मुरैना। राजस्थान के कोटा बैराज डैम से चंबल नदी में पानी छोड़े जाने से जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है. चंबल नदी का जल स्तर बढ़ने से किनारे पर बसे गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. ऐसे में प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने के लिए लोगों को सुरक्षित जगहों पर तो पहुंचा दिया है, लेकिन अभी तक लोगों के खाने पीने की व्यवस्था अभी तक नहीं की है.
जिला प्रशासन डूब में फंसे लोगों को ऊंचे स्थानों पर सुरक्षित विस्थापित करने का प्रयास कर रहा है. लेकिन अभी तक किसी भी तरह की सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई गई हैं. लिहाजा विस्थापित अभी भी समय पर भोजन और पानी सहित अन्य सुविधाओं के इंतजार में हैं.
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि दो बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. जहां प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को रखा है, वहां जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है. हालांकि कांग्रेस विधायक ऐदल सिंह कंसाना के बेटे मौके पर पहुंचे और लोगों के खाने- पीने की व्यवस्था करने की बात कही है. साथ ही उन्होंने सीएम कमलनाथ से बात कर पीड़ितों को उचित मुआवजा दिलाने की भी बात कही है.