मंदसौर। मध्यप्रदेश में अवारा कुत्तों की नसबंदी का मामला मंगलवार को विधानसभा में गूंजा. इस बात को लेकर बीजेपी विधायक यशपाल सिसोदिया ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. इसको लेकर सरकार क्या रही है? इस पर नगरीय प्रशासन ने चौंकाने वाला जवाब दिया. जिसे सुनकर के सदन में बैठे सदस्य हैरान रह गए. नगरीय प्रशासन ने अपने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार प्रदेश के 5 बड़े शहरों में पिछले पांच साल में आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए नसबंदी पर 17 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है.
इस पर सवाल उठाते हुए मंदसौर से बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि सरकार द्वारा कुत्तों की नशबंदी की जिम्मेदारी एनजीओ को दी गई है. जो सवालों के घेरे में है. यशपाल सिसोदिया ने कहा कि इनमें दो एनजीओ (NGO) हैदराबाद और दो एनजीओ (NGO) भोपाल के हैं. लेकिन इसके बावजूद नसबंदी का अभियान कहीं चलता नजर नहीं आता है. ऐसे में करोड़ों रुपये खर्च होने पर सवाल उठ रहे हैं? इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
कुत्तों की नसबंदी पर पांच साल में 17 करोड़ रुपए खर्च
- अवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए इन शहरों में खत्म हुए इतने रुपए
- इंदौर में 1 लाख 6 हजार कुत्तों की नसबंदी पर 7 करोड़ 46 लाख रुपए खर्च हुए.
- भोपाल में 1 लाख 4 हजार कुत्तों की नसबंदी पर 6 करोड़ 76 लाख खर्च हुए.
- जबलपुर में 31 हजार 385 कुत्तों की नसबंदी पर 1 करोड़ 70 लाख रुपए खर्च हुए.
- उज्जैन में 9000 कुत्तों की नसबंदी पर 50 लाख रुपए खर्च हुए.
- ग्वालियर में 13277 कुत्तों की नसबंदी पर 53 लाखों रुपए खर्च हुए.
विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा है कि इतने कम संसाधनों के बावजूद इतने आवारा कुत्तों की नसबंदी होना एक बड़ा सवाल है ?