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खतरे के निशान के करीब चंबल नदी, कोटा बैराज डैम के 15 गेट खोले गए, हाई अलर्ट जारी - मध्यप्रदेश न्यूज

राजस्थान के कोटा बैराज डैम के19 में से 15 गेट खुलने से चंबल नदी एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है. हालातों को देखते हुए प्रशासन ने नदी किनारे बसे करीब 90 गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है.

खतरे के निशान के करीब चंबल नदी
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Published : Sep 12, 2019, 2:04 PM IST

Updated : Sep 12, 2019, 2:26 PM IST

मुरैना। मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से चंबल नदी उफान पर है. वहीं राजस्थान के कोटा बैराज डैम के 19 में से 15 गेट खुलने से चंबल नदी एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है. चंबल नदी का जलस्तर 136 मीटर तक पहुंच गया है, क्योंकि कोटा बैराज से लगातार 2 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा था. जिससे नदी किनारे बसे करीब 90 गांव में जलभराव का संकट मंडराने लगा है. हालातों को देखते हुए प्रशासन ने सभी गांवों में अलर्ट घोषित किया है.

खतरे के निशान के करीब चंबल नदी

कोटा बैराज डैम से पानी छोड़े जाने की सूचना मिलते ही प्रशासन ने चंबल के तटीय क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया है. साथ ही एसडीएम से लेकर पटवारी स्तर के अफसरों को भी लगातार चंबल के जलस्तर और ग्रामीण क्षेत्रों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. चम्बल नदी के राजघाट के पुराने पुल पर भी सुरक्षा को लेकर पुलिस फोर्स तैनात किया गया है. साथ ही प्रशासन ने इन इलाकों में रेस्क्यू टीम भी तैनात किया है.

⦁ लगातार बारिश से मंदसौर के गांधी सागर डैम में पानी भर गया. जिससे गांधी सागर डैम के गेट खोल दिए गए. गांधीसागर डैम से आ रहे पानी को निकालने के लिए कोटा बैराज डैम के भी गेट खोलने पड़े.

⦁ मंगलवार को कोटा बैराज डैम के 19 में से 15 गेट खुले थे, जिनसे करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी प्रति सेकंड चंबल में छोड़ा जा रहा था.
⦁ बुधवार को 19 में से 12 गेट खुले थे, जिनसे 2 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा था.

मुरैना। मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से चंबल नदी उफान पर है. वहीं राजस्थान के कोटा बैराज डैम के 19 में से 15 गेट खुलने से चंबल नदी एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है. चंबल नदी का जलस्तर 136 मीटर तक पहुंच गया है, क्योंकि कोटा बैराज से लगातार 2 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा था. जिससे नदी किनारे बसे करीब 90 गांव में जलभराव का संकट मंडराने लगा है. हालातों को देखते हुए प्रशासन ने सभी गांवों में अलर्ट घोषित किया है.

खतरे के निशान के करीब चंबल नदी

कोटा बैराज डैम से पानी छोड़े जाने की सूचना मिलते ही प्रशासन ने चंबल के तटीय क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया है. साथ ही एसडीएम से लेकर पटवारी स्तर के अफसरों को भी लगातार चंबल के जलस्तर और ग्रामीण क्षेत्रों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. चम्बल नदी के राजघाट के पुराने पुल पर भी सुरक्षा को लेकर पुलिस फोर्स तैनात किया गया है. साथ ही प्रशासन ने इन इलाकों में रेस्क्यू टीम भी तैनात किया है.

⦁ लगातार बारिश से मंदसौर के गांधी सागर डैम में पानी भर गया. जिससे गांधी सागर डैम के गेट खोल दिए गए. गांधीसागर डैम से आ रहे पानी को निकालने के लिए कोटा बैराज डैम के भी गेट खोलने पड़े.

⦁ मंगलवार को कोटा बैराज डैम के 19 में से 15 गेट खुले थे, जिनसे करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी प्रति सेकंड चंबल में छोड़ा जा रहा था.
⦁ बुधवार को 19 में से 12 गेट खुले थे, जिनसे 2 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा था.

Intro:एंकर - राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से चंबल इस बार तीसरी बार खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। हालांकि पिछली दो बार तो खतरे के निशान के ऊपर भी पहुंच गई थी, चंबल में पानी बढ़ने से चंबल के किनारे के करीब 90 गांव में जलभराव का संकट खड़ा हो गया है। चंबल का जलस्तर 136 मीटर तक पहुंच गया था क्योंकि कोटा बैराज से लगातार 2 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा था। इसलिए चंबल का जलस्तर और ऊपर जाने की संभावना बनी हुई है उल्लेखनीय है कि इस बार सीजन में पहले भी चंबल खतरे के निशान को पार कर चुकी है। हालांकि राजघाट पुल के ऊपर चंबल नहीं पहुंची, लेकिन पुल के बराबर में पानी जरूर बहता रहा है। चंबल में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन ने सभी गांव में अलर्ट घोषित किया है और राजस्व व पुलिस अमले को निगरानी में लगाया है।


Body:वीओ - मध्यप्रदेश के मंदसौर, नीमच क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से मंदसौर के गांधी सागर डैम में पानी भर गया। जिससे गांधी सागर डैम के गेट खोल दिए गए जिससे कोटा बैराज के भी गेट खोलने पड़े। मंगलवार को कोटा बैराज के 19 में से 15 गेट खुले थे जिनसे करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी प्रति सेकंड चंबल में छोड़ा जा रहा था। बुधवार को भी कोटा बैराज के 12 गेट खुले हुए थे जिनसे 2 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा था। इसलिए चंबल नदी में उफान बढ़ता जा रहा है, चंबल में पानी बढ़ने पर अंचल के 90 के करीब गाँव प्रभावित होते हैं। हालांकि कोई भी गांव सीधे डूब में नहीं आता, लेकिन गांव के चारों तरफ पानी भर जाने से ग्रामीणों के आने जाने का रास्ता नहीं बचता। खासतौर से सबलगढ़, कैलारस, जोरा,मुरैना व अम्बाह क्षेत्र के गांव चंबल में उफान आने पर पानी से घिर जाते हैं।


बाइट - प्रियंका दास - कलेक्टर मुरैना।


Conclusion:वीओ - कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने की सूचना मिलते ही प्रशासन ने चंबल के तटीय क्षेत्रों को अलर्ट कर दिया। साथ ही एसडीएम से लेकर पटवारी स्तर के अफसरों को भी लगातार चंबल के जलस्तर व ग्रामीण क्षेत्रों पर नजर रखने के लिए कहा है। जिससे यदि जरूरत पड़े तो तुरंत ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा सके।चम्बल नदी के राजघाट के पुराने पुल पर भी सुरक्षा को लेकर पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।

19 में से 15 गेट खुले थे कोटा बैराज के मंगलवार को।
19 में से 12 गेट खुले थे कोटा बैराज के बुधवार को।
2 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी प्रति सैकेंड छौड़ा जा रहा है चम्बल में।
136 मीटर पर है चम्बल राजघाट पुल पर खतरे का निशान।
Last Updated : Sep 12, 2019, 2:26 PM IST
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