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हाईकोर्ट का आदेश, 'लोकतांत्रिक निर्वाचन से होगी नगर पालिका अध्यक्ष के पद की नियुक्ति' - भाजपा पार्षद राम कोटवानी

मंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष के पद के चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है.

Democratic elections will appoint the post of Municipal President
लोकतांत्रिक निर्वाचन से होगी नगर पालिका अध्यक्ष के पद की नियुक्ति
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Published : Dec 12, 2019, 9:43 PM IST

मंदसौर। नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद ठंडी पड़ी शहर की राजनीति में अचानक भूचाल आ गया है. पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद खाली हुए इस पद को भरने के लिए कोर्ट ने अब प्रदेश सरकार को 4 हफ्ते में निर्वाचन करवाने का फैसला दिया है. जबकि प्रदेश सरकार इस पद पर कांग्रेस के पार्षद मोहम्मद हनीफ शेख की नियुक्ति कर पहले ही भर चुकी है.

लोकतांत्रिक निर्वाचन से होगी नगर पालिका अध्यक्ष के पद की नियुक्ति

सरकार के इस फैसले को बीजेपी पार्षद राम कोटवानी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इसी मसले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीधी नियुक्ति के बजाय अब लोकतांत्रिक निर्वाचन के आदेश दिए हैं.

ये है पूरा मामला

पिछली 17 जनवरी को जिले के एक बदमाश ने पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद से अध्यक्ष पद लंबे समय तक खाली पड़ा रहा. नियम के मुताबिक राज्य सरकार इस पद को भरने के लिए 6 महीने के भीतर इसी परिषद के किसी पार्षद को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है. सरकार ने कांग्रेस के मोहम्मद हनीफ शेख नामक वरिष्ठ पार्षद को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है.

नियम के मुताबिक इस फैसले में पार्षदों की सहमति भी होना जरूरी है. राजनीति के इस विपरीत हालात में भाजपा के वरिष्ठ पार्षद राम कोटवानी ने सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट इंदौर में केस दायर कर दिया था. उधर सरकार ने 6 महीने की अवधि के 2 दिन पहले ही यानी 5 जुलाई 2017 को इस पद पर मोहम्मद हनीफ शेख की नियुक्ति की थी.

कोर्ट ने दिया निर्वाचन का आदेश

मामले में हाई कोर्ट इंदौर की सिंगल बेंच एक बार पहले भी बीजेपी के पार्षद राम कोटवानी की अपील पर 40 पार्षदों द्वारा ही अध्यक्ष का चुनाव करवाने संबंधी फैसला दे चुकी है. लेकिन कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सरकार ने फिर हाईकोर्ट की डबल बेंच में नई अपील की थी. इसी मामले में डबल बेंच ने सरकार की प्रक्रिया को गलत मानते हुए लोकतांत्रिक पद्धति से निर्वाचन के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद यहां पार्षदों में से दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार खड़े होंगे और बचे हुए पार्षद ही मिलकर अब नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे.

मंदसौर। नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद ठंडी पड़ी शहर की राजनीति में अचानक भूचाल आ गया है. पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद खाली हुए इस पद को भरने के लिए कोर्ट ने अब प्रदेश सरकार को 4 हफ्ते में निर्वाचन करवाने का फैसला दिया है. जबकि प्रदेश सरकार इस पद पर कांग्रेस के पार्षद मोहम्मद हनीफ शेख की नियुक्ति कर पहले ही भर चुकी है.

लोकतांत्रिक निर्वाचन से होगी नगर पालिका अध्यक्ष के पद की नियुक्ति

सरकार के इस फैसले को बीजेपी पार्षद राम कोटवानी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इसी मसले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीधी नियुक्ति के बजाय अब लोकतांत्रिक निर्वाचन के आदेश दिए हैं.

ये है पूरा मामला

पिछली 17 जनवरी को जिले के एक बदमाश ने पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद से अध्यक्ष पद लंबे समय तक खाली पड़ा रहा. नियम के मुताबिक राज्य सरकार इस पद को भरने के लिए 6 महीने के भीतर इसी परिषद के किसी पार्षद को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है. सरकार ने कांग्रेस के मोहम्मद हनीफ शेख नामक वरिष्ठ पार्षद को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है.

नियम के मुताबिक इस फैसले में पार्षदों की सहमति भी होना जरूरी है. राजनीति के इस विपरीत हालात में भाजपा के वरिष्ठ पार्षद राम कोटवानी ने सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट इंदौर में केस दायर कर दिया था. उधर सरकार ने 6 महीने की अवधि के 2 दिन पहले ही यानी 5 जुलाई 2017 को इस पद पर मोहम्मद हनीफ शेख की नियुक्ति की थी.

कोर्ट ने दिया निर्वाचन का आदेश

मामले में हाई कोर्ट इंदौर की सिंगल बेंच एक बार पहले भी बीजेपी के पार्षद राम कोटवानी की अपील पर 40 पार्षदों द्वारा ही अध्यक्ष का चुनाव करवाने संबंधी फैसला दे चुकी है. लेकिन कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सरकार ने फिर हाईकोर्ट की डबल बेंच में नई अपील की थी. इसी मामले में डबल बेंच ने सरकार की प्रक्रिया को गलत मानते हुए लोकतांत्रिक पद्धति से निर्वाचन के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद यहां पार्षदों में से दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार खड़े होंगे और बचे हुए पार्षद ही मिलकर अब नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे.

Intro:मंदसौर। नगर पालिका अध्यक्ष के पद के चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद ठंडी पड़ी शहर की राजनीति में अचानक भूचाल आ गया है ।पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद खाली हुए इस पद को भरने के लिए कोर्ट ने अब प्रदेश सरकार को 4 हफ्ते में निर्वाचन करवाने का फैसला दिया है। जबकि प्रदेश सरकार इस पद पर कांग्रेस के पार्षद मोहम्मद हनीफ शेख की नियुक्ति कर पहले ही भर चुकी है। सरकार के इस फैसले को भाजपा पार्षद राम कोटवानी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी ।इसी मसले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीधी नियुक्ति के बजाय अब लोकतांत्रिक निर्वाचन के आदेश दिए हैं ।कोर्ट के इस फैसले के बाद अब यँहा नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है.


Body:दरअसल पिछली 17 जनवरी को शहर के एक बदमाश ने, पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद बंध वार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से यहां यह पद लंबे समय तक खाली पड़ा रहा ।नियम के मुताबिक राज्य सरकार इस पद को भरने के लिए 6 महीने के भीतर इसी परिषद के किसी पार्षद को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है ।लेकिन 40 पार्षदों वाली इस परिषद में भाजपा के 23 पार्षदों के बहुमत में से सरकार ने किसी को मौका न देते हुए कांग्रेस के 17 पार्षदों में से मोहम्मद हनीफ शेख नामक वरिष्ठ पार्षद को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। नियम के मुताबिक इस फैसले में पार्षदों की सहमति भी होना जरूरी है। राजनीति के इस विपरीत हालात में भाजपा के वरिष्ठ पार्षद राम कोटवानी ने सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट इंदौर में केस दायर कर दिया था।उधर सरकार ने 6 महीने की अवधि के 2 दिन पहले ही यानी 5 जुलाई 2017 को इस पद पर मोहम्मद हनीफ शेख की नियुक्ति की थी। इस मामले में हाई कोर्ट इंदौर की सिंगल बेंच एक बार पहले भी बीजेपी के पार्षद राम कोटवानी की अपील पर 40 पार्षदों द्वारा ही अध्यक्ष का चुनाव करवाने संबंधी फैसला दे चुकी है ।लेकिन कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सरकार ने फिर हाईकोर्ट की डबल बेंच में नई अपील की थी ।इसी मामले में डबल बेंच ने सरकार की प्रक्रिया को गलत मानते हुए लोकतांत्रिक पद्धति से निर्वाचन के आदेश दिए हैं ।इस आदेश के बाद यहां पार्षदों में से ,दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार खड़े होंगे और बचे हुए पार्षद ही मिलकर अब नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे।
1. राम कोटवानी ,अपील कर्ता, पार्षद
2. मोहम्मद हनीफ शेख, अध्यक्ष ,नगर पालिका मंदसौर



Conclusion:हाई कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा समर्थित विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कमलनाथ सरकार पर जमकर वार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनमत की अनदेखी कर अल्पमत वाली पार्टी के पार्षद की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की है ।उन्होंने साफ कहा कि अब चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार की ही जीत होगी। उधर कोर्ट के इस फैसले के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष हनीफ शेख भी नई उलझन में पड़ गए हैं ।माना जा रहा है कि अब उन्हें 40 पार्षदों वाली परिषद में चुनाव लड़कर ही दोबारा इस सीट पर कब्जा करना होगा। इधर कांग्रेस नेताओं ने भी अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारने की तैयारियां शुरू कर दी है। पूर्व जनशक्ति एवं नियोजन मंत्री नरेंद्र नाहटा ने अध्यक्ष पद पर मोहम्मद हनीफ शेख की नियुक्ति के मामले में सरकार के फैसले को सही ठहराया है। हालांकि अब कोर्ट का फैसला आने के बाद उन्होंने फैसले का सम्मान करते हुए ,अब चुनाव में भी पार्टी के उम्मीदवार की जीत का दावा किया है ।
3.यशपाल सिंह सिसोदिया, विधायक, मंदसौर
4.नरेंद्र नाहटा ,पूर्व कैबिनेट मंत्री, मध्य प्रदेश


नोट : यह समाचार स्पेशल है और इस संबंध में मैडम प्रियंका और रुचि से बात होने के बाद इसे इसी फॉर्मेट में भेजा जा रहा है अतः वॉइस ओवर कर इसे यथोचित लगाएं

विनोद गौड़ ,रिपोर्टर, मंदसौर
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