मुरैना। कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने के कारण इस समय पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई और लोग अपने घर में कैद हैं, जिससे मजदूर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और कई मजदूर संकट की घड़ी में आत्महत्या कर मौत को गले लगा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला महुआ थाना क्षेत्र के रुधावली गांव का है, जहां 42 वर्षीय अधेड़ ने आर्थिक संकट से जूझते हुए आग लगाकर आत्महत्या कर ली. घर में तीन दिन से राशन नहीं होने के कारण मजदूर ने मौत को गले लगा लिया है.
परिजनों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मृतक शिवचरण सखवार लॉकडाउन के चलते आर्थिक तंगी के कारण काफी परेशान था. घर में तीन दिन से चूल्हा तक नहीं जला था, जिससे परिवार की हालत देख शिवचरण ने अपने घर के बंद कमरे में अपने ऊपर केरोसीन डालकर आग लगा ली.
आग से झुलसे शिवचरण को डायल 100 की मदद से पोरसा अस्पताल में लाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया. लेकिन पोरसा से कुछ ही दूरी पर रास्ते में उनकी मौत हो गई और महुआ पुलिस ने परिजनों की सूचना पर मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है.
हालांकि घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासन अधिकारी ने परिजनों के आरोप को नकारते हुए कहा कि मृतक के नाम से बीपीएल राशन कार्ड पहले से ही उपलब्ध था और प्रशासन द्वारा गरीबों को हर तरह मदद की जा रही है. इस घटना का मौत का कारण और भी कुछ हो सकता है, जिसका खुलासा पुलिस की जांच के बाद ही पता चलेगा.