छिंदवाड़ा: जिले से शुरू हुई 'स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील्स' मुहिम अब पूरे देश में लागू की जाएगी. इसके लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने छिंदवाड़ा कलेक्टर से प्रस्ताव मांगा है. छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने इस नवाचार के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित वर्चुअल कलेक्टर संवाद में प्रजेंटेशन दिया. इस कार्यक्रम में देश भर के कलेक्टर और देश और प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे. इस मुहिम को उन लोगों ने जमकर सराहा.
कलेक्टर ने वॉश ऑन व्हील का दिया प्रजेंटेशन
दरअसल, केंद्र सरकार देश भर में 'स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील्स' अभियान को शुरू करने की योजना बना रही है. इसके लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा छिंदवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा प्रस्ताव मांगा गया था. इस अभियान के प्रजेंटेशन के लिए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर कलेक्टर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने 'स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील्स' अभियान के बारे में विस्तृत प्रजेंटेशन दिया.
कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह को स्वच्छता के लिए शुरू की गई जिले की अभिनव पहल " स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील्स" नवाचार के लिए जल शक्ति मंत्रालय और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कलेक्टर संवाद में प्रेजेंटेशन देने का अवसर मिला। #वॉश_ऑन_व्हील्स#SwacchBharat pic.twitter.com/qo38rjIO5g
— Collector Chhindwara (@dmchhindwara) December 30, 2024
पूरे देश में सर्कुलेट किया जाएगा जिले का प्लान
बता दें कि यह संवाद वर्चुअल आयोजित किया गया था. जिसमें भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही, प्रदेश स्तर के अधिकारी और देशभर के जिलों के कलेक्टर्स भी जुड़े थे. इसमें जुड़े अधिकारी और कलेक्टर्स ने इस अभियान को खूब सराहा. इस योजना को दूसरे जिलों के लिए मॉडल बताया गया.
साथ ही कहा गया कि "स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील" न केवल स्वच्छता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि रोजगार के अवसर देकर सकारात्मक बदलाव भी ला रही है. इस नवाचार का डॉक्यूमेंटेशन तैयार कर भेजने के लिए कहा गया है. इसके बाद छिंदवाड़ा जिले की मुहिम पूरे देश के सभी जिलों में भेजा जाएगा.
नियमित सफाई होने ले बढ़ा उपयोग
कलेक्टर ने प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि "यह योजना शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत शौचालयों की नियमित सफाई न होने की समस्या के समाधान के लिए शुरू की गई थी. इसके तहत स्कूलों, आंगनबाड़ियों, पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों और छात्रावासों जैसे संस्थानों के शौचालयों की सफाई को सुनिश्चित करने और उनके उपयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया गया है.
प्रशिक्षित स्वच्छता साथी कर रहे सफाई
कलेक्टर ने बताया कि "जिले की 11 जनपदों में से प्रत्येक 3 ग्राम पंचायतों को मिलाकर एक-एक क्लस्टर का गठन किया गया है. प्रत्येक क्लस्टर में प्रशिक्षित स्वच्छता साथियों का चयन किया गया है. जिन्हें बैटरी ऑपरेटेड वॉशर मशीन, हेलमेट, मास्क, पीपीई किट और स्वच्छता किट जैसे आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. इन उपकरणों की मदद से संस्थागत शौचालयों की सफाई नियमित रूप से की जा रही है. प्रत्येक शौचालय की सफाई प्रति माह चार बार की जाती है.
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40 हजार तक कमा रहे कर्मचारी
क्लस्टर मुख्यालय से 5 किलोमीटर तक के शौचालयों के लिए ₹200 प्रति यूनिट और उससे अधिक दूरी के लिए ₹250 प्रति यूनिट का शुल्क निर्धारित किया गया है. इस योजना का उद्देश्य न केवल जिले में संस्थागत शौचालयों को स्वच्छ और उपयोगी बनाना है, बल्कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना और स्वच्छ भारत मिशन फेज़-2 के तहत ओडीएफ और ओडीएफ प्लस की निरंतरता बनाए रखना भी है. इसके साथ ही यह योजना ग्रामीण युवाओं को रोजगार का अवसर भी प्रदान कर रही है, जिससे स्वच्छता साथियों को मासिक आय लगभग ₹40,000 तक पहुंच गई है.