मंदसौर। सुवासरा विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी हरदीप सिंह डंग ने कांग्रेस प्रत्याशी राकेश पाटीदार को हरा दिया है. उन्होंने 29 हजार 440 वोटों से जीत हासिल की है. सुवासरा सीट में पहली बार उपचुनाव हुआ है. जीत के तुंरत बाद ETV भारत से बातचीत में हरदीप सिंह डंग ने कहा कि अब हर वादा पूरा करेंगे.
किया धन्यवाद अदा
उपचुनाव के चुनावी परिणामों के दौरान मिली इस जीत के लिए हरदीप सिंह डंग ने पार्टी कार्यकर्ता और संगठन के नेताओं का धन्यवाद अदा किया. ये सीट हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे से ही खाली हुई थी. राजनैतिक लिहाज से ये सीट काफी अहम मानी जाती है. 2018 के चुनाव में कांग्रेस की तरफ से हरदीप सिंह डंग ने बीजेपी के राधेश्याम पाटीदार को शिकस्त दी थी. लेकिन कमलनाथ सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए डंग ने विधायकी से इस्तीफे देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिस कारण सुवासरा में उपचुनाव की स्थिति बनी.
हर वादा करेंगे पूरा- हरदीप सिंह डंग
चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र के मुताबिक वे सबसे पहले क्षेत्रवासियों को गांधी सागर बांध पर बन रही सिंचाई योजना पूरी करवाकर इस की सौगात देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली-मुंबई रेलवे कॉरिडोर में उद्योग धंधे लगाकर बेरोजगारों को रोजगार देंगे. इसके अलावा 8 लाइन सड़क के निर्माण के बाद इसके दोनों किनारों पर भी औद्योगिक विकास के कार्य करने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि वे शामगढ़, सुवासरा और सीतामऊ के अलावा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करने की कोशिश करेंगे.
आरक्षित से सामान्य सीट हुई सुवासरा
सुवासरा विधानभा सीट के सियासी इतिहास की बात की जाए, तो यह सीट 2008 के परिसीमन से पहले तक सीतामऊ सीट के नाम से जानी जाती थी. जो अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित थी. लेकिन जैसे ही सीट आरक्षित से सामान्य हुई वैसे ही यहां के सियासी समीकरण बदल गए. 2008 के परिसमीन के बाद इस सीट पर अब तक तीन चुनाव हुए हैं, जिनमें दो बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी को जीत मिली है.
मतदाताओं पर एक नजर
सुवासरा विधानसभा सीट के मतदाताओं की बात जाए तो यहां टोटल 2 लाख 60 हजार 251 मतदाता हैं. जिनमें 1 लाख 33 हजार 239 पुरुष मतदाता तो, 1 लाख 26 हजार 995 महिला मतदाता शामिल हैं.
जानें चुनावी इतिहास-
- 1962 में जनसंघ के चंपालाल आर्य ने जीत दर्ज की थी.
- 1967 में एक बार फिर जनसंघ चंपालाल आर्य ने जीत दर्ज की.
- 1972 में कांग्रेस प्रत्याशी रामगोपाल भारतीय जीते.
- 1977 में निर्दलीय चुनाव लड़कर चंपालाल आर्य की वापसी.
- 1980 में बीजेपी से एक बार फिर चंपालाल आर्य जीते.
- 1985 में कांग्रेस प्रत्याशी आशाराम वर्मा जीते.
- 1990 में बीजेपी के जगदीश देवड़ा जीते.
- 1993 में एक बार फिर बीजेपी से जगदीश देवड़ा जीते.
- 1998 में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा भारतीय ने हासिल की जीत.
- 2003 में बीजेपी के जगदीश देवड़ा की वापसी.
- 2008 में बीजेपी से राधेश्याम पाटीदार जीते.
- 2013 में कांग्रेस से हरदीपसिंह डंग ने जीत दर्ज की.
- 2018 में फिर से कांग्रेस से हरदीपसिंह डंग जीते.