ETV Bharat / state

लॉकडाउन के बीच जल संकट से जूझ रहे 500 गांव, प्यास बुझाने के लिए मीलों सफर करते हैं ग्रामीण - massive water crisis in 500 villages

मंदसौर जिले का ग्रामीण इलाका इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रहा है. मल्हारगढ़, दलोदा, सीतामऊ और मंदसौर तहसीलों के कई गांवों में कुएं और हैंडपंप पूरी तरह सूख गए हैं.

Water lockdown
पानी का लॉकडाउन
author img

By

Published : Jun 17, 2020, 8:22 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 11:05 PM IST

मंदसौर। पहले लॉकडाउन और अब पानी की किल्लत, जी हां इसी संघर्ष से मध्यप्रदेश का मंदसौर जिला गुजर रहा है, जहां इन दिनों ग्रामीण इलाकों में पेयजल का भारी संकट खड़ा हो गया है. पिछले साल हुई 100 इंच बारिश के बावजूद इलाके में जल स्तर काफी नीचे चला गया है, जिसके चलते पीने के पानी की यहां भारी किल्लत हो गई है. जिले की 4 तहसीलों के कई गांवों के हालात ये हैं कि यहां परिवार का एक न एक शख्स दिन भर पीने के पानी का इंतजाम करने में ही लगा रहता है.

जल संकट से जूझ रहे 500 गांव

पानी के लिए दो किलोमीटर का सफर

मल्हारगढ़, दलोदा, सीतामऊ और मंदसौर तहसीलों के कई गांवों में कुएं और हैंडपंप पूरी तरह सूख गए हैं, कई हैंड पंप में अब खारा पानी आने से यहां के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. भीषण गर्मी में महिलाएं और युवतियां जंगलों में खुदे कुएं से पानी खींचकर लाने को मजबूर हैं, पीने के पानी के लिए इन दिनों महिलाएं और युवतियां एक से डेढ़ किलोमीटर दूर बने एक कुएं से पानी भरकर ला रही हैं.

एकमात्र कुआं है सहारा

जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर अफजलपुर गांव में पीने के पानी के लिए ये एकमात्र कुआं है. लिहाजा यहां पानी भरने वाले लोगों का दिन भर तांता लगा रहता है. महिलाएं इस कुएं से पानी निकालने के लिए रस्सी के सहारे बाल्टियां और घड़े भर कर खींचने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि इस मुसीबत को लेकर जिला प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन अब तक किसी तहर का कोई नतीजा नहीं निकला है.

बेखबर जिला प्रशासन

राजस्थान की सीमा से सटे मंदसौर जिले में करीब 930 गांव हैं, इनमें से करीब 500 गांव में पेयजल संकट है. शहरी इलाकों में भी प्रशासन अब 2 दिन छोड़कर तीसरे दिन महज 20 मिनट पानी की सप्लाई कर रहा है. जल स्तर नीचे चले जाने से पानी का संकट खड़ा हो गया है. कुछ स्त्रोतों से पानी जरूर मिल रहा है, लेकिन इस खारे पानी का पीने के लिए लोग उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. उधर जिला प्रशासन पेयजल संकट के हालातों से पूरी तरह से बेखबर है.

हर साल जलस्तर हो रहा कम

मंदसौर जिले में भूमिगत जल का भारी दोहन होने से ये जिला अब तेजी से रेगिस्तान में तब्दील होने की ओर बढ़ रहा है, जहां ग्रामीणों की समस्या दूर होना इनके लिए सपने जैसा है, लेकिन तमाम जल स्रोतों में हर साल जलस्तर कम होना काफी चिंताजनक है. जिस पर समय रहते अगर कोई हल नहीं निकला तो आने वाले दौर में ये एक और बड़ी परेशानी बन सकती है.

मंदसौर। पहले लॉकडाउन और अब पानी की किल्लत, जी हां इसी संघर्ष से मध्यप्रदेश का मंदसौर जिला गुजर रहा है, जहां इन दिनों ग्रामीण इलाकों में पेयजल का भारी संकट खड़ा हो गया है. पिछले साल हुई 100 इंच बारिश के बावजूद इलाके में जल स्तर काफी नीचे चला गया है, जिसके चलते पीने के पानी की यहां भारी किल्लत हो गई है. जिले की 4 तहसीलों के कई गांवों के हालात ये हैं कि यहां परिवार का एक न एक शख्स दिन भर पीने के पानी का इंतजाम करने में ही लगा रहता है.

जल संकट से जूझ रहे 500 गांव

पानी के लिए दो किलोमीटर का सफर

मल्हारगढ़, दलोदा, सीतामऊ और मंदसौर तहसीलों के कई गांवों में कुएं और हैंडपंप पूरी तरह सूख गए हैं, कई हैंड पंप में अब खारा पानी आने से यहां के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. भीषण गर्मी में महिलाएं और युवतियां जंगलों में खुदे कुएं से पानी खींचकर लाने को मजबूर हैं, पीने के पानी के लिए इन दिनों महिलाएं और युवतियां एक से डेढ़ किलोमीटर दूर बने एक कुएं से पानी भरकर ला रही हैं.

एकमात्र कुआं है सहारा

जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर अफजलपुर गांव में पीने के पानी के लिए ये एकमात्र कुआं है. लिहाजा यहां पानी भरने वाले लोगों का दिन भर तांता लगा रहता है. महिलाएं इस कुएं से पानी निकालने के लिए रस्सी के सहारे बाल्टियां और घड़े भर कर खींचने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि इस मुसीबत को लेकर जिला प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन अब तक किसी तहर का कोई नतीजा नहीं निकला है.

बेखबर जिला प्रशासन

राजस्थान की सीमा से सटे मंदसौर जिले में करीब 930 गांव हैं, इनमें से करीब 500 गांव में पेयजल संकट है. शहरी इलाकों में भी प्रशासन अब 2 दिन छोड़कर तीसरे दिन महज 20 मिनट पानी की सप्लाई कर रहा है. जल स्तर नीचे चले जाने से पानी का संकट खड़ा हो गया है. कुछ स्त्रोतों से पानी जरूर मिल रहा है, लेकिन इस खारे पानी का पीने के लिए लोग उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. उधर जिला प्रशासन पेयजल संकट के हालातों से पूरी तरह से बेखबर है.

हर साल जलस्तर हो रहा कम

मंदसौर जिले में भूमिगत जल का भारी दोहन होने से ये जिला अब तेजी से रेगिस्तान में तब्दील होने की ओर बढ़ रहा है, जहां ग्रामीणों की समस्या दूर होना इनके लिए सपने जैसा है, लेकिन तमाम जल स्रोतों में हर साल जलस्तर कम होना काफी चिंताजनक है. जिस पर समय रहते अगर कोई हल नहीं निकला तो आने वाले दौर में ये एक और बड़ी परेशानी बन सकती है.

Last Updated : Jun 17, 2020, 11:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.