छिंदवाड़ा : स्वास्थ्य बीमा होने के बाद भी दुर्घटना में घायलों को क्लेम की राशि नहीं दिए जाने पर उपभोक्ता फोरम ने 15 लाख रु का जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता फोरम ने इसे 'सेवा में कमी' का मामला मानते हुए बीमा कंपनी के खिलाफ 15 लाख रुपए जुर्माना परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश सुनाया है. जानें ये पूरा मामला और साथ ही जानें कि कैसे आप भी इंश्योरेंस की राशि नहीं मिलने पर किन परिस्थितियों में उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं.
एक्सीडेंट के बाद समय पर नहीं दिया मेडिकल बीमा
दरअसल, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने सेवा में कमी पर एक निजी बीमा कम्पनी के खिलाफ फैसला सुनाया है. एडवोकेट अनुपम गढ़वाल ने बताया, '' परिवादी नाबालिग पिता विजेन्द्र खोब्रागड़े की ओर से उपभोक्ता फोरम में सेवा में कमी का मामला प्रस्तुत किया गया था. बताया गया कि परिवादी छिंदवाड़ा से बालाघाट जा रहा था, इसी दौरान सिवनी के पास सड़क हादसे का शिकार हो गया. इस हादसें में परिवादी के ड्राइवर की मौत हो गई थी, वहीं नाबालिग परिवादी कोमा में चला गया था. परिवार का मेडिकल बीमा एक निजी कंपनी से था लेकिन इलाज के दौरान कंपनी ने समय पर मेडिकल बीमा का लाभ नहीं दिया.''
पीड़ित को 6 प्रतिशत ब्याज के साथ दें 15 लाख : उपभोक्ता फोरम
मेडिकल बीमा समय पर नहीं मिलने की वजह से परिवादी ने उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के समक्ष दावा प्रस्तुत किया. आयोग के समक्ष बीमा कंपनी द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया और न ही कोई सबूत प्रस्तुत किए गए थे, जिसे लेकर आयोग अध्यक्ष श्यामाचरण उपाध्याय व सदस्य मोहन सोनी ने बीमा कंपनी को 15 लाख रुपए व छः प्रतिशत वार्षिक ब्याज परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का फैसला सुनाया है.
उपभोक्ता फोरम में कैसे कर सकते हैं शिकायत?
एडवोकेट अनुपम गढ़ेवाल ने बताया, '' उपभोक्ता एक सादे कागज पर भी अपनी शिकायत लिखकर फोरम में दे सकता है. शिकायत में मामले की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि घटना कहां और कब की है. इसके साथ ही शिकायत के साथ में उपभोक्ता को संबंधित वस्तु या सेवा का बिल और अन्य दस्तावेज भी पेश करना होता है. शिकायत पत्र में यह भी लिखा जाता है कि आप सामने वाली कंपनी से कितना मुआवजा चाहते हैं.जिला उपभोक्ता फोरम प्रत्येक जिले में उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम का गठन किया गया है. इस एक्ट के तहत जिला उपभोक्ता फोरम में 20 लाख रुपए तक के मामले सुने जाते थे, लेकिन इसे बढ़ाकर 50 लाख कर दिया गया है.''
उपभोक्ता फोरम में किन मामलों की कर सकते हैं शिकायत?
उपभोक्ता सेवा में कमी के साथ-साथ विभिन्न मामलों को लेकर उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं, जैसे- दोषपूर्ण उत्पाद, गलत बैंक शुल्क,ऑनलाइन शॉपिंग में धोखाधड़ी, उत्पाद की कीमत और क्वालिटी में गड़बड़ी, झूठे विज्ञापन, प्रोडक्ट की गलत जानकारी आदि. जिला उपभोक्सा फोरम में 50 लाख तक और राज्य उपभोक्ता फोरम में दो करोड़ तक के मामले सुने जाने का प्रावधान है. नए एक्ट के तहत उपभोक्ता को 5 लाख रु तक के मामले में कोई शुल्क नहीं देना होता.
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