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चंबल में 40 साल में 14 गुना बढ़ा घड़ियालों का कुनबा, वन विभाग चिंतित, अन्य नदियों में छोड़ने पर विचार

चंबल में घड़ियालों की संख्या कई गुना बढ़ गई है हाल ही में सर्वे के नए आकड़ों से अधिकारियों में खुशी है और चिंता भी. कैपासिटी से अधिक होने पर घड़ियालों को दूसरी नदी में शिफ्ट किया जा सकता है.

Alligators in Chambal river
चंबल नदी में घड़ियाल
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Published : Jun 1, 2023, 7:32 PM IST

चंबल में घड़ियालों की संख्या चिंताजनक

मुरैना। चंंबल घड़ियाल सेंचुरी में 1980 में छोड़े गए घड़ियालों का कुनबा 4 दशक में बढ़कर 14 गुना हो गया है. घड़ियालों की बढ़ती संख्या से चिंतित वन विभाग के अधिकारी अब कैरिंग कैपेसिटी का अध्ययन करवा रहे हैं. घड़ियाल नेस्टिंग और केयरिंग कैपिसिटी पर रिसर्च टीम जून में रिपोर्ट सौंपेगी. सर्वे रिपोर्ट में जलीय जीवों की संख्या का संतुलन होना चाहिए. क्षमता से अधिक संख्या होने पर उनको गैप फार्मूले से अन्य नदियों में छोड़ने पर विचार किया जाएगा.

Alligators in Chambal river
चंबल में घड़ियालों की संख्या कई गुना बढ़ी

संतुलन में जीवों की संख्या: राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में घड़ियालों की बढ़ती संख्या वन विभाग की चिंता बढ़ाने लगी है. वन विभाग अब चंबल नदी में कैरिंग कैपेसिटी का अध्ययन करवा रहा है. रिसर्च टीम देखेगी कि यहां घड़ियाल के साथ-साथ अन्य जलीय जीवो की संख्या क्षमता से अधिक तो नहीं हो रही. घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन सहित जलीय जीवों की संतुलित संख्या होनी चाहिए, ताकि पर्याप्त भोजन के साथ सभी सुरक्षित रहें.

Alligators in Chambal river
दूसरे नदी में घड़ियाल किए जा सकते हैं शिफ्ट

उल्लेखनीय है कि, 1980 में जब चंबल में घड़ियाल प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, उस समय 150 घड़ियाल चंबल में छोड़े गए थे. चार दशक में घड़ियालों की आबादी 14 गुना बढ़ गई है. 2022 के आंकड़ों में नदी में 2014 घड़ियाल मिले थे. इनमें 400 से ज्यादा मादा हैं. मादा घड़ियाल साल में एक बार 40 तक अंडे देती है. रिसर्चर इसे बेहतर मान रहे हैं.

Alligators in Chambal river
घड़ियालों पर सर्वे जारी

अतिरिक्त घड़ियाल होंगे शिफ्ट: डीएफओ मुरैना स्वरूप दीक्षित का कहना है कि चंबल नदी में घड़ियालों की जो संख्या बढ़ रही है, वह वन विभाग के अथक प्रयासों का परिणाम है. इसमें जानता का भरपूर सहयोग रहा है. नए सर्वे में जलीय जीवों की संख्या पिछले साल की अपेक्षा बढ़कर आई है. इसमें घड़ियाल के साथ साथ मगरमच्छ, डॉल्फिन की संख्या अधिक पाई गई है. चंबल नदी की क्षमता के अनुसार जलीय जीवों की संख्या कितनी होनी चाहिए इसके लिए वन विभाग कैरिंग कैपिसिटी का सर्वे करा रहा है. कैरिंग कैपिसिटी सर्वे के अनुसार अगर चंबल नदी की क्षमता पूरी हो चुकी है, तो आगामी समय में घड़ियाल गैप के साथ भारत की अन्य नदियों में छोड़ने पर विचार किया जा सकता है.

Alligators in Chambal river
चंबल अभयारण्य

डॉल्फिन 96 व मगरमच्छों की संख्या हुई 868: अभी हाल ही में हर साल की तरह चंबल नदी में एक सर्वे किया गया था यह सर्वे श्योपुर की पार्वती नदी से लेकर भिंड तक किया गया है. 15 दिन तक चले इस सर्वे के दौरान जलीय जीवों का जो आंकड़ा सामने आया है, उसमे डॉल्फिन की संख्या बढ़कर 96 हो गई है. इसके साथ ही घड़ियाल 2108 और मगरमच्छ 868 पाए गए हैं. मध्यप्रदेश के हिस्से में मौजूद राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के क्षेत्र में पाली, बगदिया,भरौली,नदी गांव, भरी, डांग बसई, बाबू सिंह का घेर, टिगरी रिठीरा, दलजीतपुरा, उसेद घाट, अटेर, सहासपुरा, कन्हेरा, पचपुरा आदि नेस्टिंग साइट मिली है. यहां पर मादा घड़ियाल मार्च-अप्रैल में अंडे देती हैं.

चंबल में घड़ियालों की संख्या चिंताजनक

मुरैना। चंंबल घड़ियाल सेंचुरी में 1980 में छोड़े गए घड़ियालों का कुनबा 4 दशक में बढ़कर 14 गुना हो गया है. घड़ियालों की बढ़ती संख्या से चिंतित वन विभाग के अधिकारी अब कैरिंग कैपेसिटी का अध्ययन करवा रहे हैं. घड़ियाल नेस्टिंग और केयरिंग कैपिसिटी पर रिसर्च टीम जून में रिपोर्ट सौंपेगी. सर्वे रिपोर्ट में जलीय जीवों की संख्या का संतुलन होना चाहिए. क्षमता से अधिक संख्या होने पर उनको गैप फार्मूले से अन्य नदियों में छोड़ने पर विचार किया जाएगा.

Alligators in Chambal river
चंबल में घड़ियालों की संख्या कई गुना बढ़ी

संतुलन में जीवों की संख्या: राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में घड़ियालों की बढ़ती संख्या वन विभाग की चिंता बढ़ाने लगी है. वन विभाग अब चंबल नदी में कैरिंग कैपेसिटी का अध्ययन करवा रहा है. रिसर्च टीम देखेगी कि यहां घड़ियाल के साथ-साथ अन्य जलीय जीवो की संख्या क्षमता से अधिक तो नहीं हो रही. घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन सहित जलीय जीवों की संतुलित संख्या होनी चाहिए, ताकि पर्याप्त भोजन के साथ सभी सुरक्षित रहें.

Alligators in Chambal river
दूसरे नदी में घड़ियाल किए जा सकते हैं शिफ्ट

उल्लेखनीय है कि, 1980 में जब चंबल में घड़ियाल प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, उस समय 150 घड़ियाल चंबल में छोड़े गए थे. चार दशक में घड़ियालों की आबादी 14 गुना बढ़ गई है. 2022 के आंकड़ों में नदी में 2014 घड़ियाल मिले थे. इनमें 400 से ज्यादा मादा हैं. मादा घड़ियाल साल में एक बार 40 तक अंडे देती है. रिसर्चर इसे बेहतर मान रहे हैं.

Alligators in Chambal river
घड़ियालों पर सर्वे जारी

अतिरिक्त घड़ियाल होंगे शिफ्ट: डीएफओ मुरैना स्वरूप दीक्षित का कहना है कि चंबल नदी में घड़ियालों की जो संख्या बढ़ रही है, वह वन विभाग के अथक प्रयासों का परिणाम है. इसमें जानता का भरपूर सहयोग रहा है. नए सर्वे में जलीय जीवों की संख्या पिछले साल की अपेक्षा बढ़कर आई है. इसमें घड़ियाल के साथ साथ मगरमच्छ, डॉल्फिन की संख्या अधिक पाई गई है. चंबल नदी की क्षमता के अनुसार जलीय जीवों की संख्या कितनी होनी चाहिए इसके लिए वन विभाग कैरिंग कैपिसिटी का सर्वे करा रहा है. कैरिंग कैपिसिटी सर्वे के अनुसार अगर चंबल नदी की क्षमता पूरी हो चुकी है, तो आगामी समय में घड़ियाल गैप के साथ भारत की अन्य नदियों में छोड़ने पर विचार किया जा सकता है.

Alligators in Chambal river
चंबल अभयारण्य

डॉल्फिन 96 व मगरमच्छों की संख्या हुई 868: अभी हाल ही में हर साल की तरह चंबल नदी में एक सर्वे किया गया था यह सर्वे श्योपुर की पार्वती नदी से लेकर भिंड तक किया गया है. 15 दिन तक चले इस सर्वे के दौरान जलीय जीवों का जो आंकड़ा सामने आया है, उसमे डॉल्फिन की संख्या बढ़कर 96 हो गई है. इसके साथ ही घड़ियाल 2108 और मगरमच्छ 868 पाए गए हैं. मध्यप्रदेश के हिस्से में मौजूद राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के क्षेत्र में पाली, बगदिया,भरौली,नदी गांव, भरी, डांग बसई, बाबू सिंह का घेर, टिगरी रिठीरा, दलजीतपुरा, उसेद घाट, अटेर, सहासपुरा, कन्हेरा, पचपुरा आदि नेस्टिंग साइट मिली है. यहां पर मादा घड़ियाल मार्च-अप्रैल में अंडे देती हैं.

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