मंदसौर। महिला संबंधी अपराधों (Women's Crimes) की सुनवाई महिला थाने में हो, इसे लेकर प्रदेशभर में महिला थाने (Mahila Police Station) खोले गए है. लेकिन मंदसौर जिला मुख्यालय में संचालित महिला थाना रात होते ही अंधेरे की आगोश में समा जाते है. दरवाजे पर लटते ताले दरवाजों की रखवाली करते दिखाई पड़ते है. रात में आने वाली महिला फरियादी शिकायत दर्ज करवाने के लिए भटकती रहती है.
थाने के शुभारंभ के बाद से यहां के स्टाफ ने अपने हिसाब से ये व्यवस्था कायम कर दी है. जबकि मुख्यालय पर एसपी, एएसपी और सीएसपी सहित अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी के कार्यालय और निवास है, लेकिन यहां की थाना प्रभारी से लेकर स्टाफ को इसका जरा भी भय नहीं है. अधिकारियों ने भी इस और कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण महिला थाना रात में बंद होने की परंपरा शुरू हो गई है.
मंत्रियों के दौरे पर खुला था थाना
महिला थाने पर लंबे समय से रात में ताला लगने की बात सामने आई है, जबकी बिती बुधवार रात थाने में ताला लगा होने की तस्वीरे भी सामने आ गई. लेकिन जब से महिला थाने का शुभारंभ हुआ है, तब से ये ही हालात बने हुए है. बीच में प्रभारी मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव और ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंदसौर आगमन हुआ था. तब रात में यहां स्टाफ मौजूद था, और थाना खुला हुआ था. इसके बाद रात में यहां अधिकांश बार ताला लटका हुआ मिला.
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ग्रामीण रोजाना करते है एसपी ऑफिस में शिकायत
ग्रामीण इलाकों में भी थानों का यहीं हाल है. ये ही कारण है कि ग्रामीण इलाकों के थानों में फरियादी की समय पर सुनवाई नहीं होने के कारण वो प्रतिदिन मुख्यालय पर एसपी के पास शिकायत लेकर पहुंचते है. रात में जब पुलिस अधिक्षक सुनील पांडे को महिला थाने पर ताले लटके होने की खबर लगी तो स्टाफ रात में ही थाने के ताले खोलने पहुंच गया.
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थाने में रात में ताले लग जाते है, तो ये गंभीर विषय है. अगर ताला लगा हुआ मिलता है तो कार्रवाई की जाएगी.
- सुनील पांडे, पुलिस अधिक्षक, मंदसौर