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गोवर्धन पूजा पर महिलाओं ने लगाई नर्मदा में आस्था की डुबकी, घाट पर की भगवान श्रीकृष्ण की पूजा - mandla news

गोवर्धन पूजा के मौके पर मंडला में महिलाओं ने नर्मदा में स्नान कर घाट पर पूजा-अर्चना की.

गोवर्धन पूजा
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Published : Oct 28, 2019, 2:41 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 3:20 PM IST

मंडला। गोवर्धन पूजा के मौके पर मंडला में श्रद्धालुओं ने तड़के नर्मदा नदी स्नान कर घाट पर भगवान दामोदर के पालने डालकर पूजा-अर्चना की. वहीं लडडू गोपाल को छप्पन भोग लगाए गए.

गोवर्धन पूजा

वहीं इस मौके पर नर्मदा के तट पर महिलाओं ने बड़ी संख्या में स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के बाद दीपदान किया. जिसके बाद ब्राह्मणों और गरीबों को दान किया गया.

पंडित रामायण प्रसाद दुबे का कहना है कि हिंदू धर्म में कार्तिक मास का बहुत महत्व है. कार्तिक मास में नर्मदा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि पुराणों के अनुसार कार्तिक के समय ही भगवान विष्णु ने जालन्धर राक्षस से मुक्ति दिलाई थी, साथ ही मत्स्य का रूप धरकर वेदों की रक्षा की थी. इस कारण इस माह का काफी महत्व है.

मंडला। गोवर्धन पूजा के मौके पर मंडला में श्रद्धालुओं ने तड़के नर्मदा नदी स्नान कर घाट पर भगवान दामोदर के पालने डालकर पूजा-अर्चना की. वहीं लडडू गोपाल को छप्पन भोग लगाए गए.

गोवर्धन पूजा

वहीं इस मौके पर नर्मदा के तट पर महिलाओं ने बड़ी संख्या में स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के बाद दीपदान किया. जिसके बाद ब्राह्मणों और गरीबों को दान किया गया.

पंडित रामायण प्रसाद दुबे का कहना है कि हिंदू धर्म में कार्तिक मास का बहुत महत्व है. कार्तिक मास में नर्मदा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि पुराणों के अनुसार कार्तिक के समय ही भगवान विष्णु ने जालन्धर राक्षस से मुक्ति दिलाई थी, साथ ही मत्स्य का रूप धरकर वेदों की रक्षा की थी. इस कारण इस माह का काफी महत्व है.

Intro:मण्डला में नर्मदा नदी पर श्रद्धालुओं ने तड़के आस्था की डुबकी लगाई साथ ही भगवान दामोदर के पालने डाल कर इनकी पूजा की गई वहीं नर्मदा के किनारे राधे राधे की धुन गूंज से उठे,वहीं अन्नकूट पर्व मुहूर्त होने के चलते 56 प्रकार के पकवानों का भोग लडडू गोपाल को लगाया गया




Body:कार्तिक मास में एक माह नर्मदा में सुबह से डुबकी लगाने का काफी महत्व है जिसका वर्णन पुराणों में मिलता है कहा जाता है कि वैभव और संपन्नता के साथ ही पूण्य की प्राप्ति के लिए कार्तिक में नदियों या सरोबर में तड़के स्नान के बाद तट पर ही लड्डू गोपाल के पालने डाल कर उनकी पूजा करनी चाहिए और इसके बाद घर मंदिर,वृंदावन,शयन कक्ष में दीपक रखने से जीवन का अंधियारा समाप्त हो जाता है वहीं दीपदान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।मण्डला के सभी घाटों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी जिनमे महिलाओं की संख्या ज्यादा थी जिन्होंने नर्मदा स्नान के बाद भगवान,विष्णु की पूजा की गई।साथ ही अन्नकूट के इस अवसर पर भगवान को 56 प्रकार के भोजन और पकवानों का भी भोग लगाया गया।

कार्तिक मास का महत्व

कार्तिक मांह में करवा चौथ,दीवाली,गोवर्द्धन पूजा, भाईदूज,आंवला नवमी के साथ ही तुलसी विवाह जिसे देवउठनी ग्यारस भी कहा जाता है जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार आते हैं पुराणों के अनुसार कार्तिक के समय ही भगवान विष्णु ने जालन्धर राक्षस से मुक्ति दिलाई थी,साथ ही मत्स्य का रूप धर कर वेदों की रक्षा की थी इस कारण इस माह का काफी महत्व है।

Conclusion:नर्मदा के तट पर महिलाओं के साथ ही पुरुषों ने भी बड़ी संख्या में स्नान के बाद विष्णु की पूजा के बाद दीपदान किया जिसके बाद ब्राम्हणों और गरीबों को दान किया गया जिसका काफी महत्व है।

बाइट--श्रद्धालु
बाईट--पंडित रामायण प्रशाद दुबे
Last Updated : Oct 28, 2019, 3:20 PM IST
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