मुरैना। मध्य प्रदेश में सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. जिसका असर आने वाले समय में सहकारी समितियों, पीडीएस की दुकानों पर देखने को मिलेगा. सरकार के द्वारा फसल की खरीद, बिक्री और गरीबों को राशन बांटे जाने पर भी इसका बुरा असर होगा. पूरे मध्यप्रदेश में 5 हजार कर्मचारी हैं, जो कि हड़ताल पर चले गए हैं. सभी ने अपनी अपनी पीओएस मशीनों को जमा कराना भी शुरू कर दिया है. प्रदेश में चार हजार 525 उचित मूल्य की दुकान है और 25 हजार समितियां है. मुरैना में जीवाजी गंज के पार्क में जमा हुए कर्मचारियों ने साफ कर दिया है, कि जब तक उनकी तीन सूत्रीय मांगों को सरकार नहीं मानेगी. तब तक वो इस हड़ताल को खत्म नहीं करेंगे.
मध्य प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर मुरैना में सहकारी समिति के कर्मचारियों ने अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर 2 दिन से कलम बंद हड़ताल पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों की मांगों में सबसे पहली मांग नियमितीकरण कर शासन के वेतन भत्तों का लाभ दिया जाना. दूसरी मांग खरीदी करने वाले कर्मचारियों के सालों से रुके हुए कमीशन को देना और तीसरी मांग है दो महीनों से जो राशन काट कर दिया जा रहा है, उसे पूरा दिए जाने की मांग की है.
लेकिन अब देखना होगा है कि सरकार इस मामले में कब तक कोई निर्णय लेती है. सहकारी समितियों की इस हड़ताल से कर्मचारी के चूल्हे तो बंद हो ही जाएंगे. लेकिन किसानों को भी बड़े नुकसान का सामना करना पड़ेगा. किसानों को फसल बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन सहकारिता समितियों में कराने हैं. लेकिन हड़ताल की वजह से वो भी नहीं हो पाएंगे. मुरैना जिले की 500 से अधिक पीओएस मशीनों को खाद्य अधिकारियों को जमा की जाएंगी.
इन मांगों को लेकर हो रहा आंदोलन
1- पीडीएस दुकानों के राशन के बजट में की गई कमी को हटाकर पूरा राशन दिया जाए.
2- जिन कर्मचारियों पर एफ आई आर दर्ज की गई है उन मामलों को वापस लिया जाए.
3- सहकारी संस्थाओं और पीडीएस दुकानों का कमीशन कई सालों से नहीं मिला उस कमीशन भुगतान कराया जाए.
4- समितियों द्वारा खरीदे गए बाजरे को गोदामों में रखकर उसका भुगतान किसानों को जल्द किया जाए.