मण्डला। जिला मुख्यालय से करीब 115 किलोमीटर दूर ओराघुघरा गांव में सड़क की लड़ाई लड़ रहे ग्रामीणों ने आखिरकार सरकार और जनप्रतिनिधियों की वादाखिलाफी से तंग आकर खुद सड़क का जाल बिछाने का काम अपने हाथ में ले लिया. ग्रामीणों ने हाथों में तसला, फावड़ा, कुदाल और सब्बल उठाकर खुद ही सड़क बनाने के लिए निकल पड़े और पहाड़ को काटकर रास्ता बना रहे हैं.
मण्डला के मवई ग्राम पंचायत अमवार के जंगल में बसे ओरा घुघरा गांव में आवाजाही के लिए सड़क नहीं है. यहां रहने वाले बैगा जनजाति के परिवारों को सड़क नहीं होने से मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था. इसके लिए ग्रामीणों ने सड़क के लिए प्रशासन से अर्जी लगाई और जब प्रशासन नहीं जागा तो ग्रामीणों ने खुद ही श्रमदान कर रास्ता अपनाने का संकल्प लिया.
इस काम में बुजुर्ग, महिला, पुरुष और बच्चे सभी 'दशरथ मांझी' बन पहाड़ी के पत्थर तोड़ने में जुट गए. वहीं ग्रामीणों की मेहनत भी रंग ला रही है. ग्रामीणों की जिद के आगे कठोर पत्थर भी टूट कर सड़क बनाने में उनकी सहायता कर रहे हैं.
बता दें कि मण्डला के ओराघुघरा में 28 बैगा परिवार निवास करते हैं और यहां तक पहुंचने एक भी रास्ता नहीं है. जिसके कारण ग्रामीणों को पहाड़ी के ऊपर से आना जाना पड़ता था.