मंडला। वो जितना काला है उतना खूबसूरत भी, वो जितना शांत है, उतना शैतान भी लेकिन भक्तों की मुराद यहां हमेशा पूरी होती है. मंडला में सैकड़ों साल पहले एक महिला ने काले रंग के कान्हा की स्थापना छोटे से मंदिर में करवाई जो अपनी शैतानियों के लिए इतने मशहूर हैं कि शोभायात्रा के दौरान डोले पर इन्हें रस्सी से बांध दिया जाता है, ताकि ये भाग न जाएं.
मंडला में कृष्ण भक्त बैय्यो बाई रहती थीं जो कहीं बाहर से आईं थीं. जिन्हें यह नगर इतना अच्छा लगा कि वे यहीं की होकर रह गईं और उन्होंने 1932 में आजाद वार्ड में अपने कान्हा के लिए छोटा सा मंदिर बनवाया. जहां कान्हा की ऐसी मूरत बैठाई गयी. जो कहीं और देखने को नहीं मिलती. क्योंकि ये कृष्ण भगवान एकदम काले हैं, लेकिन हैं बहुत खूबसूरत.
अद्भुत कृष्ण के नटखट अंदाज
1932 से हर साल जहां बैय्यो बाई के द्वारा बनवाए मंदिर पर कृष्ण जन्माष्टमी के दिन धूमधाम से जन्मोत्सव और पूजा अर्चना होती है. वहीं गणेश उत्सव के सातवें दिन पड़ने वाले डोल ग्यारस के दिन इनकी भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है. बात 1942 की है जब डोल ग्यारस के दिन इनकी शोभायात्रा के बाद कान्हा को नर्मदा नदी घुमाने ले जाया गया, तो वे अपनी राधा के साथ नर्मदा की बाढ़ में कूद पड़े. लोगों ने खूब ढूंढ़ने की कोशिश की लेकिन कान्हा मिले ही नहीं.
![This is a unique temple of Kanha with black idol.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-man-01-natkhat-kanha-raw-7205023_11082020164528_1108f_01850_138.jpg)
बिस्सो को आया सपना, फिर प्रकट हुए कान्हा
कृष्ण भक्त बैय्यो बाई अपने कान्हा के खो जाने से इतनी दुखी हुईं कि उन्होंने कसम खा ली कि जब तक कान्हा मिल नहीं जाते तब तक वे अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगी, जिसके सातवें दिन उन्हें सपने में आकर कान्हा ने बताया कि मैं इस जगह पर हूं, मुझे आकर ले जाओ. इसके बाद विस्सो बाई के द्वारा बताए स्थान से लोगों ने फिर से कृष्ण जी को लाकर उनके मंदिर में बैठा दिया. लेकिन इसके बाद से जब भी इनकी शोभायात्रा निकलती है, इन्हें रस्सी से बांध दिया जाता है.
इस कारण हुए काले कृष्ण
लोगों का कहना है कि इस मंदिर के कृष्ण की मूर्ति बहुत पुरानी है. जो कहां से आई किसी को पता नहीं, बात उस समय की है जब कृष्ण भगवान का बालपन था. तब उन्हें पता चला कि जिस यमुना नदी और उसके किनारे कदम्ब के पेड़ों में वे अपने साखाओं और गोपियों के साथ ज्यादातर समय बिताते हैं, वहां काली नाम का नाग आ गया है. जो बहुत ही भयंकर और खतरनाक है.
![This year due to Corona infection people will celebrate Krishna Janmashtami at home](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-man-01-natkhat-kanha-raw-7205023_11082020164528_1108f_01850_712.jpg)
इसके बाद कान्हा कालिया नाग को मारने जा पहुंचे तो उसने भयंकर विष अपनी फुंफकार के साथ कृष्णजी पर छोड़ा. जिससे वे काले हो गए और अंत में उन्होंने कालिया नाग का मर्दन बाल्यकाल में ही कर दिया, यह मूर्ति उन्ही कान्हा की प्रतिमूर्ति है.
आजाद वार्ड के इन कान्हा पर लोगों को अगाध श्रद्धा है और कृष्ण जन्माष्टमी के समय यहां ऐसा उत्सव होता था कि कान्हा के दर्शन कर पाने के लिए लाइन लगानी पड़ती थी. लेकिन कोरोना महामारी के चलते मंदिर की न तो वैसी साज सज्जा है न ही सोशल डिस्टेंशिंग के चलते भीड़, बस पुजारी और कुछ लोग ही यहां उत्सव मनाएंगे. लेकिन घर से अपने इस नटखट कान्हा की पूजा जरूर करेंगे, क्योंकि यहां मांगी गई मुराद कभी खाली नहीं जाती.