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लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने चुनाव आयोग लगा रहा एड़ी-चोटी का जोर

इस साल 12 मई को मुरैना जिले में लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. लोकतंत्र के महापर्व में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग मतदाताओं को कई तरीकों से प्रेरित कर रहा है.

लोकसभा चुनाव
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Published : Apr 3, 2019, 10:04 AM IST

मुरैना। चुनाव आयोग मतदाताओं की शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, ताकि लोकतंत्र का सही अर्थ सिद्ध हो सके और एक अच्छा जनप्रतिनिधि चुना जा सके. मुरैना में पिछले चुनावों की बात करें, तो मतदान का प्रतिशत आम चुनावों में 50 फीसदी तक रहा है या कई बार इससे भी कम रहा है.

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लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. शहर में दीवार लेखन, होर्डिंग, बैनर-पोस्टर्स लगाकर लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके अलावा निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारी और अधिकारी लोगों जागरूक करने के लिए गांव-गांव जाकर पाठशाला भी लगा रहे हैं.


निर्वाचन आयोग आम चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पर भी प्रचार के अनेक तरीके अपना रहा है. गौरतलब है कि पिछले आम चुनाव में मुरैना में महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत 40 फीसदी से भी कम रहा है, जिसे बढ़ाने के लिए भी चुनाव आयोग एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है.

मुरैना। चुनाव आयोग मतदाताओं की शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, ताकि लोकतंत्र का सही अर्थ सिद्ध हो सके और एक अच्छा जनप्रतिनिधि चुना जा सके. मुरैना में पिछले चुनावों की बात करें, तो मतदान का प्रतिशत आम चुनावों में 50 फीसदी तक रहा है या कई बार इससे भी कम रहा है.

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लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. शहर में दीवार लेखन, होर्डिंग, बैनर-पोस्टर्स लगाकर लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके अलावा निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारी और अधिकारी लोगों जागरूक करने के लिए गांव-गांव जाकर पाठशाला भी लगा रहे हैं.


निर्वाचन आयोग आम चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पर भी प्रचार के अनेक तरीके अपना रहा है. गौरतलब है कि पिछले आम चुनाव में मुरैना में महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत 40 फीसदी से भी कम रहा है, जिसे बढ़ाने के लिए भी चुनाव आयोग एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है.

Intro:चुनाव आयोग आम चुनावों में मतदाताओ की शत प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करने अनेक प्रयास कर रहा है , ताकि लोकतंत्र का सही अर्थ सिद्ध हो सके और एक अच्छा प्रतिनिधि चुना जा सके । लेकिन पिछले चुनावो की बात करे तो मतदान का प्रतिशत आम चुनावों में 50 फीसदी तक रहा है , या इससे भी कम रहा है । खास तौर पर महिला मतदाता की बात करे तो महिलाओं का आम चुनावों में वोटिंग प्रतिशत 40 फीसदी से भी कम रहता है । कम मतदान लोकतंत्र की रीढ़ को और कमजोर करता है ।


Body:मतदान का प्रतिशत बढ़ाने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर द्वारा जागरूकता लाने अनेक काम किये जा रहे है । जैसे शहर में दीवाल लेखन, होर्डिंग , बेनर -पोस्टर लगाकर उन पर तरह तरह के स्लोगन लिखे जा रहे है ताकि आम लोगो जो शहर में निवास करते है , या शहर में आपने निजी काम से आते जाते है उन्हें देख या पढ़ कर जागरूकता आये और वे स्वयं या अपने घर,परिवार और मोहल्ले सहित सभी को शत प्रतिशत मतदान करने के लिए प्ररित करे । इसके अलावा निर्वाचन कार्य मे लगे कर्मचारी और अधिकारी गांव गांव जाकर पाठशाला भी लगा रहे है ताकि लोग जागरूक हो और मतदान करे ।


Conclusion:आयोग आम चुनाव में शतप्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने सोशल मीडिया पर भी प्रचार के अनेक तरीके अपना रहे है । अब देखना ये है कि आगामी 12 मई2019 को होने वाले लोकतांत्रिक महा पर्व में लोगो की भागीदारी सुनिश्चित होगी या नही । निर्वाचन के 2009 और 2014 के रिकार्ड पर नजर डाले तो शिक्षित और संपन्न परिवारों के लोगो का मतदान का प्रतिशत कम रहता है , जबकि शाहर से दूर और खेती किसानी से जुड़े या मजदूरी करने वाले वर्ग विशेष का प्रतिशत शहरी वोटर्स से अधिक रहता है ।इस लिए जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर का प्रचार प्रसार पर भी शहरी क्षेत्र में अधिक जोर दिया जा रहा है ।
बाईट - श्रीमती प्रियंकदास , कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मुरैना
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