मंडला। आदिवासी बाहुल्य मंडला लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की ट्क्कर बताई जा रही है. मंडला लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी कमल मरावी का कहना है चुनाव में सभी की प्रतिष्ठा दांव पर है. लेकिन इस बार मंडला में कांग्रेस की ही जीत होगी. खास बात यह है कांग्रेस इस बार संसदीय सीट की केवलारी विधानसभा पर ज्यादा फोकस कर रही है क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस सीट पर हार मिली थी.
केवलारी विधानसभा सीट मंडला में कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. लेकिन विधानसभा चुनाव में बीजेपी के इस गढ़ में सेंधमारी करते हुए यह सीट कांग्रेस से छीन ली. जबकि 2014 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते ने केवलारी सीट से ही बढ़त हासिल की थी. उन्हें केवलारी में 32 हजार वोटों से लीड मिली थी. कांग्रेस इस बार इस सीट पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है. केवलारी विधानसभा सीट आदिवासी बाहुल्य मानी जाती, जिसके चलते दोनों प्रत्याशी यहां अपना दबदबा बनाए रखना चाहते हैं. खास बात यह है कि केवलारी विधानसभा के वोटर जिस प्रत्याशी पर दांव लगाते हैं, लोकसभा में उसकी जीतने के चांस बढ़ जाते हैं.
केवलारी क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी कमल मरावी का कहना है कि जनता ने फग्गनसिंह कुलस्ते को हराने का मन बना लिया है. उन्होंने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि वे बड़े अंतर से चुनाव जीत रहे हैं. कांग्रेस ने प्रत्याशी ने कहा कि पहले उन्हें लग रहा था कि लोकसभा का चक्रव्यूह उनको अकेले ही भेदना होगा. लेकिन अब पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता कांग्रेस को जिताने के लिए लगा हुआ है.