बड़वानी : जिला मत्स्य विभाग के कार्यालय में लोकायुक्त पुलिस ने दबिश दी. यहां पर सहायक संचालक नारायण प्रसाद रायकवार को ₹5000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. रायकवार ने हाई कोर्ट में स्टे का जवाब प्रस्तुत करने की एवज में फरियादी से 5000 की मांग की थी. लोकायुक्त डीएसपी दिनेशचंद्र पटेल ने बताया "फरियादी महेश दिलवारे राजपुर में मछली पालन का काम करते हैं. इसी मामले में जवाब पेश करने के लिए रिश्वत की मांग की गई."
आदिवासी डूब प्रभावित क्षेत्र में मछली पालन
रायकवार द्वारा राजपुर जनपद के ग्राम जलगोन में 85.780 हेक्टेयर को पट्टे पर लेकर समिति के माध्यम से मछली पालन का कार्य किया जाता है. इस तालाब का पट्टा वर्ष 2013 में 10 वर्ष के लिये लिया गया था. पट्टे को रिन्यू करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया था, इसमें त्रुटि पाये जाने पर कलेक्टर ने निरस्त कर दिया था. इसके बाद जनपद पंचायत राजपुर द्वारा पुनः विज्ञप्ति जारी की गई. जिस पर आदिवासी डूब प्रभावित मछया समूह जलगोन के अध्यक्ष द्वारा उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर से स्थगन आदेश लिया गया.
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जवाब पेश करने के लिए मांगे 5 हजार रुपये
स्टे ऑर्डर का का जवाब नारायण प्रसाद रायकवार सहायक सचालक द्वारा प्रस्तुत करने की एवज में रिश्वत की मांग की जा रही थी. इसकी शिकायत लोकायुक्त से की गई. शिकायत का सत्यापन करने के बाद लोकायुक्त ने जाल बिछाया. इसी दौरान रायकवार को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों ट्रेप किया गया. रायकवार के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई. बता दें लोकायुक्त द्वारा दनादन कार्रवाई किए जाने के बाद भी रिश्वत के मामले कम नहीं हो रहे हैं.