प्रशासन सारी व्यवस्थाएं पहुंचाने में नाकाम रहा है.
बीजेपी के पूर्व विधायक सूबेदार सिंह रजौधा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार का डंका बजता है. उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रामीणों को सरकार द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है.

Intro:चम्बल नदी में आई बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण शासन की मदद के लिए दर दर भटक रहे है । उन्हें न तो राशन मिल रहा है और न बाढ़ में हुए नुकसान का सर्वे कीया जा रहा है । प्रशासन और शासन के इस रवैये से दुखी ग्रामीणों ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर ने पूर्व विधयाक के नेतृत्व में अपनी समस्याये अधिकारियों को बताई ।


Body:ज्ञात हो कि जौरा तहसील के सरसेनी गांव के रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोगो का कहना था कि चम्बल नदी में आई बाढ़ से उनकी फसले बर्बाद हो गई ,मकान छति ग्रस्त हो गए खाने पीने से लेकर जरूरत का हर सामान नष्ट हो गया , प्रशासन सारी व्यवस्थऐ करने का दावा कर रहा है , लेकिन ग्रामीणों को राशन तक भी उपलब्ध नही है । फसलो के सर्वे करने के लिए पटवारी पैसे मांग रहे है । पैसे दोगे तो नुकसान का सर्वे करेंगे नही तो नही करेंगे, यह आरोप सरसेनी गांव से आये एक सैकड़ा ग्रामीणों ने लगया । ग्रामीणों ने यह भी कहा कि हमारे पास रोटी तक कि व्यवस्था नही है , ऐसे में हम रिस्वत के पैसे कहा से दे ।कोई भी अधिकारी उनकी समस्या को गंभीरता से नही ले रहा सभी उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दे रहे है ।


Conclusion:ग्रामीणो ने यह भी कहा कि हर साल बाढ़ आती है, और हमारे घर नदी किनारे होने के कारण डूब जाते है , प्रशासन है सुरक्षित स्थान पर जगह दे तो हम अपने रहने के लिए घर बनाये याकि हर बार की समस्या ने निजात मिल सके । वही साथ आये पूर्व विधायक सूबेदार सिंह रजौधा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में भ्रस्टाचार चरम पर है , विधायक तो बीमार रहते है , पर उनके समर्थक जनता के हर काम मे अपने फायदे देख कर सौदा करते है । फ़िलहाल ग्रामीणों को सिर्फ आस्वासन का झुनझुना ही मिल सका ।

बाईट 1 - मनोहर सिंह मल्लाह , निवासी सरसेनी
बाईट 2 - रमेश मल्लाह , निवासी सरसेनी
बाईट 3 - सूबेदार सिंह रजौधा , पूर्व विधायक जौरा
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