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पबजी खेलने से रोका, तो एकलौते बेटे ने कर ली आत्महत्या

मुरैना में एक युवक को पबजी गैंम खेलने से रोकना उसके परिजनों को भारी पड़ गया. पबजी न खेलने देने से गुस्साएं युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. लेकिन युवक के पिता ने बेटे की मौत के बाद भी साहस दिखाया और उसकी आंखे अस्पताल में दान कर दी.

पिता ने बेटे क किया नेत्रदान
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Published : Sep 7, 2019, 9:57 PM IST

मुरैना। कोतवाली थाना क्षेत्र की पराग ऑयल मिल के पास रहने वाले एक युवक को जब पबजी गैंम खेलने से रोका तो उसने आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई. लेकिन मृतक के पिता ने साहस दिखाते हुए बेटे की आंखे दान करने का फैसला लिया. जिसकी जमकर सराहना हो रही है.

पिता ने बेटे के किये नेत्रदान

मुरैना के संदीप अग्रवाल अपने एकलौते बेटे रचित की जान तो नहीं बचा पाए. पर उन्होंने उसकी आंखों को दान कर किसी को नया जीवन देने का प्रयास जरुर किया. बताया जा रहा है की रचित और उसकी बहन घर में अकेले थे. तब गेम खेलने में बिजी रचित से जब उसकी बहन ने मोबाइल छीन लिया तो उनके बीच झगड़ा हो गया जिससे बाद में रचित ने गुस्से में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.

बेटे की मौत के बाद पिता ने रचित की आंखों को डोनेट करने का फैसला लिया. मुरैना जिला अस्पताल के डॉ राकेश शर्मा ने बताया की इसके लिए रतन ज्योति नेत्र चिकित्सालय ग्वालियर से डाक्टर को बुलाया गया क्योंकि मृत्यु के 6 घंटे के अंदर से प्रक्रिया की जाती है. रचित की आंखों को दो ऐसे लोगों को लगा दिया जाएगा जिन्हें इनकी जरुरत है.

मुरैना। कोतवाली थाना क्षेत्र की पराग ऑयल मिल के पास रहने वाले एक युवक को जब पबजी गैंम खेलने से रोका तो उसने आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई. लेकिन मृतक के पिता ने साहस दिखाते हुए बेटे की आंखे दान करने का फैसला लिया. जिसकी जमकर सराहना हो रही है.

पिता ने बेटे के किये नेत्रदान

मुरैना के संदीप अग्रवाल अपने एकलौते बेटे रचित की जान तो नहीं बचा पाए. पर उन्होंने उसकी आंखों को दान कर किसी को नया जीवन देने का प्रयास जरुर किया. बताया जा रहा है की रचित और उसकी बहन घर में अकेले थे. तब गेम खेलने में बिजी रचित से जब उसकी बहन ने मोबाइल छीन लिया तो उनके बीच झगड़ा हो गया जिससे बाद में रचित ने गुस्से में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.

बेटे की मौत के बाद पिता ने रचित की आंखों को डोनेट करने का फैसला लिया. मुरैना जिला अस्पताल के डॉ राकेश शर्मा ने बताया की इसके लिए रतन ज्योति नेत्र चिकित्सालय ग्वालियर से डाक्टर को बुलाया गया क्योंकि मृत्यु के 6 घंटे के अंदर से प्रक्रिया की जाती है. रचित की आंखों को दो ऐसे लोगों को लगा दिया जाएगा जिन्हें इनकी जरुरत है.

Intro:एंकर - मुरैना जिले में एक और छात्र की पाबूजी वीडियो गेम की बलि चढ़ गया जिस तरह से लगातार बच्चों में वीडियो गेम की लत बढ़ती जा रही है। उससे उनका बचपन छिन चुका है कई मामलों में बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं। ताजा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र की पराग ऑयल मिल के पास का है, जहां पर आज 18 साल के रचित अग्रवाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रचित और उसकी बहन घर में अकेले थे गेम खेलने में बिजी रचित से जब उसकी बहन ने मोबाइल छीन लिया तो उनके बीच झगड़ा हो गया जिससे बाद में रचित ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इकलौते बेटे की मौत के बाद पिता ने रचित की आंखों को डोनेट करने का फैसला लिया। जिससे कम से कम उनके बेटे की आंखें ही इस दुनिया को देख सकें।


Body:वीओ - मुरैना की सीताराम पतिराम धर्मशाला रोड निवासी संदीप अग्रवाल अपने इकलौते बेटे रचित की जान तो परिवार नहीं बचा पाया, पर उसकी आंखों को डोनेट कर एक प्रयास जरूर किया है। कि बेटे की आंखों के सहारे किसी और के जीवन में रोशनी आ सके। घटना के बाद डॉक्टरों के समझाने पर परिवार तैयार हुआ और रतन ज्योति नेत्र चिकित्सालय ग्वालियर से आए डॉक्टरों की टीम ने नेत्रदान की प्रक्रिया को पूरा किया। इन आंखों से दो लोगों के जीवन में रोशनी आ सकेगी।


Conclusion:बाइट1 - डॉ राकेश शर्मा - नेत्र चिकित्सक जिला अस्पताल मुरैना।

बाइट2 - सुधीर सिंह कुशवाह - सीएसपी मुरैना।
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