मुरैना। जौरा ओर कैलारस थाने में सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय सहारा सहित 16 अधिकारी और कर्मचारियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. जौरा थाने में सहारा के 12 एजेंटों ने शिकायत की है. वहीं 31 एजेंटों ने कैलारस थाने में भी शिकायत कंपनी के खिलाफ शिकायत की है. दोनो ही शिकायतो में आरोप लगाया गया है कि कंपनी निवेशकों के पैसा वापस नहीं कर रही है.
सुब्रत राय सहारा सहित 16 पर मामला दर्ज
सहारा की स्कीम में ब्याज में अधिक मुनाफे को लेकर कई लोगों से पैसे जमा कराए थे, इसमें लगभग 2 साल पहले सभी के स्कीम की अवधी समाप्त हो गए है. ले किन अभी तक कंपनी ने पैसे नहीं दिए. शिकायत के बाद सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय सहारा सहित 16 अधिकारी और कर्मचारियों के खिलफ़ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि इससे पहले भी कई अन्य जगहों पर भी सहारा के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है.
कैलारस थाना क्षेत्र के 31 सहारा एजेंटों द्वारा शिकायत की गई कि 3500 से ज्यादा निवेशकों के 12 करोड़ रुपए कंपनी में जमा कराएं थे, जिन की अवधि पूरी होने के बाद लोगों को कंपनी ब्याज के 28 से 30 करोड रुपए वापस होने थे जो वापस नहीं लौटाए गए. वहीं जौरा थाना क्षेत्र के 12 एजेंटों ने शिकायत की कि 2 हजार से ज्यादा निवेशकों के सहारा कंपनी में 5 करोड़ रुपए 70 लाख से अधिक लौटाए जाने थे जो 6 साल से नहीं लौटाए जा रहे हैं.
कैलारस थाने में इन पर मामला
कैलारस थाना में सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय, डिप्टी मैनेजर डायरेक्टर ओपी श्रीवास्तव के अलावा कैलारस ब्रांच के प्रबंधक जगदीश प्रसाद गुप्ता, सबलगढ़ ब्रांच के प्रबंधक तोशक अग्रवाल, मुरैना जिले के तत्कालीन प्रबंधक जानेश शुक्ला, भिंड के रीजनल ऑफिस मैनेजर दिग्विजय सिंह, इंदौर के एरिया मैनेजर देवेंद्र सक्सेना, वाराणसी के एरिया मैनेजर वीके श्रीवास्तव पर आईपीसी की धारा 420,409 और मध्य प्रदेश निवेशकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जौरा थाने में इन पर मामला
जौरा थाना पुलिस ने सहारा कंपनी के चेयरमैन सुब्रत राय, सहित फ्रेंचआई प्रबंधक तोषक अग्रवाल, तत्कालीन सेक्टर प्रबंधक ज्ञानेश शुक्ला, रीजनल मैनेजर दिग्विजय सिंह, एरिया मैनेजर देवेंद्र सक्सेना, एरिया प्रबंधक बीके श्रीवास्तव, डिप्टी मैनेजिंग वर्कर ओपी श्रीवास्तव, सेक्टर मैनेजर मुरैना अरविंद सिंह सिकरवार पर आईपीसी की धारा 420, 409 और मध्य प्रदेश निवेशकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है.