ETV Bharat / state

मंदसौर की जीवनदायिनी शिवना नदी हुई स्वच्छ, लॉकडाउन में नहीं हुआ प्रदूषण

लॉकडाउन ने जहां लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक सौंदर्य में चार-चांद लगा दिया है. मंदसौर की जीवनदायनी शिवना नदी अब पूरी तरह से स्वच्छ हो गई है और अब इसमें मछलियां अपने आप से पनप रही हैं.

शिवना नदीं हुई स्वच्छ
author img

By

Published : May 28, 2020, 2:30 AM IST

मंदसौर। कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में लागू लॉकडाउन ने एक तरफ देश के आर्थिक और रोजगार व्यवस्था की कमर तोड़ दी है, तो वहीं दूसरी तरफ लगातार दो महीने से कर्फ्यू जैसे हालात की वजह से प्राकृतिक और पर्यावरण की परिस्थितियां भी काफी मुनासिब हो गई है. बंद की वजह से तमाम लोग अपने घरों में कैद हो गए है और वायु प्रदूषण सहित जल प्रदूषण की समस्या का अपने आप निदान हो गया है. देश के मालवा इलाके की जीवनदायिनी शिवना नदी भी लॉकडाउन के दौरान अब अपने आप साफ होकर गंगा जैसी पवित्र हो गई है. इसका पानी इन दिनों कांच की तरह साफ हो गया है और अब इसमें मछलियां भी पनप रही है.

लॉकडाउन में मंदसौर की जीवनदायिनी नदी शिवना स्वच्छ हो गई है

दक्षिणी इलाके से निकली शिवना नदी मंदसौर और प्रतापगढ़ जिलों की जीवनदायी नदी है. करीब सवा सौ किलोमीटर लंबी इस नदी के दोनों किनारों पर 34 गांव बसे हुए हैं. मंदसौर के दक्षिणी छोर और पशुपतिनाथ मंदिर के किनारे बहने वाली इस नदी का इतना साफ पानी लोगों ने पहली बार देखा है.

लॉकडाउन की वजह से लोगों को घरों में बैठना पड़ा, जिसके चलते नदी प्रदूषण से मुक्त हो गई. इस नदी का पानी कांच की तरह साफ हो गया है. इसमें एक सिक्का भी डालते हैं, तो वह तलहटी में साफ नजर आता है.

पिछले 40 सालों से यह नदी लगातार प्रदूषण की शिकार रही. शहर वासियों ने इस में तरह-तरह के कचरे भी फेंके और दूसरी तरफ शासन-प्रशासन की अनदेखी से गंदी नालियों और फैक्टरी का गंदा पानी भी इसमें मिलता रहा. नतीजा यह रहा कि नदी के पानी में सल्फर और अम्लीय पदार्थों की मात्रा इतनी बढ़ गई कि इसमें हर साल जल कुंभी की चादर जमने लगी थी.

जीवनदायिनी नदी शिवना नदी

गर्मी के मौसम में पशुपतिनाथ मंदिर के तीनों घाट और मुक्तिधाम इलाके तक नदी में जल कुंभी की चादर जमी नजर आती थी. आमतौर पर नदी के प्रदूषित जल की बदबू से श्रद्धालु परेशान रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. समाज सेवकों और श्रद्धालुओं ने लोगों से इसकी पवित्रता बनाए रखने की अपील की है.

बिना सरकारी खर्च के स्वच्छ हुई शिवना

यह नदी राजस्थान से शुरु होकर चंबल नदी में जाकर मिल जाती है. प्रदूषण निवारण को लेकर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने मंसूर दौरे पर आए सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर 18 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को पेश कर प्रदूषण निवारण की एक योजना की स्वीकृति भी करवाई थी.

इस साल नगर पालिका परिषद के जरिए इस पर काम शुरु भी होने वाला था, लेकिन इसी दौरान लॉकडाउन ने प्राकृतिक तरीके से नदी को साफ कर दिया. विधायक ने इलाके के लोगों से नदी को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की है.

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने भी इसमें प्रदूषित वस्तुएं और फैक्ट्रियों का दूषित जल नहीं मिलने से शुद्ध होने की बात पुष्टि की है. अरसे बाद स्वच्छ नदी देखा गया है. पशुपतिनाथ मंदिर के किनारे बहने वाली नदी साफ होने से इसके चारों घाटों की छटा भी अब काफी सुंदर नजर आ रही है. इतना ही नहीं यहां पशुपतिनाथ मंदिर पर दर्शन करने वाले लोग भी इस में स्नान कर रहे है.

मंदसौर। कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में लागू लॉकडाउन ने एक तरफ देश के आर्थिक और रोजगार व्यवस्था की कमर तोड़ दी है, तो वहीं दूसरी तरफ लगातार दो महीने से कर्फ्यू जैसे हालात की वजह से प्राकृतिक और पर्यावरण की परिस्थितियां भी काफी मुनासिब हो गई है. बंद की वजह से तमाम लोग अपने घरों में कैद हो गए है और वायु प्रदूषण सहित जल प्रदूषण की समस्या का अपने आप निदान हो गया है. देश के मालवा इलाके की जीवनदायिनी शिवना नदी भी लॉकडाउन के दौरान अब अपने आप साफ होकर गंगा जैसी पवित्र हो गई है. इसका पानी इन दिनों कांच की तरह साफ हो गया है और अब इसमें मछलियां भी पनप रही है.

लॉकडाउन में मंदसौर की जीवनदायिनी नदी शिवना स्वच्छ हो गई है

दक्षिणी इलाके से निकली शिवना नदी मंदसौर और प्रतापगढ़ जिलों की जीवनदायी नदी है. करीब सवा सौ किलोमीटर लंबी इस नदी के दोनों किनारों पर 34 गांव बसे हुए हैं. मंदसौर के दक्षिणी छोर और पशुपतिनाथ मंदिर के किनारे बहने वाली इस नदी का इतना साफ पानी लोगों ने पहली बार देखा है.

लॉकडाउन की वजह से लोगों को घरों में बैठना पड़ा, जिसके चलते नदी प्रदूषण से मुक्त हो गई. इस नदी का पानी कांच की तरह साफ हो गया है. इसमें एक सिक्का भी डालते हैं, तो वह तलहटी में साफ नजर आता है.

पिछले 40 सालों से यह नदी लगातार प्रदूषण की शिकार रही. शहर वासियों ने इस में तरह-तरह के कचरे भी फेंके और दूसरी तरफ शासन-प्रशासन की अनदेखी से गंदी नालियों और फैक्टरी का गंदा पानी भी इसमें मिलता रहा. नतीजा यह रहा कि नदी के पानी में सल्फर और अम्लीय पदार्थों की मात्रा इतनी बढ़ गई कि इसमें हर साल जल कुंभी की चादर जमने लगी थी.

जीवनदायिनी नदी शिवना नदी

गर्मी के मौसम में पशुपतिनाथ मंदिर के तीनों घाट और मुक्तिधाम इलाके तक नदी में जल कुंभी की चादर जमी नजर आती थी. आमतौर पर नदी के प्रदूषित जल की बदबू से श्रद्धालु परेशान रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. समाज सेवकों और श्रद्धालुओं ने लोगों से इसकी पवित्रता बनाए रखने की अपील की है.

बिना सरकारी खर्च के स्वच्छ हुई शिवना

यह नदी राजस्थान से शुरु होकर चंबल नदी में जाकर मिल जाती है. प्रदूषण निवारण को लेकर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने मंसूर दौरे पर आए सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर 18 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को पेश कर प्रदूषण निवारण की एक योजना की स्वीकृति भी करवाई थी.

इस साल नगर पालिका परिषद के जरिए इस पर काम शुरु भी होने वाला था, लेकिन इसी दौरान लॉकडाउन ने प्राकृतिक तरीके से नदी को साफ कर दिया. विधायक ने इलाके के लोगों से नदी को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की है.

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने भी इसमें प्रदूषित वस्तुएं और फैक्ट्रियों का दूषित जल नहीं मिलने से शुद्ध होने की बात पुष्टि की है. अरसे बाद स्वच्छ नदी देखा गया है. पशुपतिनाथ मंदिर के किनारे बहने वाली नदी साफ होने से इसके चारों घाटों की छटा भी अब काफी सुंदर नजर आ रही है. इतना ही नहीं यहां पशुपतिनाथ मंदिर पर दर्शन करने वाले लोग भी इस में स्नान कर रहे है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.