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मंडला की जनता किस पर लगाएगी दांव, 'कमल' के सिपाही को टक्कर दे रहा कांग्रेस का 'कमल' - #बीजेपी

मंडला लोकसभा सीट पर इस बार कुल 10 प्रत्याशी मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस के कमल सिंह मरावी के बीच माना जा रहा हैं.

फग्गन सिंह कुलस्ते और कमल सिंह मरावी
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Published : Apr 28, 2019, 5:33 AM IST

मंडला। मंडला के रण में 10 महारथी एक दूसरे को ललकार रहे हैं. हर सेनापति के पीछे कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी है. 29 अप्रैल को सभी सेनापति अपना दमखम दिखाएंगे, लेकिन 23 मई को नतीजों के साथ ही ये तय हो पायेगा कि किसमें है कितना दम, मंडला में कौन बना बाजीगर.

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मंडला सीट पर इस बार 19 लाख 49 हजार 412 मतदाता हैं. जिनमें 9 लाख 81 हजार पुरुष मतदाता तो 9 लाख 67 हजार 615 महिला मतदाता हैं, जबकि 23 मतदाता थर्ड जेंडर हैं. मंडला में इस बार कुल 2845 मतदान केंद्र बनाए गये हैं.

मंडला की जनता किस पर लगाएगी दांव

मंडला सीट के सियासी इतिहास की बात की जाए तो इस सीट पर अब तक हुए 14 चुनावों में 8 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है तो 5 बार बीजेपी ने परचम लहराया है, जबकि एक बार निर्दलीय प्रत्याशी भी झंडा बुलंद कर चुका है. कभी कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर अब बीजेपी का दबदबा माना जाता है. बीजेपी प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से पांच बार सांसद रहे हैं. मौजूदा सांसद कुलस्ते एनडीए की सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं.

मंडला संसदीय क्षेत्र में मंडला, बिछिया, निवास, डिंडौरी, शाहपुरा और लखनादौन मिलाकर 8 विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें 6 पर कांग्रेस काबिज है तो 2 बीजेपी के पास है. 2014 के लोकसभा चुनाव में फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्रेस के ओमकार सिंह मरकाम को हराया था, जबकि विधानसभा चुनाव परिणाम के आधार पर इस बार मंडला में कांग्रेस बढ़त बनाती नजर आ रही है.

छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे मंडला के कुछ मतदान केंद्रों को इस बार अतिसंवेदनशील माना गया है. जिस पर प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है. यहां के सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी से निगरानी की जायेगी. आदिवासी बाहुल्य मंडला सीट पर इस बार कांग्रेस ने कमल सिंह मरावी को बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते को पटखनी देने के लिए मैदान में उतारा है. हालांकि ये तो 23 मई को ही तय होगा कि कमलनाथ के भरोसेमंद सिपाही कमल सिंह का भाग्य उदय होता है. या फिर कुलस्ते बीजेपी के कुल का झंडा आदिवासी लैंड में बुलंद करते हैं.

मंडला। मंडला के रण में 10 महारथी एक दूसरे को ललकार रहे हैं. हर सेनापति के पीछे कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी है. 29 अप्रैल को सभी सेनापति अपना दमखम दिखाएंगे, लेकिन 23 मई को नतीजों के साथ ही ये तय हो पायेगा कि किसमें है कितना दम, मंडला में कौन बना बाजीगर.

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मंडला सीट पर इस बार 19 लाख 49 हजार 412 मतदाता हैं. जिनमें 9 लाख 81 हजार पुरुष मतदाता तो 9 लाख 67 हजार 615 महिला मतदाता हैं, जबकि 23 मतदाता थर्ड जेंडर हैं. मंडला में इस बार कुल 2845 मतदान केंद्र बनाए गये हैं.

मंडला की जनता किस पर लगाएगी दांव

मंडला सीट के सियासी इतिहास की बात की जाए तो इस सीट पर अब तक हुए 14 चुनावों में 8 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है तो 5 बार बीजेपी ने परचम लहराया है, जबकि एक बार निर्दलीय प्रत्याशी भी झंडा बुलंद कर चुका है. कभी कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर अब बीजेपी का दबदबा माना जाता है. बीजेपी प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से पांच बार सांसद रहे हैं. मौजूदा सांसद कुलस्ते एनडीए की सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं.

मंडला संसदीय क्षेत्र में मंडला, बिछिया, निवास, डिंडौरी, शाहपुरा और लखनादौन मिलाकर 8 विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें 6 पर कांग्रेस काबिज है तो 2 बीजेपी के पास है. 2014 के लोकसभा चुनाव में फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्रेस के ओमकार सिंह मरकाम को हराया था, जबकि विधानसभा चुनाव परिणाम के आधार पर इस बार मंडला में कांग्रेस बढ़त बनाती नजर आ रही है.

छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे मंडला के कुछ मतदान केंद्रों को इस बार अतिसंवेदनशील माना गया है. जिस पर प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है. यहां के सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी से निगरानी की जायेगी. आदिवासी बाहुल्य मंडला सीट पर इस बार कांग्रेस ने कमल सिंह मरावी को बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते को पटखनी देने के लिए मैदान में उतारा है. हालांकि ये तो 23 मई को ही तय होगा कि कमलनाथ के भरोसेमंद सिपाही कमल सिंह का भाग्य उदय होता है. या फिर कुलस्ते बीजेपी के कुल का झंडा आदिवासी लैंड में बुलंद करते हैं.

Intro:मण्डला लोकसभा क्षेत्र में कुल आठ 19 लाख से ज्यादा मतदाता हैं जो आगामी सोमवार 29 अप्रेल को होने वाले चुनाव में 10 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे वहीं अगर इस लोकसभा सीट की बात की जाए तो यहाँ चार जिले की आठ विधानसभा सीटें आती है जिनमे 6 पर कॉंग्रेश का तो 2 पर भाजपा का कब्जा है


Body:मण्डला लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस लोकसभा सीट में मण्डला,बिछिया,निवास,गोटेगांव, डिंडौरी, शाहपुरा,केवलारी और लखनादौन मिला कर आठ विधानसभा सीटें शामिल है जो मण्डला,सिवनी,डिंडौरी और नरसिंहपुर को मिला कर बनी है जिनमें से 6 पर कॉंग्रेश का तो 2 पर भाजपा का कब्जा है अब बात करें कुल मतदाताओं की तो मण्डला लोकसभा क्षेत्र में 19 लाख 49 हज़ार 412 महिला पुरुष मतदाता शामिल हैं,जिनमें 9 लाख 81 हज़ार 774 पुरूष तो 9 लाख 67 हज़ार 615 महिला मतदाता हैं वहीं अगर थर्ड जेंडर या दूसरे मतदाताओं की बात की जाए तो इनकी संख्या 23 है,अब अगर विधानसभा के हिसाब से बात की जाए तो शाहपुरा में 1 लाख 26 हज़ार 81 पुरुष,तो 1 लाख 26 हज़ार 683 महिला मतदाता हैं जिनका कुल आंकड़ा 2 लाख 52 हज़ार 765 हो जाता है।डिंडोरी में 1 लाख 18 हज़ार 173 पुरुष,1 लाख 18 हज़ार 359 महिला और कुल 2 लाख 36 हज़ार 543 कुल मतदाता हैं,बिछिया में कुल 2 लाख 42 हज़ार 876 मतदाता हैं जिनमे 1 लाख 20 हज़ार 492 पुरुष,1 लाख 22 हज़ार 383 महिला,निवास में 2 लाख 45 हज़ार,912 कुल मतदाता तो महिला 1 लाख 24 हज़ार 58 और 1 लाख 21 हज़ार 850 पुरूष मतदाता है,मण्डला विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 26 हज़ार 483 पुरूष और 1 लाख 25 हज़ार 583 महिला मतदाता मिला कर कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 52 हज़ार 29 है।सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा सीट पर 1 लाख 23 हज़ार 560 पुरूष और 1 लाख 18 हज़ार 748 महिला मतदाताओं को मिला कर 2 लाख 42 हज़ार 345 कुल मतदाता हैं,लखनादौन में 2 लाख 74 हज़ार 885 कुल मतदाताओं में पुरषो की संख्या 1 लाख 40 हज़ार 45 तो महिलाओं की संख्या 1 लाख 34 हज़ार 837 मतदाता हैं।मण्डला में शामिल नरसिंहपुर की गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 5 हज़ार 90 पुरुष और 96 हज़ार 966 महिला मतदाता मिला कर कुल 2 लाख 2 हज़ार 57 मतदाता हैं मण्डला लोकसभा क्षेत्र का अगर लिंगानुपात देखे तो यहाँ 1 हज़ार पुरूषों के मुकाबले 1 हज़ार 4 महिला मतदाता हैं वहीं निवास विधानसभा क्षेत्र में 1018 तो बिछिया में 1016 महिला मतदाता प्रति 1 हज़ार पुरूष मतदाओं के मुकाबले में हैं।और पूरे लोकसभा क्षेत्र का जेंडर रेश्यो देखें तो यह 986 है जिसमे 1 हज़ार पुरूषों के मुकाबले 923 महिला गोटेगांव में है जो आठ विधानसभा क्षत्रों में सबसे कम है।


Conclusion:अब अगर बात करें कुल मतदान केंद्र की तो मण्डला जिले की तीन विधान सभा मे 940 मतदान केंद्र है इनमें से कुछ मतदान केंद्र ऐसे हैं जिन पर चुनाव आयोग के द्वारा खास नज़र रखी जा रही है,जिले में 9 मतदान केंद्र ऐसे हैं जिनमे बीते चुनावों में 90 प्रतिशत से ज्यादा वोट पड़े थे और 75% से ज्यादा वोट एक ही प्रत्यशी के पक्ष में डाले गए थे या फिर जहाँ किसी व्यक्ति या समूह के द्वारा मतदाताओं को वोटिंग के लिए रोका गया था जिसके चलते यहाँ 0%या फिर 10%से भी कम वोटिंग हुई थी वहीं दूसरी तरफ मण्डला जिले की बिछिया विधानसभा क्षेत्र का वह इलाका जो छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा हुआ है और यहाँ नक्सल मूवमेंट एक या एक से अधिक बार देखा गया है ऐसे 21 मतदान केंद्रों को क्रिटिकल पोलिंग बूथ की श्रेणी में रखा गया है गोटेगांव में मतदान केंद्र की संख्या 198 है जबकि सिवनी जिले की केवलारी 342 और लखनादौन 368 को 611 मतदान केंद्र है जिसमे केवलारी में 48 और लखनादौन में 71 मतदान केंद्र क्रिटिकल है डिंडौरी जिले में कुल 655 मतदान केंद्र हैं जिसमें शाहपुरा में 336 और डिंडौरी में 319 मतदान केंद्र हैं।
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