मुरैना। बीजेपी के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है. इससे गुस्साए समर्थकों ने मुर्दाबाद के नारे लगाकर पार्टी का झंडा फूंका. साथ ही तीन नवंबर 2020 को होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के विरोध में मतदान करने की चेतावनी भी दी. सिर्फ इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं ने दिमनी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी गिर्राज दंडोतिया का विरोध कर कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र सिंह तोमर को जिताने की बात कही.
इससे पहले बीजेपी ने पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार और उनके पिता पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार को अन्य विधानसभा सीटों में ड्यूटी लगाकर पार्टी का काम करने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन पार्टी के निर्देशों को दरकिनार कर उन्होंने अपने भाई के समर्थन में कांग्रेस के लिए काम किया, जिसकी शिकायतें लगातार बीजेपी को मिल रही थीं. इसी के आधार पर उन्हें निष्कासित कर दिया गया है.
''केंद्रीय मंत्री भी कर रहे बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार''
गजराज सिंह सिकरवार और सत्यपाल सिंह सिकरवार दोनों ही सुमवाली विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे हैं, जिसकी वजह से सिकरवार समाज पर इनका प्रभाव है, जो आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. वहीं प्रदर्शन कर रहे पूर्व विधायकों के समर्थकों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर खुद दिमनी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी गिर्राज दंडोतिया का विरोध कर रहे हैं. साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र सिंह तोमर के समर्थन में लोगों को मतदान करने के लिए कह रहे हैं.
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इसलिए दिखाया बाहर का रास्ता
विधानसभा उपचुनाव के पहले बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा था. जब सुमावली से पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार के बड़े भाई डॉक्टर सतीश सिंह सिकरवार कांग्रेस में शामिल हुए थे. पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने सतीश सिंह सिकरवार को ग्वालियर पूर्व से अपना उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद से ही लगातार बीजेपी के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार अपने भाई के लिए काम कर रहे हैं. इस मामले की शिकायत बीजेपी को लगातार मिलती आ रही थी. शिकायतों के के बाद पार्टी ने उनके पिता गजराज सिंह और सत्यपाल सिंह सिकरवार को बड़ामलहरा में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपकर तत्काल जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उसके बावजूद भी सत्यपाल ने भारतीय जनता पार्टी के आदेश का पालन नहीं किया. इसके चलते बीजेपी ने अनुशासनहीनता को लेकर सत्यपाल सिंह सिकरवार को निष्कासित कर दिया है.