मुरैना। ऑरेंज और ग्रीन जोन में शराब दुकान खोलने की सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है, लेकिन मुरैना जिले में शराब की दुकानें बंद हैं. आबकारी ठेकेदारों का कहना है कि, जितनी शराब बेची जाए, उसके मुताबिक सरकार रॉयल्टी ले. साथ ही उन्होंने कहा कि, शराब दुकानों पर होने वाली भीड़ के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना भी बेहद मुश्किल है.
दरअसल, मार्च माह में प्रदेश भर में नए वित्तीय वर्ष 2020 -21 के लिए शराब बिक्री के ठेके हुए थे. इन दुकानों का प्रभार एक अप्रैल से नये ठेकेदारों को मिलना था. लेकिन इस दौरान वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया, जिसकी वजह से शराब दुकानें भी बंद कर दी गई.
अप्रैल महीना पूरी तरह से निकलने के बाद दुकान को खोलने की अनुमति सरकार ने दी है. आबकारी ठेकेदारों की मांग है कि, पूरे वर्ष का ठेका जिस रेट में हुआ है, उसी रेट के अनुपात में रॉयल्टी में छूट दी जाए. जितनी शराब की बिक्री हो उसी अनुपात में रॉयल्टी की राशि सरकार ले.
वर्तमान समय में सबसे बड़ी समस्या ठेकेदारों के लिए यह है कि, सरकार एवं प्रशासन चाहता है कि, शराब बिक्री के समय लॉकडाउन का पूरा पालन हो. लेकिन ठेकेदार लॉकडाउन का पालन करवाने की जवाब देही अपने ऊपर नहीं लेना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि, देश के अन्य राज्यों दिल्ली ,मुंबई आदि शहरों में शराब बिक्री के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जो खुली धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, ऐसे में शराब बिक्री के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने की जवाबदारी सरकार, पुलिस और प्रशासन को होगी.
इन्हीं समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रदेश के आबकारी ठेकेदारों ने एक राय होकर शराब की दुकानें बंद रखी हैं. आबकारी ठेकेदारों का एक प्रतिनिधि मंडल अपनी मांगों को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात कर चुका है.