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कार्यकर्ताओें को पत्ते खेलने के बाद भी पुलिस से छुड़ाता थाः कैलाश विजयवर्गीय

कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वे कहते नजर आ रहे हैं कि जब बीजेपी कार्यकर्ताओं को पत्ते खेलते वक्त पुलिस उठाकर ले जाती थी. तो वह दो-दो बजे रात तक पुलिस को फोन कर उन्हें छुड़ाने का काम करते थे. विजयवर्गीय ने यह बयान मंदसौर जिले के सीतामऊ में दिया है.

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Published : Jun 28, 2020, 1:55 AM IST

Updated : Jun 28, 2020, 6:46 AM IST

kailash vijayvargiya
कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय महासचिव, बीजेपी

मंदसौर। अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया जिससे विपक्ष ने उन्हे निशाने पर ले लिया. मंदसौर जिले के सीतामऊ में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता दो-दो बजे रात तक पत्ते खेलते थे और पुलिस उन्हें पकड़ कर ले जाती थी. लेकिन में उन्हें पुलिस से छुड़ा लेता था. उनका यह बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय महासचिव, बीजेपी

कैलाश विजयवर्गीय सुवासरा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे थे. तभी उनका कार्यकर्ता का प्रेम जाग गया. उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए सबकुछ करना पड़ता है. अगर कार्यकर्ताओं को पत्ते खेलते हुए पुलिस पकड़ लेती थी. तो में उन्हें छुड़ाता था चाहे वह कोलकाता में हो या कही और लेकिन पुलिस को फोन कर सभी कार्यकर्ताओं को छुड़ाता था. विजयवर्गीय ने कहा कि वे थाने के अधिकारियों से कहते हैं कि देख लेना पार्टी का कार्यकर्ता है. क्या करे कार्यकर्ता है बचाने के लिए करना पड़ता है.

कांग्रेस ने साधा निशाना

कैलाश विजयवर्गीय का यह बयान जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, कांग्रेस ने भी लगे हाथ निशाना साधा. कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करते हुए लिखा सीतामऊ में कार्यकर्ताओं का होसला बढ़ाने के दौरान विजयवर्गीय ने खुले मंच से यह खुलासा कर दिया कि वे अपने कार्यकर्ताओं को किस तरह बचाते हैं. उन्होंने खुद ही सच्चाई बया कर दी है.

  • मोदीजी-शाहजी ये कैसी भाजपा,ये कैसा सिस्टम,ये कैसी सोच,ये कैसा नया भारत ?

    ज़िम्मेदार नेतृत्व, कार्यकर्ताओं को पत्ते खेलते हुए पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर थाने फ़ोन कर छुड़ाते है,ख़ुद सच्चाई बया कर रहे है।

    समाज में क्या संदेश दे रहे है आप , कार्यकर्ता की क्या पहचान बता रहे है आप ? pic.twitter.com/1MVOvoquN0

    — Narendra Saluja (@NarendraSaluja) June 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हालांकि अपनी जुबान फिसलने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने सफाई देते हुए कहा वे थाने के अधिकारियों को यह कह कर छोड़ने का आदेश देते हैं. हमारे कार्यकर्ता पैसों से पत्ते नहीं खेल रहे थे. लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं की इन कारस्तानीयों के मामले में खुलासा करने के बाद अब यहां प्रदेश नयी बहस शुरु हो गई है.

मंदसौर। अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया जिससे विपक्ष ने उन्हे निशाने पर ले लिया. मंदसौर जिले के सीतामऊ में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता दो-दो बजे रात तक पत्ते खेलते थे और पुलिस उन्हें पकड़ कर ले जाती थी. लेकिन में उन्हें पुलिस से छुड़ा लेता था. उनका यह बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय महासचिव, बीजेपी

कैलाश विजयवर्गीय सुवासरा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे थे. तभी उनका कार्यकर्ता का प्रेम जाग गया. उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए सबकुछ करना पड़ता है. अगर कार्यकर्ताओं को पत्ते खेलते हुए पुलिस पकड़ लेती थी. तो में उन्हें छुड़ाता था चाहे वह कोलकाता में हो या कही और लेकिन पुलिस को फोन कर सभी कार्यकर्ताओं को छुड़ाता था. विजयवर्गीय ने कहा कि वे थाने के अधिकारियों से कहते हैं कि देख लेना पार्टी का कार्यकर्ता है. क्या करे कार्यकर्ता है बचाने के लिए करना पड़ता है.

कांग्रेस ने साधा निशाना

कैलाश विजयवर्गीय का यह बयान जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, कांग्रेस ने भी लगे हाथ निशाना साधा. कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करते हुए लिखा सीतामऊ में कार्यकर्ताओं का होसला बढ़ाने के दौरान विजयवर्गीय ने खुले मंच से यह खुलासा कर दिया कि वे अपने कार्यकर्ताओं को किस तरह बचाते हैं. उन्होंने खुद ही सच्चाई बया कर दी है.

  • मोदीजी-शाहजी ये कैसी भाजपा,ये कैसा सिस्टम,ये कैसी सोच,ये कैसा नया भारत ?

    ज़िम्मेदार नेतृत्व, कार्यकर्ताओं को पत्ते खेलते हुए पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर थाने फ़ोन कर छुड़ाते है,ख़ुद सच्चाई बया कर रहे है।

    समाज में क्या संदेश दे रहे है आप , कार्यकर्ता की क्या पहचान बता रहे है आप ? pic.twitter.com/1MVOvoquN0

    — Narendra Saluja (@NarendraSaluja) June 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हालांकि अपनी जुबान फिसलने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने सफाई देते हुए कहा वे थाने के अधिकारियों को यह कह कर छोड़ने का आदेश देते हैं. हमारे कार्यकर्ता पैसों से पत्ते नहीं खेल रहे थे. लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं की इन कारस्तानीयों के मामले में खुलासा करने के बाद अब यहां प्रदेश नयी बहस शुरु हो गई है.

Last Updated : Jun 28, 2020, 6:46 AM IST
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