मुरैना। चम्बल अभ्यारण्य के रिजर्व क्षेत्र में चम्बल नदी के किनारे से सुप्रीम कोर्ट ने जलीय जीवों के संरक्षण हेतु रेत के खनन और परिवहन को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते चम्बल नदी से लगातार रेत का अवैध खनन और परिवहन किया जा रहा है, जिसे लेकर कमिश्नर ने सरकार को पत्र लिखा है.
अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई के लिए टास्क फोर्स भी गठित है, लेकिन वह विभाग की उदासीनता के चलते माफिया फल-फूल रहे हैं. इतना ही नहीं अंचल में अधिकतर सड़क हादसों के पीछे अवैध रेत का परिवहन करने वाले अनियंत्रित वाहन ही हैं. पिछले कुछ समय में वन विभाग के दो कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए थे, जो विभाग में भ्रष्टाचार होने के सबूत हैं.
आयुक्त चम्बल संभाग रेणु तिवारी ने जब कलेक्टर और एसपी से अवैध रेत पर कार्रवाई करने की योजना बनाने की बात की. तब प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि रेत खनन घड़ियाल अभ्यारण्य क्षेत्र से होता है. वहां कार्रवाई वन विभाग को ही करनी है और वन मंडल अधिकारी इसमें रुचि नहीं लेते. ऐसे में सहयोगी राजस्व विभाग, खनिज विभाग और पुलिस कुछ प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाता है.
सभी विभागों के अधिकारियों की विभागीय रिपोर्ट में अवैध खनन और परिवहन को नहीं रोकने के लिए डीएफओ मुरैना को जिम्मदार माना गया है. अब आयुक्त ने मुरैना के प्रभारी डीएफओ पीडी ग्रेवियल को तत्काल हटाने और उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिये राज्य शासन को पत्र लिखा है.