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कम बारिश से परेशान किसान, इंद्रदेव को मनाने के लिए अपना रहे टोटके - रूठे हुए इंद्रदेव

मंदसौर में बारिश न होने के कारण किसान अब रूठे हुए इंद्रदेव को मनाने के लिए परंपरागत टोने-टोटके अपना रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत तरीके से बारिश के देवता इंद्र की पूजा करने का दौर शुरू हो गया है.

Indra Pooja for rain
बारिश के लिए इंद्र पूजा
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Published : Jul 21, 2020, 10:34 PM IST

मंदसौर। शुरुआती सीजन में ही इस बार मानसून की चाल ठीक नहीं रही है, एक माह अंदर मंदसौर जिले में केवल दो बार ही बरसात हुई है. कई इलाकों में पिछले 10 दिनों से मानसून गायब है. मंदसौर के दलोदा, मल्हारगढ़ और सीतामऊ तहसील में इस साल कई जगह बरसात नहीं हो रही है. यहां पिछले 10 दिनों से बारिश नहीं होने से किसान चिंता में हैं. जिस कारण तमाम फसलों पर बुरा असर पड़ने लगा है और किसान अब चिंतित होने लगे हैं.

अच्छी बारिश के लिए परंपरागत टोटके का सहारा

बारिश न होने के कारण किसान अब रूठे हुए इंद्रदेव को मनाने के लिए परंपरागत टोने टोटके अपना रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत तरीके से इंद्रदेव की पूजा करने का दौर शुरू हो गया है. इलाके में इस पूजा को उज्जैनी कहा जाता है, जिस गांव में उज्जैनी की घोषणा होती है, उस गांव के तमाम लोग इस दिन सूर्योदय के पहले गांव छोड़कर अपने खेतों पर चले जाते हैं और दिनभर वहीं रहकर पूजा करते हैं और खुले आसमान के नीचे दाल बाटी, चूरमा बनाते हैं, इंद्र देव को भी इसी का भोग लगाया जाता है.

इस टोटके वाले दिन गांव के घरों में बने चूल्हे पर भोजन बनाना भी वर्जित माना जाता है. इस परंपरा का पालन करने वालों का कहना है कि पूजा अर्चना की इस परंपरा के बारे में उन्हें उनके पूर्वज बता कर गए हैं, लिहाजा बारिश की उम्मीद में वे भी पालन कर रहे हैं.

Farmers worried about low rainfall
खेत में उज्जैनी मनाता किसान का परिवार

पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ बरसात करने वाला मानसून इस बार शुरुआती दौर में ही काफी धीमी चाल पर चलता नजर आ रहा है. जानकार किसानों के मुताबिक मानसून की यह चाल अल्प वर्षा के संकेत दे रही है. ऐसे में यहां किसान भारी चिंता में नजर आ रहे हैं. यदि मानसून की चाल इसी तरह रही तो फसलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है.

मंदसौर। शुरुआती सीजन में ही इस बार मानसून की चाल ठीक नहीं रही है, एक माह अंदर मंदसौर जिले में केवल दो बार ही बरसात हुई है. कई इलाकों में पिछले 10 दिनों से मानसून गायब है. मंदसौर के दलोदा, मल्हारगढ़ और सीतामऊ तहसील में इस साल कई जगह बरसात नहीं हो रही है. यहां पिछले 10 दिनों से बारिश नहीं होने से किसान चिंता में हैं. जिस कारण तमाम फसलों पर बुरा असर पड़ने लगा है और किसान अब चिंतित होने लगे हैं.

अच्छी बारिश के लिए परंपरागत टोटके का सहारा

बारिश न होने के कारण किसान अब रूठे हुए इंद्रदेव को मनाने के लिए परंपरागत टोने टोटके अपना रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत तरीके से इंद्रदेव की पूजा करने का दौर शुरू हो गया है. इलाके में इस पूजा को उज्जैनी कहा जाता है, जिस गांव में उज्जैनी की घोषणा होती है, उस गांव के तमाम लोग इस दिन सूर्योदय के पहले गांव छोड़कर अपने खेतों पर चले जाते हैं और दिनभर वहीं रहकर पूजा करते हैं और खुले आसमान के नीचे दाल बाटी, चूरमा बनाते हैं, इंद्र देव को भी इसी का भोग लगाया जाता है.

इस टोटके वाले दिन गांव के घरों में बने चूल्हे पर भोजन बनाना भी वर्जित माना जाता है. इस परंपरा का पालन करने वालों का कहना है कि पूजा अर्चना की इस परंपरा के बारे में उन्हें उनके पूर्वज बता कर गए हैं, लिहाजा बारिश की उम्मीद में वे भी पालन कर रहे हैं.

Farmers worried about low rainfall
खेत में उज्जैनी मनाता किसान का परिवार

पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ बरसात करने वाला मानसून इस बार शुरुआती दौर में ही काफी धीमी चाल पर चलता नजर आ रहा है. जानकार किसानों के मुताबिक मानसून की यह चाल अल्प वर्षा के संकेत दे रही है. ऐसे में यहां किसान भारी चिंता में नजर आ रहे हैं. यदि मानसून की चाल इसी तरह रही तो फसलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है.

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